पूर्वोत्तर रेलवे को मिली नई उड़ान

• मुरकोंगसेलेक-पासीघाट नई रेल लाइन परियोजना से पूर्वोत्तर रेलवे में रेल कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिला 

एनई न्यूज भारत,गुवाहाटी/मालीगांव।27 अप्रैल: पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पू. सी. रेलवे) असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच रेल संपर्क को सुदृढ़ बनाने के लिए मुरकंगसेलेक–पासीघाट नई रेल लाइन परियोजना पर तेजी से कार्य कर रहा है। 26.15 किलोमीटर लंबी इस परियोजना ने 31 मार्च, 2025 तक 45% भौतिक प्रगति दर्ज की है। लगभग 1,252.49 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इस परियोजना से क्षेत्रीय विकास और राष्ट्रीय एकता को नया आयाम मिलने की उम्मीद है।

यह परियोजना दो चरणों में क्रियान्वित की जा रही है। पहले चरण (मुरकंगसेलेक–सिल्ले, 15.60 किमी) में लगभग संपूर्ण अर्थवर्क (14.16 लाख घन मीटर में से 13.75 लाख घन मीटर) पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही 18 बड़े पुलों और 35 छोटे पुलों के सबस्ट्रक्चर एवं सुपरस्ट्रक्चर निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहे हैं। शीघ्र ही बलास्ट आपूर्ति एवं ट्रैक बिछाने का कार्य प्रारंभ होगा। मुरकंगसेलेक स्टेशन भवन का निर्माण भी अंतिम चरण में है।

दूसरे चरण (सिल्ले–पासीघाट, 10.55 किमी) में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। आवश्यक 6.85 लाख घन मीटर अर्थवर्क में से 3.55 लाख घन मीटर पूरा हो चुका है। पुल निर्माण व कास्टिंग कार्य निरंतर जारी है। पासीघाट यार्ड में रोड ओवर ब्रिज हेतु भूमि अधिग्रहण कार्य स्थानीय प्रशासन के सहयोग से तीव्र गति से किया जा रहा है।

विस्तारित मानसून और स्थानीय चुनौतियों के बावजूद निर्माण कार्यों की गति बरकरार रही। पू. सी. रेलवे के महाप्रबंधक (निर्माण) ने हाल ही में स्थल का निरीक्षण कर अधिकारियों को कार्य की गुणवत्ता बनाए रखते हुए परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के निर्देश दिए।

मुरकंगसेलेक–पासीघाट रेल लाइन से न केवल पर्यटन को बल मिलेगा, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बेहतर होने से आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। भारतीय रेलवे इस महत्वाकांक्षी परियोजना को हर चुनौती के बीच गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।