योग से शरीर और देश के सीमाओं की सुरक्षा होती है आसान: रमन श्रीवास्तव

बीएसएफ ससटीसी कैंपस में तीन बार ॐ ध्वनि से हुआ गुंजायमान, प्रशिशुओं ने योग दिवस पर किया योग

एनई न्‍यूज भारत, सिलीगुड़ी

सहायक प्रशिक्षण केंद्र (एसटीसी) बैकुण्ठपुर के प्रांगण में 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया। बीएसएफ में इस बार योग दिवस का थीम "स्वयं और समाज के लिए योग" था। जैसा कि सर्वविदित है कि योग भारत की प्राचीनतम संस्कृति की पहचान है और योग की परंपरा भारत में हजारों सालों से चली आ रही हैं। योगदर्शन के प्रणेता महर्षि पतंजलि थे। योग एक अभ्यास है जो कि मानसिक, शारीरिक, आध्यात्मिक और सामाजिक स्वास्थ्य को बनाए रखता है। पूरे विश्व में योग के बारे मे जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए 11 दिसंबर 2014 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में संयुक्त राष्ट्रसंघ की सामान्य बैठक में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया था। निकट जीवन मे योग से होने वाले फ़ायदों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्रसंघ की सभा ने प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप मे मनाने की घोषणा कर दी। इसके बाद 21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए सहायक प्रशिक्षण केंद्र बैकुण्ठपुर के प्रांगण मे 21 जून 2024 को हुए योग कार्यक्रम में सामान्य योग प्रोटोकॉल के तहत धनुरासन, भूज्ङ्गसन, कपालभाती, अनुलोम विलोम सहित कई योग-क्रियाओं का योगाभ्यास कराया गया। कार्यक्रम के समापन पर कमांडेंट (मुख्य अनुदेशक) रमन कुमार श्रीवास्तव सहायक प्रशिक्षण केंद्र ने उपस्थित कार्मिकों को योग की मानव जीवन मे उपयोगिता और उससे होने वाले शारीरिक फायदों के बारे मे भी बताया। इस कार्यक्रम में सहायक प्रशिक्षण केंद्र के 1300 से अधिक कार्मिकों व बीएसएफ परिवारों ने भाग लिया। अंत में प्रशिक्षित योगा अनुदेशकों द्वारा तीन बार ॐ ध्वनि को गुंजायमान करते हुए योग सत्र का समापन कराया गया। इस अवसर पर सहायक प्रशिक्षण केंद्र बैकुण्ठपुर के प्रशिक्षुओं की टुकड़ियों द्वारा दूधिया फाइरिंग रेंज और भारत बांग्लादेश सीमा पर भी योग अभ्यास किया गया।