रेल के ट्रैक पर भारत-बंगलादेश के बीच बढ़े दोस्ती के दो हाथ
हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल मार्ग पर पहली मालगाड़ी बांग्लादेश रवाना
पवन शुक्ल, सिलीगुड़ी
पूर्वोत्तर के चिकननेक को वैसे तो इतराने की बहुत सी वजह है। लेकिन पड़ोसी देश बंगलादेश के बीच ब्राडगेज के माध्यम से पहली ट्रेन उत्तर बंगाल से बंगालादेश के लिए रवाना किया। इस रेलवे ट्रैक के शुरू होने के बाद से बंगाल को इतराने की एक और वजह दे दी है। ऐतिहासिक अगस्तक्रांति के माह में 01 अगस्त 2021 को हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल मार्ग पर हल्दीबाड़ी रेलवे स्टेशन से स्टोन चिप्स लदी पहली मालगाड़ी पड़ोसी देश बांग्लादेश के लिए रवाना हुई। रेल के ट्रैक पर जैसे स्टोन चिप्स लदी ट्रेन सारी औपचारिकताओं को पूरा कर जैसे ही ट्रेन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के गेट को पार किया तो भारत-बंगलादेश के बीच दोस्ती के दोनों एक दूसरे की तरफ बढ़कर इतिहास को दोहराने लगे।
मालूम हो कि भारत तथा तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के बीच हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल मार्ग वर्ष 1965 चल रही थी। लेकिन बटवारे के दौरान यह कोलकता से सिलिगुड़ी तक ब्रॉड गेज रेल मार्ग मुख्य मार्ग का हिस्सा थी। बटवारे के बाद भी असम और उत्तर बंगाल तक रेल यात्रा के लिए तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के क्षेत्र से गुजरना पड़ता था। 1965 के युद्ध के पश्चात भारत तथा तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के बीच सभी रेल मार्ग बंद कर दिये गये थे। लेकिन पांच दशक बाद वर्ष 2016 -2017 में भारतीय रेल के द्वारा चिलाहाटी बांग्लादेश के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए हल्दीबाड़ी स्टेशन भारत से बांग्लादेश की सीमा तक नई ब्रॉड गेज रेल लाईन के निर्माण की अनुमति प्रदान की गई थी। प्रधानमंत्री स्तर के द्विपक्षीय सम्मेलन के दौरान दोनो देशों के प्रधानमंत्रियों ने दिनांक 17 दिसंबर 2020 को हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल मार्ग का उदघाटन किया था। हालाकी कोरोना महामारी के कारण तब से इस रेल मार्ग पर नियमित रेल सेवा आरंभ नहीं की जा सकी थीं। हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल मार्ग पश्चिम बंगाल, असम, नेपाल तथा भुटान से बांग्लादेश के लिए सामाग्रीयों के परिवहन के लिए संक्षिप्त मार्ग प्रदान करेगा। क्षेत्रिय व्यापार के विकास में सहायता प्रदान करने तथा क्षेत्र के आर्थिक तथा सामाजिक विकास में बढ़ावा देने के लिए यह रेल मार्ग मुख्य बंदरगाहों तथा भू-सीमाओं तक रेल नेटवर्क के पहुंच में सहयोग करेगा। इस नये रेल मार्ग से दक्षिण एशिायाई देशों के साथ व्यापार तथा आर्थिक क्रियाकलाप में भी सहयोग मिलेगा। इस ऐतिहासिक मौके पर सीमा सुरक्षा बल की ओर से बल के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।