सरहद की दीवार पर भारी पड़ी मां की ममता

बांग्लादेश से भारतीय सीमा पर पहुंचा शवबांग्ला देश में रहने वाली बेटी को मां का जीरो प्वाइंट में कराया गया अंतिम दर्शन

आकाश शुक्ल 

एनई न्यूज भारत जिला उत्तर 24 परगना: बीते दिन यानी 10 अप्रैल को,दक्षिण बंगाल बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की पवित्रता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत, बांग्लादेश में रहने वाली बेटी को बीएसएफ ने कराया मां की अंतिम दर्शन। बीएसएफ यह सुविधा प्रदान कराके लोगों का भरोसा एक बार फिर जीता । बीएसएफ से मिली जानकारी के अनुसार अधिकारियों ने बताया घटना 10 अप्रैल का उत्तर 24 परगना जिले के सीमांत क्षेत्र का हैं। सीमावर्ती गांव गंगोलिया के पंचायत सदस्यों द्वारा सीमा चौकी मुस्तफापुर,107 वीं वाहिनी, बीएसएफ के कंपनी कमांडर को बताया कि उनके गांव की रहने वाली फातिमा बिस्वास की आज मृत्यु हो गई है। उनकी बेटी और रिश्तेदार सीमा पार बांग्लादेश में रहते हैं। उन्होंने बीएसएफ से अनुरोध किया कि मृतक के रिश्तेदार और बेटी को अपनी मां को आखिरी बार देखना चाहती हैं। कंपनी कमांडर ने उनकी बात सुनने के बाद मानवीय एवं भावनात्मक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बिना किसी देरी के तुरंत अपने समकक्ष बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारियों से इस संबंध में संपर्क किया। बीएसएफ के अनुरोध के बाद बीजीबी ने भी मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए कदम आगे बढ़ाया। दोनों ही देशों के सीमा सुरक्षा बलों ने मानवता को सर्वोपरि रखते हुए। बांग्लादेश में रहने वाली बेटी और रिश्तेदारों के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास जीरो लाइन पर उनकी मां के अंतिम दर्शन की व्यवस्था कराया गया । अंतिम विदाई के दौरान माहौल गमगीन था और बीएसएफ के मानवीय दृष्टिकोण के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। मर्तक की बेटी मरजीना बिस्वास और उनके रिश्तेदारों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपनी मां के अंतिम क्षणों को देखने में सक्षम होने के महत्व को स्वीकार करते हुए, बीएसएफ के प्रति आभार व्यक्त किया। डीआइजी ए.के. आर्य, दक्षिण बंगाल सीमान्त, बीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया सामाजिक और मानवीय मूल्यों के प्रति बल की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीएसएफ के जवान बिना पलक झपकाए सीमा पर दिन-रात तैनात रहते हैं, न केवल देश की सुरक्षा के लिए हैं बल्कि सीमा पर रहने लोगों का भावनात्मक और सामाजिक भलाई के बारे में भी सोचते हैं। जनसंपर्क अधिकारी ने दृढ़तापूर्वक कहा कि बीएसएफ दुर्भावनापूर्ण इरादों वाले लोगों के खिलाफ है, लेकिन यह मानवता और मूल्यों को बनाए रखने के लिए दृढ़ है।