बीएसएफ, सीमान्त ने सीमावर्ती गांवों में शिक्षा और सामुदायिक जुड़ाव के लिए सिविक कार्यक्रम का आयोजन

एनई न्यूज़ भारत उत्तर 24 परगना: आज सुबह दक्षिण बंगाल सीमान्त छेत्र के अंतर्गत 68वी वाहिनी, व 08 वीं वाहिनी बीएसएफ के जवानो ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में सीमावर्ती क्षेत्र निवासियों, विशेषकर छात्रों और ग्रामीण निवासियों के लिए नागरिक कार्रवाई कार्यक्रम की एक श्रृंखला का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य सामुदायिक संबंधों को मजबूत देना और आवश्यक सहायता प्रदान करना है। पहला सिविक एक्शन प्रोग्राम सीमा चौकी मामाभगिना, 68 वीं वाहिनीं के जिम्मेवारी के इलाके में हुआ। मामाभागिना गांव के आर पी विद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में सीमावर्ती गांव नवादापारा, पदमपुकुर, चोराईगाछी, पटकेलगाचा, सालुधारी, और नीटजीपल्ली के कुल 535 व्यक्ति इस सिविक एक्शन प्रोग्राम में शामिल हुए। जिनको बीएसएफ अधिकारियों द्वारा दिव्यांगों को तिपहिया साइकिल, इलेक्ट्रिक स्प्रे मशीन, एलईडी बल्ब, मच्छरदानी, छाते और अन्य आवश्यक सामान जरुरतमंद ग्रामीणों को प्रदान कराया गया। इसके अलावा विद्यालय के छात्रों को पहल के हिस्से के रूप में बैग, नोटबुक, पेन, पेंसिल, क्लिपबोर्ड और जेमेट्री बॉक्स प्रदान किया गया इसके अलावा 68 वीं की सीमा चौकी चौहटिया व रणघाट के जवानों ने भी पास के सीमावर्ती गाँवो में सिविक एक्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जरूरतमंद ग्रामीणों व आंगनवाड़ी केंद्रों को जरुरत के मुताबिक ट्राइसाइकिल, सीलिंग पंखे, प्लास्टिक कुर्सियां वितरित की गईं। सीमा चौकी, 08 वीं वाहिनी के जवानों ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय हेडमास्टर व गांव के पंचायत सदस्य की उपस्थिति में स्कूल को 3 कंप्यूटर,कंप्यूटर टेबल व कुर्सियां वितरित की नागरिक कार्रवाई के समापन के बाद, उपस्थित लोगों ने जरूरतमंदों के प्रति उनके निरंतर समर्थन के लिए बीएसएफ के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने वंचितों की सहायता के लिए बीएसएफ के लगातार प्रयासों की सराहना की। दक्षिण बंगाल सीमान्त के जनसंपर्क अधिकारी, ए.के. आर्य, डीआइजी ने सीमावर्ती निवासियों का समर्थन करने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बीएसएफ की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की पहल का उद्देश्य बीएसएफ कर्मियों और नागरिक आबादी के बीच तालमेल को बढ़ाना देना है। इस तरह के सिविक एक्शन कार्याक्रम व सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बल्कि सामुदायिक विकास में भी सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए बीएसएफ के समर्पण का उदाहरण देते हैं। ऐसे प्रयासों के माध्यम से, बीएसएफ सुरक्षा बलों और आम नागरिकों के बीच की खाई को पाटने, सीमावर्ती समुदायों के भीतर एकता और विश्वास की भावना को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।