उन्नत मानचित्रण तकनीक प्रशिक्षण कार्यक्रम में गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने किया सहभाग

• दून विश्वविद्यालय में आयोजित प्रशिक्षण में देशभर के 30 शोधार्थियों ने लिया भाग

• गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को भू-आकृति विज्ञान की आधुनिक तकनीकों का मिला व्यावहारिक अनुभव

एनई न्यूज भारत,देहरादून/गोरखपुर|7 जून: भारतीय भू-आकृति विज्ञान संस्थान (आई०जी०आई०) और युवा भू-आकृति विज्ञान फोरम (वाई०जी०एफ०) द्वारा आयोजित पांचवें राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “भू-आकृति विज्ञान और भूमि उपयोग-भूमि आवरण नियोजन में उन्नत मानचित्रण तकनीक” में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के शोधार्थियों अंकित सिंह एवं गौरव राय ने सहभागिता की।

यह प्रशिक्षण 2 से 6 जून, 2025 तक डॉ. नित्यानंद हिमालयन शोध एवं अध्ययन केंद्र, दून विश्वविद्यालय, देहरादून में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को भू-आकृति विज्ञान की आधुनिक तकनीकों और उन्नत सैद्धांतिक ज्ञान से परिचित कराना था।

शोधार्थियों के निर्देशनकर्ता डॉ. श्री प्रकाश सिंह, सहायक आचार्य, भूगोल विभाग, ने जानकारी दी कि भारत भर से चयनित 30 शोधार्थियों को इस प्रशिक्षण में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण में बाढ़ सिमुलेशन, जीपीआर और ईआरटी सर्वेक्षण, आइसोटोप डेटा संग्रह, ग्लेशियोलॉजिकल खतरा मानचित्रण, मात्रात्मक भू-आकृति विज्ञान, भूस्खलन जोखिम विश्लेषण, तथा रॉक मैकेनिक्स जैसे उन्नत विषयों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

इसके अलावा, प्रतिभागियों को एम०बी०टी० क्षेत्रों में क्षेत्रीय भू-सर्वेक्षण, दोषों, थ्रस्ट, गुफाओं और घाटियों का अवलोकन, तथा हिमालयी हिमनद प्रणाली और सांस्कृतिक भू-आकृति विज्ञान जैसे विशेष विषयों पर क्षेत्र-आधारित अनुभव भी प्राप्त हुआ।

डॉ. सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण व्यवहारिक भू-आकृति विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा और उनके शोध को एक नई दिशा प्रदान करेगा।

गौरतलब है कि इस तरह के कार्यक्रम उभरते शोधार्थियों को न केवल तकनीकी दक्षता प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें भारत की भौगोलिक विविधताओं के संदर्भ में व्यवहारिक दृष्टिकोण से भी सशक्त बनाते हैं।