पोईला बैसाख पर बरसे मेघनाथ

 

नई खुशियां नई उल्लास के साथ मनाया गया पोईला बैसाख

एनई न्यूज भारत सिलीगुड़ी : आज यानि 14 अप्रैल से बंगाली नव वर्षों का शुभारंभ हुआ। वहीं बंगाली समुदाए इस दिन की शुरुआत भगवान की आराधना के साथ शुरु करते हैं। और घर पर विभिन्न प्रकार की मिठाइयां और व्यंजन बनते हैं, अपने घरों को रोशनी और रंगोली से सजाते हैं, वे पारंपरिक नूतन कपड़े पहनते हैं और दोपहर के भोजन या रात के खाने के लिए घर पर रिश्तेदारों और दोस्तों को आमंत्रित करते हैं। और अपने प्रियजनों के साथ आनंद लेंते है। बात करें पोईला बैसाख के मौसम का जहां दिन काफ़ी बेतार था ना गर्मी ना ठंडा जैसे जैसे दिन गुजरा शाम होते ही मेघनाथ अपनी कृपा दिखाई झोर शोर से बारिश ओले बरसे और मौसम काफ़ी रोमांचक आनंद मय हुआ लोगों ने मौसम का आनंद उठाया मोमो बर्गर चावमीन के दुकान पर लोगों की उमड़ी भीड़। आज पोईला बैसाख के साथ चैत छठ भी था। इस शुभ दिन व्यवसायिक लोग नए लेखांकन के रूप में मनाते हैं। साथ ही किसान भगवान से अपनी अच्छी फसल की प्रार्थना करते हैं, क्योंकि इस दिन से नई फसल के मौसम की शुरुआत होती है।

कैसे मनाते हैं पोइला बोइशाख ?

पोइला की शुरुआत लोगों द्वारा भगवान से आशीर्वाद लेने के साथ होती है। बंगाली व्यवसाय के मालिक इस दिन को 'हाल खाता' नामक एक नई लेखांकन पुस्तक की शुरुआत के रूप में मनाते हैं। इस दिन समृद्ध जीवन के लिए भगवान 'गणेश' और 'लक्ष्मी' की विशेष पूजा का विधान है। नए साल का स्वागत करने के लिए लोग इस दिन अपने घरों को फूल-मालाओं और अल्पनाओं से सजाते हैं। कहा जाता है कि यह अवसर स्वादिष्ट व्यंजनों के बिना अधूरा माना जाता है। इस दिन को विशेष बनाने के लिए लोग अक्सर शुक्तो, चोलर दाल, शोरशे इलिश जैसे बंगाली खाने की चीजें तैयार करते हैं। इस दिन बंगाली लोग नए कपड़े पहनते हैं। इसके साथ ही लोग अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं, दोस्तों के घर जाते हैं और रिश्तेदारों को रात के खाने के लिए आमंत्रित करते हैं।