मानवता पर सरहद कहां टिकती है...

बीएसएफ ने बंगलादेशी महिला के साथ पेश की मानवता की मिशाल

महिला एवं उसके बच्चे को बार्डर गार्ड बांग्लादेश को सौंपा

न्‍यूज भारत, सिलीगुड़ी : भारत विविध धर्मो को देश है, यहां भाषा या जात-पात कम मानवता की परिभाषा का ज्ञान पढ़ाया जाता है। मानवता की पढ़ाई यहां बचपन से ही इंसान के रगों में भरा जाता है। अपनी इसी पहचान को और निखार कर आज सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने प्रस्‍तुत किया है। मानवीय भूल को भूलकर आज सरहद की दीवार पार कर भारत में घुसने की कोशिश कर रही एक बंगलादेश की महिला और उसके दस माह के बच्‍चे को बंगलादेश को सौंप कर मानवाता की अनूठी मिशाल पेश की है।

बीएसएफ से मिली जानकारी के अनुसार 25 जुलाई 2021 को लगभग 12.30 बजे एक पुख्ता सूचना मिली की एक महिला भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने की फिराक में है। 137वीं बटालियन सीमा सुरक्षा बल की सीमा चौकी चकगोपाल के जवानों ने 01 बांग्लादेशी नागरिक (महिला) को उसके एक 10 महीने के बच्चे के साथ अंतराष्ट्रीय सीमा पर उस समय पकड़ा। वह अवैध रूप से बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रही थी। पकड़ी गई बांग्लादेशी नागरिक (महिला) की पहचान शमीमा बीबी (20 वर्ष) पत्नी सईदुल ईस्लाम निवासी, गांव-अरनाबाटी पोस्ट आफिस-डोरा थाना-सिलहट जिला-सिलहट (बांग्लादेश) के रूप में की गई। सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक (महिला) एवं उसके बच्चे को सीमा सुरक्षा बल और बार्डर गार्ड बांग्लादेश के मध्य हुई फ्लैग मीटींग के दौरान बार्डर गार्ड बांग्लादेश को सौंप दिया गया। सीमा सुरक्षा बल और बार्डर गार्ड बांग्लादेश के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। आपसी संबंधों को और मजबूत बनानें के लिए तथा मानवाधिकारों का ध्यान में रखते हुए उन्हें बार्डर गार्ड बांग्लादेश को सौंप दिया गया जिससे दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास निश्चय ही बढ़ेगा। दोनों सीमा बलों के बीच कोई भी विवाद होने पर उसकों मैत्रीपूर्ण ढ़ंग से आपसी बात-चीत के द्वारा सुलझा लिया जाता है।