बंगाल के आसामन में गरजेंगा रफाल, दहलेगा ड्रैगन

पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयरबेस से मई में वायुसेना के रफाल पाइलट भरेंगे उड़ान  

चीन की पूर्वी सीमा की निगरानी आसान हुई, चीन की नाथुला समेत पूर्वी सीम पर है नजर

सामरिक दृष्टिकोण से हासीमारा अतिसंवेदनशील, ड्रैगन पर वायु सेना यही से रखेगा नजर

पवन शुक्ल, सिलीगुड़ी

पश्चिम बंगाल की हसीन वादियों में चुनावी पारा चढ़ा हुआ है। इसी गर्मी के बीच पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयरवेस पर भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल होने आ रहा है रफाल”। अप्रैल के मध्य में मिलने के बाद मई में रफाल के दूसरे स्क्वाडन को हासीमारा वायुसेना केन्द्र पर तैनात कर दिया जाएगा। सामरिक नजर से देखें तो बंगाल का हासीमारा एयरबेस काफी अहम है। क्योंकि ड्रैगन (चीन) के साथ सीमा का सबसे अधिक विवाद पूर्वी सीमा ही है। जिसमें मुख्यरूप से गंगटोक की सीमा में नाकुला, नाथुला व अरुणांचल प्रदेश की सीमा है। इसलिए हासीमारा एयरबेस चीन को मुंहतोड जवाब देने के लिए अहम हो जाता है। हलांकि इस दूसरे स्क्वाडन की प्रशिक्षण संबंधी तैयारी पूरी कर ली गई है। अप्रैल 2021 के मध्य में मिलने वाले रफेल को मर्इ 2021 में हासीमारा एयरबेस पर रफेल के दूसरे स्क्वाडन को तैनात कर दिया जाएगा। हलांकि भारत सरकार ने 2017 के विवाद के बाद से ही सीमा पर असानी से पहुंचने के लिए सड़क, पुल का तेजी से निर्माण कर रही है। भारत की इस तैयारी को देखकर ड्रैगन धीरे-धीरे ठंडा होता जा रहा है।          

मालूम हो कि हासीमारा एयर बेस जहां चीन की पूर्वी सीमा के काफी जनदीक होगा वहीं भूटान ट्राइजंक्शन के काफी करीब है। ऐसे में यहां स्क्वॉड्रन बनाने से चीन के किसी भी हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकेगा। वहीं भारत में राफेल का पहला स्क्वॉड्रन अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर तैनात है जो गतवर्ष वायुसेना के बेडे में शामिल किया गया था। राफेल फाइटर जेट के पहले स्क्वॉड्रन में 5 फाइटर जेट हैं और जिसे सितंबर 2020 में एयरफोर्स में शामिल किया गया था। इन्हें 'गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन' में जगह मिली थी एयरफोर्स, हाशिमारा एयर बेस पर मई महीने से यह फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ाएगा। इसी समय फ्रांस में लड़ाकू पायलटों का प्रशिक्षण भी पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही एयरफोर्स में 20 से ज्यादा राफेल फाइटर्स शामिल हो जाएंगे। इससे पहले सरकार ने कहा था कि अब तक 11 राफेल विमान भारत आ चुके हैं और मार्च तक 17 और ऐसे विमान भारत को मिल जाएंगे। राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक सवाल के जवाब में बताया, ''अब तक 11 राफेल विमान भारत में आ चुके हैं, वहीं मार्च तक 17 और ऐसे विमान भारत को मिल जाएंगे और अप्रैल 2022 तक भारत को पूरे राफेल मिल जाएंगे.''।

बताते चलें कि भारत ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए करार किया है। वहीं 21 राफेल विमानों की डिलीवरी के साथ ही भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में अभूतपूर्व इजाफा होगा। हाशिमारा एयरबेस पश्चिम बंगाल में भारत की पूर्वी सीमा पर स्थित है। यहां पर तैनाती से चीन की ओर से पेश किसी भी संभावित खतरे से भारत बखूबी निपट सकेगा। राफेल फाइटर विमान एमआर्इसीए और मेट्योर एअर टू एअर मिसाइल से लैस हैं। इसके साथ ही इसमे स्कैल्प एअर टू ग्राउंड क्रूज मिसाइल से हमला करने की क्षमता मौजूद है। इन विमानों की तैनाती से उत्तर और पूर्व में भारत की हवा और जमीन में मारक क्षमता में जोरदार इजाफा होगा।