सुवेंदु अधिकारी और जॉन बारला के बीच कानूनी जंग की शुरुआत

एनई न्यूज भारत,कोलकाता: अलीपुरद्वार से भाजपा के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री, जिन्हें इस बार पार्टी ने दोबारा टिकट नहीं दिया, हाल ही में विपक्ष की उस पार्टी में शामिल हो गए हैं जिसे एक प्रमुख नेता ने "चोरों की पार्टी" कहा है। अब आरोप है कि उन्होंने अपने नए दल के शीर्ष नेता के इशारे पर एक वरिष्ठ नेता के खिलाफ झूठे और निराधार आरोप लगाए हैं।
विवाद की जड़ में है वह बयान जो नए दल प्रमुख—जिन्हें 2021 के नंदीग्राम विधानसभा चुनाव में शिकस्त मिली थी—ने सार्वजनिक रूप से दिया। आरोप है कि यह बयान I-PAC द्वारा तैयार की गई स्क्रिप्ट के आधार पर दिया गया था, जिसमें झूठे तथ्य और मानहानिकारक टिप्पणियाँ थीं।
इस संबंध में, वरिष्ठ नेता ने अपने अधिवक्ता श्री सूर्यनील दास के माध्यम से संबंधित व्यक्ति को एक कानूनी नोटिस भेजा है।
नोटिस में तीन प्रमुख मांगें की गई हैं:
1. सात दिनों के भीतर लिखित और सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी माँगी जाए।
2. यह माफ़ी प्रमुख हिंदी और बंगाली अखबारों एवं मीडिया चैनलों में प्रकाशित की जाए।
3. भविष्य में किसी भी प्रकार की मानहानिकारक टिप्पणी या बयानबाज़ी से परहेज़ किया जाए।
वरिष्ठ नेता ने स्पष्ट किया है कि यदि इन मांगों को निर्धारित समय के भीतर पूरा नहीं किया गया, तो वे संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सिविल और आपराधिक दोनों स्तरों पर कानूनी कार्रवाई शुरू करेंगे।
राजनीतिक हलकों में इस घटनाक्रम को लेकर चर्चा तेज़ हो गई है, और सभी की नजर अब अगली कानूनी कार्रवाई पर टिकी है।