उत्तरकन्या में चाय व्यवसाय और मंत्री की अहम बैठक

• नेट मीटरिंग व्यवस्था की पुन शुरुआत और चाय बागानों को सौर ऊर्जा से जोड़ने की योजना पर चर्चा

• ऊर्जा शुल्क में असमानता, कृषि दर की मांग और वैकल्पिक गैस आपूर्ति जैसे मुद्दों पर उद्योग प्रतिनिधियों ने रखे सुझा

एनई न्यूज भारत,सिलीगुड़ी|7जून:पश्चिम बंगाल सरकार के गैर-पारंपरिक और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत विभाग के माननीय मंत्री की अध्यक्षता में आज उत्तरकन्या, सिलीगुड़ी में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर चर्चा के साथ-साथ चाय बागानों की बिजली दर, सिंचाई शुल्क और नेट मीटरिंग प्रणाली से संबंधित कई अहम मुद्दे उठाए गए।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, टेरी (TERI) और जिज़ (GIZ) के प्रतिनिधि, एमएसईसी (MSEC), डब्ल्यूबीएसईडीसीएल (WBSEDCL), टीआईपीए, आईटीए, टीएआई, आईटीपीए एवं गुडरिक ग्रुप के चेयरमैन ए. एन. सिंह उपस्थित थे।

बैठक में टेरी और जिज़ ने सौर ऊर्जा पर प्रस्तुति दी, वहीं सिक्किम से आए एमएसईसी के श्री लामा ने सस्ते दर पर नए हाइड्रो पावर प्लांट की जानकारी दी। इच्छुक व्यक्ति श्री लामा से संपर्क कर सकते हैं।

बैठक में उठाए गए प्रमुख बिंदु इस प्रकार रहे:

1. नेट मीटरिंग प्रणाली:

मार्च 2022 तक नेट मीटरिंग की अनुमति थी, जिसे बाद में बंद कर दिया गया।

3 अक्टूबर 2024 को पुनः नेट मीटरिंग शुरू करने हेतु सुझाव और आपत्तियाँ मांगी गई थीं, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अब सरकार इसे फिर से लागू करने की योजना बना रही है।

चाय बागानों का उत्पादन वर्ष कैलेंडर वर्ष पर आधारित होता है, इसलिए नेट मीटरिंग की गणना भी इसी आधार पर की जाए।

सरकार से वित्तीय सहायता, प्रचार और सब्सिडी की मांग की गई ताकि अतिरिक्त ऊर्जा को डब्ल्यूबीएसईडीसीएल उचित दरों पर खरीद सके।

2. चाय बागानों की बिजली दरें:

उत्तर बंगाल में दरजापुर और आसनसोल औद्योगिक क्षेत्रों की तुलना में बिजली दरें अधिक हैं।

मांग की गई कि चाय बागानों को भी हाइड्रो सप्लाई आधारित डीपीएल (DBC) दरें मिलें।

3. सिंचाई शुल्क:

छोटे चाय उत्पादकों/किसानों के लिए सिंचाई दरें कम होनी चाहिए।

मौजूदा B(II) और A(CM) CP टैरिफ की जगह C(A) टैरिफ की मांग की गई।

4. क्षेत्रीय असमानताएं:

उत्तर बंगाल में बिजली दरें अपेक्षाकृत अधिक हैं।

अवैध बिजली चोरी (हुकिंग) से ट्रांसमिशन लॉस बढ़ता है, जिससे दरों में भी वृद्धि होती है।

5. चाय एक कृषि उत्पाद:

इसलिए कृषि टैरिफ लागू होना चाहिए।

6. वैकल्पिक गैस आपूर्ति:

फैक्टरी और मजदूरों के क्वार्टरों में उपयोग हेतु गैस आपूर्ति की मांग की गई।

7. सौर ऊर्जा को बढ़ावा:

टी टूरिज्म नीति 2019 के अंतर्गत सौर प्रणाली को शामिल करने का आश्वासन दिया गया।

प्रतिनिधियों ने कहा कि इसके लिए बड़ी पूंजी की आवश्यकता होगी, जिसमें सरकारी सहायता और फंडिंग अनिवार्य होगी।

अतिरिक्त बिजली को सरकार द्वारा उचित दर पर खरीदा जाए।

चाय फैक्ट्रियों में सौर ऊर्जा आधारित सोलर ड्रायर का उपयोग हो और कार्बन क्रेडिट भी दिया जाए।

बैठक के अंत में माननीय मंत्री और अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री बरुण रे ने कहा कि वे सभी मुद्दों को गंभीरता से लेकर समाधान का प्रयास करेंगे। जो विषय उनके मंत्रालय

के दायरे में नहीं आते, उन्हें संबंधित विभागों के समक्ष उठाया जाएगा।