• प्रेक्षागृह का शिलान्यास, स्मृति सिक्का व डाक टिकट का हुए विमोचन
• प्रेक्षागृह में 1500 सीटों वाला ऑडिटोरियम, दो 200 सीटों वाले कॉन्फ्रेंस हॉल तथा 500 सीटों का एक्जीबिशन हॉल निर्मित किया जाएगा
एनई न्यूज भारत,गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 75वें स्थापना दिवस (हीरक जयंती) समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वविद्यालय को बहुआयामी विकास की सौगात दी। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री ने ₹4310.29 लाख की लागत से बनने वाले 'महन्त दिग्विजयनाथ प्रेक्षागृह' का शिलान्यास किया। इस अत्याधुनिक प्रेक्षागृह में 1500 सीटों वाला ऑडिटोरियम, दो 200 सीटों वाले कॉन्फ्रेंस हॉल तथा 500 सीटों का एक्जीबिशन हॉल निर्मित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने हीरक जयंती द्वार का शिलान्यास एवं हीरक जयंती स्टेडियम की शिलापट्टिका का भी अनावरण किया। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इस अवसर को विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि ये विकास कार्य शैक्षणिक, सांस्कृतिक और वैश्विक स्तर पर नई दिशा प्रदान करेंगे।
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की गौरवगाथा को रेखांकित करती अनेक अनूठी पहलें भी लोकार्पित कीं। इसमें भारत सरकार के हैदराबाद स्थित चेरलापल्ली टकसाल में निर्मित 35 ग्राम वजनी स्मृति तांबे का सिक्का एवं विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार की छवि युक्त विशेष डाक टिकट (विशेष आवरण) प्रमुख हैं। ये दोनों प्रतीक विश्वविद्यालय की विरासत और समर्पण का साक्ष्य बनेंगे।
मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक यात्रा पर आधारित डॉक्यूमेंट्री एवं प्रेरणादायक थीम सॉन्ग का भी लोकार्पण किया। साथ ही, विश्वविद्यालय की 75 वर्षों की उपलब्धियों पर केंद्रित विशेष स्मारिका, ‘संवाद’ पत्रिका, नाथपंथ और बौद्ध परंपरा पर आधारित ग्रंथ तथा सामाजिक न्याय पर केंद्रित पुस्तक भारत में सकारात्मक कार्रवाई और सामाजिक न्याय का विमोचन किया।
समारोह में ‘स्मृति उपहार केंद्र’ का उद्घाटन भी हुआ, जहां विश्वविद्यालय-लोगो युक्त आकर्षक वस्तुएं उपलब्ध हैं। इस केंद्र के माध्यम से विद्यार्थियों और आमजन में संस्थागत गौरव को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया गया है। इस अवसर ने न केवल विश्वविद्यालय की गौरवशाली विरासत को सम्मानित किया, बल्कि उसे भविष्य की दिशा भी प्रदान किया।
ग्लोबल रैंकिंग की ओर बढ़े गोरखपुर विश्वविद्यालय : सीएम योगी
• हीरक जयंती स्थापना दिवस पर 75 वर्ष पूर्ण होने पर समारोह भव्यता के साथ सम्पन्न
• मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हुए शामिल
एनई न्यूज भारत,गोरखपुर|1 मई: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर हीरक जयंती समारोह का आयोजन अत्यंत भव्यता एवं गरिमा के साथ किया। इस ऐतिहासिक मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि अब समय है कि विश्वविद्यालय अगले 25 वर्षों की "शताब्दी वर्ष कार्ययोजना" बनाए और ग्लोबल रैंकिंग प्राप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान के लिए हर क्षेत्र में अग्रणी बनना संभव नहीं, इसलिए किसी एक क्षेत्र में विशिष्टता विकसित की जाए ताकि पहचान वैश्विक स्तर पर बन सके।
मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान देने वाले विभूतियों महंत दिग्विजयनाथ, भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार, सरदार सुरेंद्र सिंह मजीठिया, प्रो. बीएन झा आदि—को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आज का डिजिटल युग विश्वविद्यालय की बौद्धिक धरोहर को संजोने का सुनहरा अवसर है। उन्होंने प्राच्य दर्शन जैसी विलुप्तप्राय कृतियों के पुनर्प्रकाशन की आवश्यकता पर भी बल दिया।
नए प्रेक्षागृह का शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ प्रेक्षागृह का शिलान्यास भी किया, जिसकी लागत 43.10 करोड़ रुपये है और जिसे 18 माह में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
पूर्व छात्रों को सम्मान
समारोह में मुख्यमंत्री ने विशिष्ट पुरातन छात्रों को सम्मानित किया, जिनमें साहित्यकार प्रो. रामदेव शुक्ल, कीर्ति चक्र से सम्मानित नरेंद्र नाथ धर दूबे, भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी वंदना त्रिपाठी आदि शामिल रहे।
गोरखपुर को मिलेगा पाँचवाँ विश्वविद्यालय
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गोरखपुर में जल्द ही फॉरेस्ट्री व हॉर्टिकल्चर विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी, जिससे यह शहर पाँच विश्वविद्यालयों वाला शैक्षणिक केंद्र बन जाएगा।
सांसद रविकिशन ने की सराहना
सांसद रविकिशन शुक्ल ने विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन की प्रशंसा की और विश्वविद्यालय के लिए अपनी सांसद निधि से सहयोग देने की बात कही।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन का वक्तव्य
कुलपति प्रो. टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय को ‘ए++’ ग्रेड तथा नेचर इंडेक्स में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत बीफार्मा, एमएस (AI), बीसीए (डेटा साइंस) जैसे रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।
उन्होंने आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय श्रेष्ठ ज्ञान, वैश्विक नवाचार और राष्ट्रीय मूल्यों के समन्वय से देश को सशक्त बनाने के मार्ग पर अग्रसर रहेगा।