एक पैर से भी दुश्मनों से लोहा लेने को तैयार हैं वेद व्यास

• बीएसएफ ने साझा की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शौर्यगाथा जांबाज़ी की मिसाल बने सब इंस्पेक्टर वेद व्यास

• घायल होने के बाद भी डटे रहने का संकल्प, एक टांग गंवाने के बावजूद देशसेवा की जिद में वेद व्यास

• ऑपरेशन सिंदूर में दिखी बीएसएफ की वीरता, पाकिस्तानी ड्रोन और तोपों को दिया करारा जवाब
 

एनई न्यूज भारत,जम्मू: बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) जम्मू फ्रंटियर के वीर जवानों ने शनिवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान दिखाए गए साहस और समर्पण की भावुक गाथा साझा की। मीडिया संवाद में ऑपरेशन सिंदूर में घायल हुए जवानों ने अपने अनुभव सुनाए, जिनमें उनके अदम्य साहस, अटल निष्ठा और राष्ट्र के प्रति समर्पण की गूंज सुनाई दी।



संवाद के केंद्र में रहे बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर वेद व्यास, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया, लेकिन गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्होंने अपनी एक टांग गंवा दी, लेकिन आज भी देश की सेवा के लिए बॉर्डर पर लौटने का जज़्बा रखते हैं। वेद व्यास ने बताया कि जब तक दुश्मन की तोपें शांत नहीं हुईं, उन्होंने एलएमजी से लगातार फायरिंग जारी रखी। उन्होंने पाकिस्तानी ड्रोन को भी मार गिराया।

इस हमले में उनके दो साथी, सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तेयाज और कांस्टेबल दीपक, शहीद हो गए। सब इंस्पेक्टर वेद व्यास ने उन्हें अपनी आंखों के सामने बलिदान होते देखा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने आगे बताया, “मैं कब बेहोश हुआ, मुझे याद नहीं। जब होश आया तो अस्पताल में था और मेरी एक टांग कट चुकी थी।”

बीएसएफ डीआईजी प्रभाकर जोशी ने बताया कि जब मैं वेद व्यास से मिलने अस्पताल गया, तो होश में आने पर उनके पहले शब्द थे, ‘मैं फिर से पोस्ट पर जाना चाहता हूं।’ यही है बीएसएफ का असली जज़्बा, जो देश को सुरक्षित रखता है।”

बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने घायल जवानों के उपचार और पुनर्वास के लिए सभी आवश्यक इंतज़ाम किए हैं। उन्होंने कहा कि इन वीरों का बलिदान और समर्पण पूरे देश के लिए प्रेरणा है।

देशभर से सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर लोगों ने इन वीर सैनिकों के प्रति सम्मान और शुभकामनाएं भेजीं हैं। राष्ट्र आज गर्व के साथ उनके शीघ्र स्वस्थ होने और भविष्य में भी उनके अडिग साहस के साथ राष्ट्रसेवा की कामना करता है।