• मुख्यमंत्री ने एमएमएमयूटी में नवनियुक्त शिक्षकों को सौंपा आवेदन पत्र
एनई न्यूज भारत,गोरखपुर : मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) के बहुउद्देशीय सभागार में सोमवार को एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नव नियुक्त शिक्षकों के प्रेरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। साथ ही, उन्होंने कुल 91.22 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न निर्माण परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
इस भव्य आयोजन में गोरखपुर के माननीय सांसद श्री रवि किशन शुक्ल, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जय प्रकाश सैनी, कुलसचिव सी. पी. प्रियदर्शी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, छात्र एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री का संबोधन: समग्र विकास की प्रेरणा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वविद्यालय समुदाय को बधाई देते हुए कहा कि एमएमएमयूटी अब सतत नहीं, बल्कि समग्र विकास की भारतीय परिकल्पना के अनुसार कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विकास कार्यों, नवनियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति एवं उत्कृष्ट शोध कार्यों को एक मंच पर समाहित कर यह कार्यक्रम भारतीय दृष्टिकोण की समग्रता को दर्शाता है।
उन्होंने नवनियुक्त शिक्षकों से आह्वान किया कि वे संस्थान की प्रगति में अपना सक्रिय योगदान दें और केवल व्यक्तिगत हित नहीं, बल्कि संस्थान के विकास को प्राथमिकता दें।
भारत के पुनरुत्थान की ओर
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत कभी विश्वगुरु था और 10वीं शताब्दी तक वैश्विक जीडीपी में भारत की भागीदारी लगभग 50% थी। ब्रिटिश शासन के बाद आर्थिक गिरावट के बावजूद, पिछले 10 वर्षों में भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है, और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचने की दिशा में अग्रसर है।
एमएमएमयूटी: तकनीकी नवाचार का केंद्र
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को चाहिए कि वह तकनीकी शोध, नवाचार और स्थानीय समस्याओं के समाधान में रोल मॉडल बने। उन्होंने संस्थान को NIRF की तीन श्रेणियों में शीर्ष 100 में स्थान मिलने पर बधाई दी और भविष्य में इंजीनियरिंग श्रेणी में टॉप-50 में आने का लक्ष्य निर्धारित किया।
प्रमुख परियोजनाएं जिनका हुआ लोकार्पण और शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने 13.57 करोड़ रुपये की लागत से 7 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 77.65 करोड़ रुपये लागत की 6 परियोजनाओं का शिलान्यास किया, जिनमें सावित्रीबाई फुले महिला छात्रावास, परीक्षा भवन, AC छात्रावास, सीएनजी बसें, प्राकृतिक गैस पाइपलाइन, तथा विभिन्न भवनों का नवीनीकरण शामिल है।
उत्कृष्ट शोधकर्ताओं का हुआ सम्मान
मुख्यमंत्री द्वारा 'टैलेंट इंसेंटिव स्कीम' के अंतर्गत विश्वविद्यालय के 14 शिक्षकों और शोधार्थियों को उनके उत्कृष्ट शोध, पेटेंट और परियोजनाओं के लिए सम्मानित किया गया।
प्रमुख सम्मानित शोधकर्ता:
प्रो. एस.के. सोनी: ईओटी और ड्रोन आधारित कृषि निगरानी प्रणाली हेतु
प्रो. आर.के. यादव, डॉ. पूजा लोहिया, डॉ. विनय भूषण, डॉ. देवेश कुमार आदि – उन्नत तकनीकी क्षेत्रों में शोध योगदान हेतु
शिक्षकों और छात्रों को मिला कुल 12.10 लाख का पुरस्कार
कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय द्वारा कुल 65 छात्र-छात्राओं एवं 30 शिक्षकों को प्रीमियर रिसर्च अवॉर्ड, कॉमेंडेबल रिसर्च अवॉर्ड, एवं पेटेंट पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
सांसद और कुलपति का संदेश
सांसद रवि किशन शुक्ल ने छात्रों से आह्वान किया कि वे AI जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में दक्षता प्राप्त करें और देश-प्रदेश का नाम रोशन करें।
वहीं कुलपति प्रो. जे.पी. सैनी ने कहा कि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अभूतपूर्व सफलता मिल रही है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष विश्वविद्यालय के 144 शोधकर्ताओं को AD Scientific Index में स्थान मिला है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना वृद्धि है।
कार्यक्रम के अंत में समापन कुलसचिव चंद्र प्रकाश प्रियदर्शी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन और स्मृति चिन्ह भेंट के साथ हुआ। कार्यक्रम के बाद 76 नवनियुक्त शिक्षकों को महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव और पूर्व महापौर डॉ. सत्या पांडेय द्वारा नियुक्ति पत्र वितरित किए गए।