राकेश की प्रस्‍तुति ने महाहिम के मन को मोहा

महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर के शिलान्यास एवं भूमि पूजन में पहुंचे थे राष्‍ट्रपति राजेश कुमार शुक्‍ल, गोरखपुर (उप्र) मंच था, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर के शिलान्यास एवं भूमि पूजन का। मंच पर मौजूद भारत के राष्‍ट्रपति उनके स्‍वागत में स्‍वर गुंजन की सांस्‍कृतिक प्रस्‍तुति पर जब तान भरी तो पूरा माहौल संगीत की स्‍वर लहरियों की तान पर झूमने लगा। मालूम हो कि स्वर गुंजन की सांस्कृतिक प्रस्तुति में राकेश उ

ऐ वतन मेरे आबाद रहे तूं….

स्वर गुंजन की मनमोहक प्रस्तुति ने श्रोताओं का जीत लिया दिल न्‍यूज भारत, गोरखुपर:  जश्‍ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर योगिराज बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह गोरखपुर में जब बाल कलाकारों ने अपनी प्रस्‍तुति पर तान दिया तो पूरा प्रेक्षागृह देशभक्ति की भावना में डूब गया। नन्‍हें बालकलाकरों लें अपनी प्रस्‍तुति में ऐ वतन मेरे आबाद रहे तूं पर तान कसी तो पूरा प्रेक्षागृह शहीदों को याद कर देशभक्ति की भावना में ओत-प्रोत होने लगा। मालूम हो कि  12 अगस्त 2021 को योगि

मिटायेंगे जालिम का घर देख लेना...

सीखने की कोई उम्र नही होती : पद्म श्री डॉ राजेश्वर   संगीत नाटक अकादमी द्वारा अमृत आजादी का महोत्सव के अंतर्गत देशभक्ति गीतों के कार्यशाला का समापन न्‍यूज भारत, गोरखपुर (उप्र.) : प्रधानमंत्री माननीय रेंद्र मोदी के आह्वान पर देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ की पावन अवसर पर "आजादी के अमृत महोत्सव" कार्यक्रम समूचे देश में सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन हो रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश भी

देश भक्ति गीतों पर झूमे सोशल मिडिया के लोग

आजादी के अमृत महोत्सव  में ‘सुंदर सुभूमि भइया भारत के देशवा से’ की तान मदमस्‍त हुए श्रोता आकाश शुक्‍ल, गोरखपुर (उप्र.) कोरोना संक्रमण से जूझ रहे देश ने अब थोड़ी राहत की सांस ली है। ऐसे में भारतीय संगीत प्रेमी अब सोशल मिडिया पर ही संगीतों के तान पर गोते लगा रहे हैं। इस क्रम में संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश ने "आजादी के अमृत महोत्सव" कार्यक्रम में सोशल मिडिया पर देशभक्ति गीतों की धूम रही। मालूम हो कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोद

लोक संस्कृति के सवंर्धन सराहनीय कदम : रवि किशन

भारतीय संस्कृति जल के समान सरल है,सहज है : अमीरचंद दस दिवसीय लोकगायन कार्यशाला का समापन आकाश शुक्‍ल, गोरखपुर (उप्र) संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा शारदा संगीतालय के स्थानीय सहयोग से आयोजित पारंपरिक अवधी भोजपुरी कार्यशाला बतौर निदेशक श्री राकेश श्रीवास्तव जी के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। यह कार्यशाला 1 जुलाई से 10जुलाई तक होनी सुनिश्चित थी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोरखपुर के माननीय सांसद रविकिशन जी और बतौर विशिष्ट अतिथि अमीरचंद जी कार्यक्रम

गोरी झूलि गई जुलुआ हजार में...

राकेश की आनलाइन प्रस्‍तुति में झूमें श्रोता आकाश शुक्‍ल, गोरखपुर (उप्र.) चौरी चौरा शताब्दी समारोह एवं आजादी का अमृत महोत्सव"लोकरंग" के कार्यक्रम में जब ‘गोरी झूलि गई जुलुआ हजार में, के मधुर तान आनलाइन मिडिया पर गूंजे तो अषाढ़ में सावन की घटा छा गइ। आनालाइन कार्यक्रम के माध्‍यम से इस प्रस्‍तुति राकेश उपाध्याय 8 जुलाई 2021 को शाम 6.30  बजे उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा ऑन लाइन प्रस्तुति में गोरखपुर प्रस्‍तुत किए। श्री उपाध्‍याय अपनी टीम के सा

हर एक कलाकारों को जोड़ना विभाग का उद्देश्य : प्रभाकर जौहरी

यह कार्यशाला बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा : कमलेश पाठक देश विदेश के 85 प्रतिभागी ले रहे हैं भाग : राकेश श्रीवास्‍तव न्‍यूज भारत, गोरखपुर :  जुलाई, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश का मुख्य उद्देश्य है कि वे प्रदेश के सभी कलाकारो तक अपनी पहुँच बना सके इस उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। लोक संस्कृति को संरक्षित करने का जो अभिनव प्रयोग राकेश श्रीवास्तव द्वारा किया जा रहा है। ये अत्यंत ही प्रशंसनीय है, मैं संस्कृति विभाग की ओर से इन्हें शुभकामनाएं द

राकेश ने स्‍वयं किया ‘क्या गाउँ, तुझे सुनाउँ’ का लोकार्पण

न्‍यूज भारत, गोरखपुर : विश्व संगीत दिवस के अवसर पर  बिना किसी औपचारिकता के लोकगायक एवं संगीत नाटक एकेडमी उत्तर प्रदेश के सदस्य राकेश श्रीवास्तव ने अपने स्वर में गाये एक हिंदी गीत का स्वयं लोकार्पण किया। उन्‍होंने बताया कि करोना कॉल में  सब कुछ बंद था, लेकिन मैं निरन्तर ऑनलाइन गीत संगीत पर कार्य कर रहा था। इस क्रम में फेसबुक पर पोस्ट एक गीत मुझे बहुत अच्छा लगा जिस के रचनाकार सुप्रसिद्ध गीतकार संगीत सुभाष जी थे। मैंने उस गीत को कंपोज किया। संगीतकार कन

फुलगेना के आईल बहार हे रसिया...

‘स्वर गुंजन’ की प्रस्तुति में युवाओं में दिखा पारंपरिक लोकगीतों का जोश परंपरा को गांवों के गलि‍यों में जीवित रखने का प्रयास : राकेश उपध्‍याय पवन शुक्‍ल, सि‍लीगुड़ी/देवरिया (उप्र) रंगों के रंगीनियों के पर्व होली की आहट के साथ ही पूरी फिंजा मदमस्‍त हो जाती है। इसके साथ पारंपरिक फाग महोत्सव रंग बिखरने लगते हैं। कहीं फूलों की होली और कृष्ण भजनों से पूरा माहौल भक्तिरस में डुब जाता है। ल‍ेकिन सबसे मनमोहक पर्व होली की गवंई परंपरा आज भी गांवों के माह

घर फूंक दिया हमने अब राख उठानी है...

80 की उम्र में भी श्रोताओं पर छा जाते हैं संतोषानंद फिल्‍म प्रेम रोग मुहब्बत है क्या चीज, क्रांति, शोर, रोटी कपड़ा और मकान के हिट गीतकर रहे संतोषानंद संतोष जी इंडियन आइडल के शो पर आए थे 21/02/2021 को, अपनी ज़िंदगी से जुड़े कुछ भावुक पल दर्शकों के साथ साझा करते हुए भावुक हो गए, गायिका नेहा कक्कड़ ने भेंट स्वरूप 5 लाख रु देने का कहा तो संतोष जी ने कहा,"धन्यवाद बेटी! पर मैं बहुत स्वाभिमानी हूँ किसी से पैसा नहीं लेता भले ही पैसे की तंगी हो, फिर नेहा ने कहा अपनी पोती समझ के

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