जनता का संघर्ष, खिलेगा कमल दहाई में सिमटेगा जोड़ा फूलः मंगल पांडेय

तृणमूल कांग्रेस के शासन में अपराधियों और पुलिस के गठजोड़ का बोलबाला, घोटाले से जनता त्रस्त

बंगाल में सिर्फ एक संदेशखाली नहीं, जगह-जगह संदेशखाली जैसे गांव देखने को मिलेंगे, फैसला मातृशक्ति करेगी

"दुनिया से सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में आज बंगाल जैसे प्रबुद्ध राज्य में हिंसा, भ्रष्टाचार, घोटाला, और जांच ऐजेंसी पर तृणमूल के गुंडा राज में लोकतंत्र का गलाघोट कर हत्या की जा रही है। इसका जवाब जनता खुद करते हुए बुलेट के बजाय ईवीएम पर बटन दबा कर देगी।"

आकाश शुक्ल, सिलीगुड़ी

पिछले पांच दशक से पश्चिम बंगाल की जनता पहले 35 वर्ष  वामफ्रंट अब तृणमूल कांग्रेस के शासन से त्रस्त हो चुकी है, इसलिए अब जनता खुद संघर्ष के रास्ते को अपना रही है। इसका ज्वलंत उदाहरण संदेशखाली की घटना हैऔर जहां पर खुद मातृशक्ति ने मोर्चा खोल दिया था। वहीं तृणमूल के शासन में गौर से देखा जाय तो संदेशखाली जैसे कई गांव और दूर दाराज के क्षेत्रों में आज भि मौजूद हैं। इसलिए बंगाल कि जनता खासकर मातृशक्ति ने इनके लूटतंत्र के शासन से त्रस्त हो चुकी है और खुद ही संघर्ष का रास्ता अख्तियार करते हुए सड़कों पर उतर कर विरोध शुरू कर दिया है। तृणमूल के इसी कुशासन के कारण लोकसभा चुनाव 2024  में बंगाल में कमल पूरी तरह से खिलेगा और तृणमूल का जोड़फूल मुरझाते हुए आंकड़ा दहाई के अंदर सिमट जायेगा। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में "एनई न्यूज भारत" से एक खास मुलाकात में  भाजपा के बंगाल प्रभारी मंगल पांडेय ने कही।
 
मंगल पांडेय ने बताया कि बंगाल में लोकतंत्र की हत्या पांच दशकों से हो रही है। जिसमें खासकर चुनावी हिंसा और वोट की लूट होती रही है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के शासन में आने के बाद पुलिस प्रशासन और अपराधियों के गठजोड़ से यह आंकड़ा बेकाबू गया है। जिसके कारण जनता में आक्रोश फूटा और जागृत हुई और जनता जनार्दन ने वर्ष 2014 में लोकतंत्र के रक्षक के रूप में पहले भाजपा के 3 सांसदों को अपनी बात लोकतंत्र के माध्यम से रखने के लिए  संसद में पहुंचाया। इसके बाद 2019 के चुनाव में भाजपा के वोट बैंक में करीब 20 प्रतिशत का इजाफा और सांसदों की संख्या 18 तक पहुंच गई, लेकिन 2024 के चुनाव में जनता से मुलाकात और बैठकों के बाद पता चला की अंदरखाने जनता पूरी तरह से तृणमूल की महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से खासकर महिलाएं काफी गुस्से में हैं और वह अपना गुस्सा इस बार ईवीएम का बटन दबाकर उतारेगी। मातृशक्ति की गुस्से की वजह से बंगाल में भाजपा 42 में से 30 के आंकड़े को पार करेगी और भ्रष्टाचारी और घोटालेबाज तृणमूल की सरकार का आंकड़ा दहाई के अंदर सिमट कर रहे जायेगा।
 
चुनाव प्रचार हुई बैठकों चर्चा करते हुए मंगल पांडेय ने कहा कि हमनें सिलीगुड़ी कि बैठक में पहाड़ के सूदूर क्षेत्रों से आये लोगों में नरेंद्र मोदी के विकास माडल को नमन करते हुए खुद हि जयश्री राम के नारे लगाने लगे।इसलिए पता चला कि तृणमूल की ममता बनर्जी जनभावनाओं का कदर नहीं कर पा रहीं हैं, जिसके कारण यहां की जनता के मन को ठेस पहुंची है। वहीं भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर प्रदेश में अपराधतंत्र का राज कायम हो गया है, लूट खसोट, घोटाले की सरकार चल रही है और इसका जवाब जनता खुद देने के लिए कमर कस कर तैयार है।
बूथ कैप्चरिंग और हिंसा के सवाल पर मंगल पांडेय ने कहा कि यह यहां पांच दशकों से आमबात हो गई है, लेकिन बूथ कैप्चरिंग या मतदाताओं को बूथ तक नहीं पहुंचने की, पिछले कई चुनावों के अनुभव को देखते हुए चुनाव आयोग इस पर कड़ी नजर बनाये हुए है। इसलिए उम्मीद है कि निष्पक्ष चुनाव होंगे और भाजपा अपना परचम बंगाल में लहरायेगी और भ्रष्टाचार को जोड़ा फूल जरुर मुरझायेगा।