नाबालिगों और महिलाओं की सुरक्षा में आरपीएफ दिखाई तेजी दर्जनों बच्चों को किया रेस्क्यू

• 15 दिन में एनएफआर के आरपीएफ ने 71 नाबालिग लड़के और लड़कियों को सुरक्षित किया रेस्क्यू

"मेरी सहेली" अभियान के तहत आरपीएफ महिला ने मार्च 2025 में 1,220 अकेली महिला यात्रियों की सहायता 

एनई न्यूज भारत,गुवाहाटी/मालिगांव, 28 अप्रैल : पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने यात्रियों की सुरक्षा और मानव तस्करी पर रोकथाम के अपने प्रयासों को और तेज कर दिया है। 1 से 15 अप्रैल 2025 के बीच आरपीएफ ने उल्लेखनीय सफलता हासिल करते हुए दो महिलाओं सहित कुल 71 नाबालिग लड़के और लड़कियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया। आवश्यक कार्रवाई के तहत इन सभी को चाइल्डलाइन, गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ), माता-पिता और स्थानीय पुलिस अधिकारियों के हवाले कर दिया गया।

इस अवधि में आरपीएफ ने एक मानव तस्कर और एक अपहरणकर्ता को भी गिरफ्तार कर कानून के हवाले किया। 9 अप्रैल को न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ टीम ने एक मानव तस्कर को पकड़ा और तीन नाबालिग लड़कों को रेस्क्यू किया।6 आरोपियों के खिलाफ बाल श्रम निषेध और विनियमन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

वहीं, 3 अप्रैल को किशनगंज रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ टीम ने बिहार और पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से भागे हुए 10 नाबालिग लड़कों को बचाया और चाइल्डलाइन किशनगंज को सौंपा। 7 अप्रैल को हारमती पोस्ट की टीम ने उत्तर लखिमपुर रेलवे स्टेशन से एक नाबालिग लड़की को रेस्क्यू कर उसे सुरक्षित उसके परिवार को सौंपा। इसी तरह, 10 अप्रैल को अलीपुरद्वार जंक्शन पर चार नाबालिगों, जिनमें दो लड़कियां भी शामिल थीं, को बचाया गया और चाइल्डलाइन अलीपुरद्वार को सौंप दिया गया।

महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चलाई जा रही "मेरी सहेली" पहल के तहत आरपीएफ महिला दस्तों ने मार्च 2025 में 1,220 अकेली महिला यात्रियों की सहायता की। इस दौरान एक नाबालिग लड़की और एक महिला को भी रेस्क्यू किया गया।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे का रेलवे सुरक्षा बल यात्रियों की सुरक्षा, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सतर्कता, त्वरित कार्रवाई और यात्री-अनुकूल पहलों के माध्यम से अपनी प्रतिबद्धता को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है।