दौड़ते पांव ही नया रास्ता बनाएंगें: नरेंन्द्र मोदी
50-100 नए लक्ष्य तय करे आईसीसी
न्यूज भारत, कोलकाता: “चोलाय चोलाय बाजबे जोयेर मेरी,पाएर बेगेई पोथ केटे जाय कोरिश ना आर देरी” अर्थात हर आगे बढ़ने वाले कदम पर घोषनाद होगा। दौड़ते पांव ही नया रास्ता बना देंगे, अब देरी मत करो। प्रधानमंत्री ने आज फिर एक बार 'गुरु रविन्द्र नाथ टैगौर ने अपनी कविता ‘नूतोन जुगेर भोर’ की पक्तियों को सुनाकर बंगाल के दिल में प्रवेश करने की कोशिश की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोलकाता स्थित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ‘आईसीसी’ के 95वें सालाना कार्यक्रम को कार्यक्रम को संबोधित करते उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि पूरा नॉर्थ ईस्ट ऑर्गेनिक खेती के लिए बहुत बड़ा हब बनने की क्षमता रखता है, और हमारा मकसद किसानों को मजबूत बनाना है। लोकल प्रोडक्ट के जिस क्लस्टर बेस्ड एप्रोच को भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है, उसमें देश के सभी क्षेत्रों लिए अवसर मौजूद हैं। जिन जिलों में जो पैदा होता है उनके लिए वहीं क्लस्टर बनाए जाएंगे। जैसे कि पश्चिम बंगाल में जूट उत्पादन को सुविधाएं दी जाएंगी। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत बंगाली भाषा में करते हुए पीएम ने कहा कि लोकल प्रोडक्ट के लिए क्लस्टर के आधार पर मजबूती दी जा रही है। नॉर्थ ईस्ट को ऑर्गेनिक खेती का हब बनाए जाने की कोशिश हमारी सरकार कर रही है, आईसीसी के साथ जुड़े सभी व्यापारी ठान लें तो नॉर्थ-ईस्ट में ऑर्गेनिक खेती एक बड़ा आंदोलन बनकर देश के मानचित्र पर उभर सकता है और आप भारत ही ग्लोबल मार्केट में छा सकते हैं। पीएम ने कहा कि आज वक्त है कि कोलकाता फिर से लीडर बने, क्योंकि कहा जाता है कि बंगाल जो आज सोचता है, पूरा देश आगे करता है। ये समय कंजर्वेटिव एप्रोच का नहीं, बल्कि साहसिक फैसलों की जरूरत है। भारत में ग्लोबली डोमेस्टिक सप्लाई चेन तैयार करने का है। सभी स्टेक होल्डर को संकट से निकालने में मदद करनी है और वैल्यू एडिशन में हैंड होल्डिंग करनी है। उन्हेांने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर आईसीसी भी नए लक्ष्य तय करे, 5 साल बाद यानी 2025 में आपकी संस्था अपने 100 वर्ष पूरे करने जा रही है। वहीं 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं। ये आपकी संस्था के लिए, सदस्यों के लिए बेहतरीन समय है एक बड़ा संकल्प लेने का। मेरा आपसे आग्रह है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को चरितार्थ करने के लिए आईसीसी भी 50-100 नए लक्ष्य तय करे।