फेंसिडिल व कई मोबाईल फोन के साथ किया गिरफ्तार
न्यूज भारत, मालदा : भारत-बंगलादेश की सीमा की रखवाली कर रहे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जावानों ने सीमा पर चौकसी इस कदर बढ़ा दी की अब तस्कर बड़ी तस्करी करने में खौफ खा रहे हैं। वहीं जुगाड़ तकनीकी से छोटी-छोटी तस्करी पर बीएसएफ नकेल कसने में कामयाब हो रही है। दक्षिण बंगाल सीमान्त मुख्यालय के 70वीं बटालियन की सीमा चौकी नवादा के बहादुर जवानों ने खुफिया विभाग की सूचना के आधार पर, 12 सितम्बर 2021 को अर्धरात्रि के लगभग 3 बजे अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए, तस्करों की एक पूरी टोली को घेर लिया। खुफिया विभाग ने पहले ही सूचना दे दी थी कि, तस्करों की एक टोली जिसमें 3 से 4 तसकर शामिल हैं आज रात वे किसी भी वक्त अन्तर्राष्ट्रीय बार्डर से अवैध सामानों की तस्करी कर सकते हैं। चूंकि, खुफिया विभाग की खबर पक्की थी, अतः नवादा बीओपी के बहादुर जवानों ने अम्बुश लगा दिया। तस्करों पर पैनी नजर रखी जाने लगी, अचानक रात्रि के 03 बजे तस्करों की एक टोली दिखाई दी, जो छोटे बैग (पोटला) लिए हुए थे और वे अन्तर्राष्ट्रीय बार्डर की ओर बढ़ रहे थे। तभी बीएसएफ के बहादुर जवानों ने उन्हें रूकने की चुनौती दी। लेकिन वे पीछे की ओर भागना शुरू कर दिये। बीएसएफ की अम्बुश पार्टी ने उनका पीछा किया, लेकिन तस्कर अंधेरे और घनी वनस्पतियों का लाभ उठाकर भागने में सफल रहे। लेकिन अम्बुश पार्टी ने उनका पीछा नहीं छोड़ा और अंततः एक भारतीय तस्कर को 25 बाटल फेंसिडिल व 03 मोबाईल फोनों के साथ धर दबोचा गया। प्रारम्भिक पूछताछ में पकडे़ गये भारतीय तस्कर ने अपना नाम- गौर रविदास, उम्र-24 वर्ष, पिता फितु रविदास, ग्राम- गोपाल नगर, पोस्ट आफिस- ससानी, पुलिस स्टेशन- कालियाचक, जिला- मालदा (पश्चिम बंगाल) बताया। उसने यह भी बताया कि जब्त की गई फेंसिडिल की बोतलें उसने शरीफ शेख उम्र- 23 वर्ष, पिता- मेजारूल मियां (उपनाम-मेजा), ग्राम- गोपाल नगर, पोस्ट आफिस- ससानी, पुलिस स्टेशन- कालियाचक, जिला मालदा से मिला था। जिसे बांग्लादेश में ले जाकर फेंसिडिल की तस्करी करने वाले गिरोह के मुख्य आदमी नाम राशिद अली, गांव- 19 बीघी, पुलिस स्टेशन- शिबगंज, जिला- चपाईनवाबगंज, बांग्लादेश को सौंपना था। जिसके बदले रविदास को 500 रूपये मिलने थे। बीएसएफ द्वारा कानूनी कार्यवाही करने के लिए पकड़े गये भारतीय तस्कर को 25 बाटल फेंसिडिल व 03 मोबाईल फोनों के साथ कालियाचक पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया।
70वीं बटालियन के कमांडिंग आफिसर सुखबीर सिंह ने अपने सैनिकों की उपलब्धियों पर खुशी व्यक्त की है उन्होंनें कहा कि, सीमा सुरक्षा बल के जवान लगातार बिना थके और पूरे जोश से तस्करों को पकड़ रहें हैं। यह उनके जवानों की देश व अपने बल के प्रति ईमानदारी और सतर्कता का परिचय देता है।
बीएसएफ की सर्तकता 02 देशी कट्टे समेत 08 किग्रा गांजा बरामद
नदिया जिले में तैनात दक्षिण बंगाल सीमान्त के अन्तर्गत, 141वीं बटालियन की सीमा चौकी मधुगिरी के जवानों ने 12 सितम्बर 2021 को, खुफिया विभाग की सूचना के आधार पर चेचन्या गांव में कुछ तस्कर देशी पिस्तौल/कट्टे लेकर आये हैं। इन कट्टों को गांव के बाहर केले के बागान और उसके आस पास के इलाके में छुपाया गया है। आनन- फानन में सूचना प्राप्त होते ही मधुगिरी बार्डर आउट पोस्ट के जवानों ने इलाके की घेराबंदी कर छान-बीन शुरू कर दी। गहन तलाशी के दौरान बांस की झाड़ियों में एक काले रंग का बैग मिला। जिसको खोलने पर उसमें से दो देसी कट्टे बरामद हुए। वहीं दूसरी घटना बीएसएफ की सीमा चौकी मेघना के इलाके में हुई। सीमा सुरक्षा बल की खुफिया विभाग ने सूचना दे दी थी कि कुछ तस्कर नशे से संबंधित सामानों की तस्करी करने की फिराक में हैं। तुरन्त मेघना के जवानों को सर्तक कर दिया गया और पूरे इलाके में घेराबंदी कर अम्बुश लगा दिया गया। शाम के लगभग 0715 बजे जवानों ने झाड़ियों में, 3 से 4 तस्करों को बाॅर्डर की तरफ बढ़ते हुए देखा गया, तुरन्त जवानों ने उनका पीछा किया। बीएसएफ जवानों को अपनी ओर आता देखकर तस्कर अँधेरे व घनी झाड़ियों का फायदा उठाकर भाग खडे़ हुए। इलाके की गहन तलाशी लेने पर भूरे रंग के चार बड़े पैकेट मिले जिनकों खोलने पर 08 किलोग्राम गांजा निकला। जिनकी अनुमानित कीमत अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में 80,000/- रूपये आंकी गई हैं। बीएसएफ द्वारा आगे की कानूनी कार्यवाही करने के लिए 02 देशी कटटे व 08 किलोग्राम गांजे को होगलबेरिया पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया है।
141वीं वाहिनी के कमांडिंग आॅफिसर, नागेंद्र सिंह रौतेला ने अपने जवानों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हमारे जवान इलाके में किसी भी प्रकार की तस्करी को पूरी तरह से रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज पकड़े गए दो देशी कट्टे एक बड़ी उपलब्धि है। इलाके में इस प्रकार की घटना तस्करों की मंशा और इरादों को दर्शाता है। जवानों की सतर्कता और सूझबूझ से ही इलाके में इस प्रकार की घटना को रोकना संभव हो सका है।