लाचेनवासियों ने गुरुडोंगमार झील को दिया वैकल्पिक मार्ग

• गुरुडोंगमार झील के रास्ते में लाचेनवासियों ने संभाली ज़िम्मेदारी, ज़ीमा में बना रहे वैकल्पिक पुल 

• सामुदायिक एकजुटता से पुनर्निर्माण की मिसाल बने लाचेनवासी

एनई न्यूज भारत,लाचेन/गंगटोक:उत्तर सिक्किम के लाचेन क्षेत्र के लोगों ने विनाशकारी बाढ़ के बाद टूटी संपर्क व्यवस्था को बहाल करने के लिए स्वयं आगे आकर एक अनुकरणीय पहल की है। अक्टूबर 2023 में दक्षिण लहोनक झील में दरार के चलते आए ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) ने तीस्ता नदी घाटी में भारी तबाही मचाई थी। इस आपदा ने कई पुलों, सड़कों और बुनियादी ढाँचों को तहस-नहस कर दिया, जिससे गुरुडोंगमार झील जैसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों का मार्ग भी अवरुद्ध हो गया।

इस संकट की घड़ी में लाचेन के लोगों ने स्थानीय होटल एसोसिएशन और ज़ुम्सा के सहयोग से ज़ीमा क्षेत्र में एक वैकल्पिक मार्ग और पुल निर्माण की कमान खुद संभाली है। यह क्षेत्र गुरुडोंगमार झील तक पहुँचने के रास्ते में एक अहम पड़ाव है, जिसे बाढ़ और भूस्खलन ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया था।

सरकारी सहायता सीमित और देर से मिलने के कारण, स्थानीय ग्रामीणों, होटल मालिकों, कर्मचारियों और स्वयंसेवकों ने स्वयं ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और ऊँचाई वाले इलाके की चुनौतियों के बावजूद, यह सामुदायिक प्रयास निरंतर प्रगति कर रहा है और जल्द ही इसके पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

यह परियोजना लाचेन समुदाय की गुरुडोंगमार झील के प्रति आध्यात्मिक श्रद्धा और क्षेत्र के पुनर्विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। नया मार्ग न केवल पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित और स्थायी संपर्क सुनिश्चित करेगा, बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और आजीविका को भी बल मिलेगा।

इस बीच, पर्यटन क्षेत्र को राहत प्रदान करते हुए गुरुडोंगमार के लिए मूल मार्ग को 19 अप्रैल से अस्थायी रूप से पुनः खोल दिया गया है, जब तक कि नया मार्ग पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाता।

यह जमीनी स्तर पर लाचेनवासियों की एकजुटता और आत्मनिर्भरता का एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो आपदा के बाद पुनर्निर्माण के क्षेत्र में देशभर के अन्य समुदायों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।