छमता की पहचान से हर मुकाम मुमकिन : रवि गांधी

गांधी जयंती पर हाफ मैराथन, गांधी ने दिखाई हरी झंडी

सभी वर्ग के सफल प्रतिभागियों को किया गया  पुरस्‍कृत

ब्रह्रम मुहुर्त से बीएसएफ एसटीसी बैकुठपुर के कैंपस में रही हलचल

प्रभार के दूसरे दिन ही आईजी ने अधिकरियों से किया मैराथन बैठक

पवन शुक्‍ल, बीएसएफ एसटीसी

भारत की आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर ‘आजादी का महोत्सव’ मना रहा है तो वहीं दूसरी ओर देश की सीमाओं को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षण ले जवानों को ‘फिट इंडिया फ्रीडम रन 2.0’ से फिट रखने की कोशिश कर रहे हैं। आज गांधी जयंती के अवसर पर सीमा सुरक्षा बल के सबसीडयरी ट्रेनिंग सेंटर ( एसटीसी) बैकुठपुर प्रशिक्षित जवानों में महिला-पुरूष की प्रतिभा को निखारने के लिए आज 21 व 11 किमी का हाफ मैराथन कर उनकी छमता के विस्‍तार करने की हम कोशिश कर रहे हैं। एक बात सत्‍य है कि अगर कोई भी अपनी छमता की पहचान कर उसका भरपूर उपयोग करे तो सफलता की उंचाईयों पर पहुंचने से कोई रोक नहीं सकता है। उक्‍त बातें उत्‍तर बंगाल फ्रंटियर व एसटीटसी के महानिरीक्षक रवि गांधी ने हाफ मैराथन के समापन के बाद जवानों को संबोधित करते हुए कही।  

श्री गांधी ने टीम भावना की चर्चा करते हुए कहा कि टीम वर्क एक ऐसा वर्क है, जो किसी भी संस्‍थान या सीमा की सुरक्षा में बहुत ही आवश्‍यक है। यह हाफ मैराथन का आयोजन भी टीम वर्क की भावना को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। उन्‍होंने कहा कि अकेले किसी भी कार्य को मूर्त रूप देने में कठिनाई होती है, इसलिए हम टीम वर्क से एक बेहतर मुकाम को हासिल कर सकते है। श्री गांधी ने हाफ मैराथन के लिए बीएसएफ एसटीसी के अधिकारियों वे जवानों को सफल आयोजन व संचालन के लिए धन्‍यवाद दिया।

ब्रह्रम मुहुर्त से रही हलचल, अधिकारी व जवान रहे मुस्‍तैद

देश के दूसरे ट्रेनिंग सेंटर बीएसएफ एसटीसी बैकुंठपुर में करीब 4 बजे से ही हलचलें तेज रही। इसका मुख्‍य कारण बतौर एसटीसी आईजी के रूप में रवि गांधी का आगमन दूसरी ओर प्रशिक्षित जवानों को हौसला अफजाई के लिए हाफ मैराथन का आयोजन। अधिकारी व जवान सभी पीटी ड्रेस में एसटीसी के पीटी ग्राउंड में नजर आ रहे थे। आईजी के पहुंचने के बाद जय हिंद की गूंज से स्‍वागत किया गया। इसके बाद श्री गांधी ने हाफ मैराथन के लिए तैयार प्रशिक्षित जवानों के साथ इसमें भाग लेने जवानों को संबोधित किया। जवानों से पूछा कि हाफ मैराथन की करने की सलाह कहां से मिली। इसके बाद आईजी ने जैसे ही मैराथन को हरी झंडी दिखाई पूरा परिसर भारत माता के जयकरे से गूंज उठा।

पुरस्‍कार के दौरान जवानों में रहा उत्‍साह

हाफ मैराथन में कुल दो भागों में बांट कर किया गया था। प्रशिक्षित महिलाओं के लिए 11 किलोमीटर था। जबकि पुरूष प्रशिक्षार्थी व एसटीसी के जवानों के लिए यह 21 किमी था। एसटीसी के पीटी ग्राउंड में आयोजित समापन समारोह में विजयी प्रतिभागियों के हौसला अफजाई के लिए तालियों की गड़गडाहट से गुंज रहा था।

विजयी प्र‍तिभागियों में प्रशिक्षण ले रही महिला वर्ग में प्रथम स्‍थान पर शेवांग फालो चेस्‍ट नं. 152 इन्‍होंने 11 किमी में 61 मिनट 20 में पूरा किया। जबकि दूसरे स्‍थान चेस्‍ट 197 सबिना चौधरी ने 61मिनट 50 में पूरा किया। वहीं तीसरे स्‍थान के लिए सौम्‍या वर्मा चेस्‍ट नं. 166  ने 63 मिनट 3 सेकेंड में पूरा किया।

जबकि पुरूष प्रशिक्षणार्थियों में 21 किमी में चेस्‍ट 111 विक्‍की एक घंटा 32 मिनट 20 सेंकेंड पूरा कर पहला स्‍थन पर रहे। दूसरे स्‍थान के लिए भूमेन्‍द्र कुमार 137 ने  एक घंटा 32 मिनट 30 सेकेंड में पूरा किया। तीसरे स्‍थान के लिए चेस्‍ट नं. 213 के अभिशेक राजपूत 1 घंटे 35 मिनट में पूरा किया। वहीं जवानों को प्रशिक्षण दे रहे पुरूष जवानों में 1 घंटा 43 मिनट 37 सेकेंड में तमीला राशन सी पहले स्‍था पर जबकि दूसरे स्‍थान के लिए इंस्‍पेक्‍टर संजय कुमार ने 1 घंटा 43 मिनट 40 सेकेंड में पूरा किया। कोस्‍टेटबल अनिल कुमार टीके ने तीसरे स्‍थान के लिए 1 घंटा 44 मिनट 25 पूरा कर पुरस्‍कृत हुए।  

प्रभार के पहले दौर पर ही मैराथन बैठक

सीमा सुरक्षा बल प्रशिक्षण केन्‍द्र बैकुंठपुर के अतिरिक्‍त प्रभार के बाद अपने दौरे के दौरान आईजी रवि गांधी ने एक तरफ जहां जवानों को बेहतर प्रशिक्षण देने की सराहना की। तो वहीं दूसरी ओर प्रशिक्षण ले रहे महिला-पुरूष जवानों को अपना बेस्‍ट परफारमेंस देने के लिए कहा। साथ ही सभी को अनुशासन के पाठ भी पढ़ाए। इसके बाद श्री गांधी ने बीएसएफ के 195 के कमांडिंग आफिसर सुनील कुमार, एसटीसी के सेकेंड इन कमान प्रभारी प्रशिक्षण व प्रभारी कमांडिंग आफिसर आशुतोष चौहान, सेकेंड इन कमान प्रशासन, ट्रेनिंग डीसी (डिटी कमांडेंट) अखिलेश दूबे, डीसी राज सिंह, डीसी बिनीत कुमार, डीसी राजीव डीमरे, एसी (सहायक कामंडेंट) अशिष कुमार व एसी सत्‍यनाथन के साथ बैठक की। बैठक में जवानों को बेहतर प्रशिक्षण के साथ-साथ उनको दिये जाने वाले पौटिक आहरों पर भी चर्चा किया गया।