• 25 लाख दिया जलाकर अयोध्या ने रचा नया इतिहास
• 500 साल बाद पहली बार प्रभु श्री राम महल में मनाएंगे दिवाली
• 1 हजार 121 श्रद्धालुओं को आरती का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
एनई न्यूज भारत, लखनऊ: अयोध्या में दीपोत्सव के मौके पर संत उल्लास में डूबे रहे। बोले-ऐसा लगा जैसे फिर त्रेता युग लौट आया हो। कहा कि यह अवसर आस्था और श्रद्धा निवेदित करने का अद्वितीय अवसर रहा। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहले दीपोत्सव पर रामनगरी के संत-महंत खासतौर पर उल्लासित रहे। उन्होंने कहा कि ऐसा लगा मानो फिर से त्रेता युग लौट आया हो। इस पर्व को उन्होंने आस्था और श्रद्धा निवेदित करने का अद्वितीय अवसर बताया। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के योगदान की सराहना भी की।
संत समाज ने योगी सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीरामलला के पुनः अपने महल में विराजमान होने का यह दिव्य अवसर सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है। संतों का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को फिर से संजीवित किया है। इससे संपूर्ण संत समाज में प्रसन्नता है। आस्था और श्रद्धा व्यक्त करने का विशेष अवसर रहा
दशरथ महल के महंत बिंदु गद्याचार्य स्वामी देवेंद्र प्रसादाचार्य ने दीपोत्सव को सनातन धर्म की धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि दीपावली और दीपोत्सव सनातन धर्म का आधार है। इस बार का दीपोत्सव विशेष है क्योंकि प्रभु श्रीराम का अयोध्या में अपने धाम में पुनः आगमन हुआ है। यह दीपोत्सव प्रभु श्रीराम के प्रति आस्था और श्रद्धा व्यक्त करने का विशेष अवसर रहा। इससे संतजन हर्षित और पुलकित हैं। आज अयोध्या वही दृश्य फिर से प्रस्तुत कर रही है, जो त्रेता युग में श्रीराम के आगमन पर देखने को मिला था।
त्रेता युग जैसा दृश्य आज फिर आया चौबुर्जी मंदिर के महंत बृजमोहन दास ने दीपोत्सव को लेकर अपनी रचित पंक्तियों के माध्यम से भावना व्यक्त की। उनका कहना है कि श्रीरामलला के अयोध्या में विराजमान होने से न केवल संत समाज, बल्कि अयोध्या की पूरी जनता गर्वित है। इस दीपोत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है। बधाई भवन मंदिर के महंत राजीव लोचन शरण महाराज ने कहा कि त्रेता युग में श्रीराम के अयोध्या आगमन पर जो दिव्य दृश्य था, वह आज पुनः हमारे सामने है। हम संतजन इस ऐतिहासिक क्षण को देखकर हर्षित हैं। 500 वर्षों के उपरांत हम सबके आराध्य प्रभु श्री रामलला के अपने भव्य मंदिर में पुनः विराजमान होने के पश्चात यह प्रथम दीपोत्सव है।
अद्भुत-अलौकिक आभा से दीप्त श्री अयोध्या धाम का यह दिव्य-भव्य स्वरूप हम सभी को त्रेतायुग की अनुभूति करा रहा है।
मनुष्यता, मर्यादा, सद्भावना, अंत्योदय, आत्मीयता, समन्वय और सहकार की अगणित दीपशिखाओं से दीप्त धर्मधरा श्री अयोध्या धाम में पावन दीपोत्सव पूर्ण गरिमा के साथ संपन्न हुआ। मानवीय मूल्यों के उत्थान के जनोत्सव 'दीपोत्सव' के सफल आयोजन हेतु अपना आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन प्रदान करने वाले सभी पूज्य संत गण व धर्माचार्यों का हार्दिक आभार। सभी श्रद्धालुओं एवं अयोध्या वासियों का भी धन्यवाद, जिनकी सहभागिता ने इस दीपोत्सव को और दिव्य एवं भव्य बनाया।
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम की प्राणप्रिय नगरी श्री अयोध्या धाम में आज 25 लाख से अधिक स्वर्णिम दीपों ने पुनः त्रेतायुगीन अयोध्या को जीवंत कर दिया। प्रभु श्री रामलला के अपने भव्य मंदिर में पुनः विराजमान होने के उपरांत आयोजित इस प्रथम दीपोत्सव पर भक्तवत्सल, करूणानिधान से प्रार्थना है कि दिव्य एवं भव्य दीपोत्सव के इस अलौकिक प्रकाश से संपूर्ण जगत आलोकित हो। सभी के जीवन में सुख, शांति तथा समृद्धि का संचार हो। दीपोत्सव-2024' के पावन अवसर पर 'राममय' श्री अयोध्या धाम ने 25 लाख से अधिक दीप प्रज्वलित करने के साथ ही पुनः सर्वाधिक दीप प्रज्वलन का विश्व रिकॉर्ड स्थापित कर सनातन संस्कृति का जयघोष किया है। साथ ही, माँ सरयू जी की एक साथ 1 हजार 121 श्रद्धालुओं ने आरती का सौभाग्य प्राप्त कर एक और विश्व कीर्तिमान भी स्थापित कर दिया है। पूज्य संत जन/धर्माचार्यों के आशीर्वाद तथा श्रद्धालुओं व रामभक्तों के प्रयासों से अर्जित इस उपलब्धि की सभी को बधाई।