अवैध घुसपैठ में दो को जेल, दो को वेल

भारत में घुसे पति-पत्‍नी को मानवीता के आधार पर बीजीबी को सौंपा

अवैध घुसपैठ में पिता-पुत्री को कानूनी कार्यवाहीं के लिए किया पुलिस हवाले

न्‍यूज भारत, कोलकाता : भारत-बंगलादेश के की अंर्तराष्‍ट्रीय सीमा को अवैध रूप से पार करने के आरोप में सीमा सुरक्षा बल ने चार लोगों गिरफ्तार किया है। पूछताछ के बाद मानवीयता के आधार पर गर्भवती महिला और उसके पति को बीएसएफ ने बीजीबी को सौंप दिया। जबकि पितापुत्री को कानूनी कार्रवाही के लिए स्‍थानीय पुलिस को सौंप दिया।

बीएसएफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि नादिया जिले के अंर्तगत दक्षिण बंगाल सीमांत के अन्तर्गत सीमा सुरक्षा बल ने सीमा(बीएसएफ) ने 15 अगस्त, 2021 की सुबह चार बंग्लादेशी नागरिकों को गैर कानूनी तरीके से भारतीय सीमा में घुसते ही गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लोगों में दो पिता-पुत्री जिनकी पहचान कमल बिस्वास, उम्र 40 साल, पिता का नाम बुद्दीमती बिस्वास, गांव कालिया, थाना कालिया, जिला नरेल, बांग्लादेश के रूप में हुई जिसके साथ उसकी 18 वर्षीय पुत्री लिटू भी है। वही अन्य दो अन्य बांग्लादेशी नागरिकों कि पहचान गणेश राय, उम्र 25 साल, पिता का नाम कालीदान राय, व गणेश राय की पत्नी अंजली राय (19) के रूप में हुई जो गांव तारा कंडेर, थाना कोटलीपाड़, जिला गोपाल गंज, बंग्लादेश के रहने वाले हैं। सीमा सुरक्षा बल की 08 वीं वाहिनी कि सीमा चौकी रामनगर ने गुप्‍त सूचना के आधार पर एक विशेष तलाशी अभियान में  रविवार सुबह तकरीबन 06.15 बजे केला बागान में छुपे चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया। जिन्हे पुछताछ हेतू सीमा चौकी रामनगर लाया गया।

पूछाताछ में कमल बिस्वास ने बताया कि बेटी के इलाज के लिए अपनाया गैर कानूनी रास्ता अपनाया। उसने बताया कि उसकी बेटी के मिर्गी की बीमारी है और वीजा नवीनीकरण नहीं हो पाया जिसके कारण वह गैरकानूनी तरिका अपनाया। वहीं चार साल पहले वीजा के साथ भारत अपनी बेटी का इलाज कराने आया था।  अभी कोरॉना के कारण उनके वीजा का नवीनीकरण नहीं होने के कारण उन्होंने गैर कानूनी तरीके से भारत आने की योजना बनाई। इस के लिए उन्होंने एक अनजान बांग्लादेशी दलाल को 11000 टका दिया है। बीएसएफ ने पूछताछ के बाद पिता-पुत्री को पुलिस के हवाले कर दिया।

बीजीबी ने महिला के गर्भवती होने पर वापस लेने का लिया फैसला

जबकि गणेश राय पूछताछ में बताया कि 20 साल पहले उसके पिता पूरे परिवार के साथ भारत आए थे और बनगांव में रहने लगे। उसका परिवार चार साल पहले वापस बंग्लादेश चला गया। नवंबर 2020 में वह अपने परिवार से मिलने बांग्लादेश गया था, और अपनी गर्भवती पत्नी अंजलि के साथ भारत आ रहा था। उन्होंने एक अनजान दलाल को 26.5 हजार रुपए सीमा पार कराने के लिए दिए थे। बीएसएफ ने इस संबंध में बीजीबी के अधिकारियों से बातचीत कर गणेश राय और उसकी गर्भवती पत्नी को सद्भावना और मानवीय आधार पर बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के हवाले कर दिया गया।

दोनों में मामले में जवानों की तारिफ करते हुए  08 वीं वाहिनी के कमांडिंग ऑफिसर संजय कुमार सिंह ने कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल कड़े कदम उठा रही हैं। जिससे इस प्रकार के अपराधों में लिप्त व्यक्तियों को काफी मुश्किल का अनुंभव हो रहा हैं और उनमें से कुछ पकड़े जा रहे हैं और उन्हें कानून के मुताबिक सजाऐ हो रही है साथ ही बांग्लादेशी लोगो को उनके अपराध की गंभीरता को देखते हुए मानवीय आधार और दोनों देशों की सीमा सुरक्षा बलो के आपसी सद्भावना के चलते उन्हें बॉर्डर गार्ड बंग्लादेश को सौंपा जा रहा है।  आपसी रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए भारत की ओर से गलती से बांग्लादेश में जाने पर निर्दोष नागरिकों को बीजीबी भी बीएसएफ को सौंप देती है। अधिकारी ने साफ शब्दों में कहा की हम अपने इलाके में किसी भी हाल में घुसपैठ नही होने देंगे।

किसानों पर गीदड़ हमला, घयालों को बीएसएफ ने अस्पताल पहुंचाया

सीमा पर बसे गांव के साथ एक मानव सेवा की मिशाल देखने को मिलता रहता है। बीएसएफ की 86 बटालियन के क्षेत्र में मुर्शिदाबाद जिले के शिकारपुर गांव में 16 अगस्त, 2021 सुबह 8.50 बजे मधुमिता करमाकर 20 वर्ष ,पहलाद करमाकर 26वर्ष ,विशाखा महतो 32 वर्ष ,रिक समाधा 18 वर्ष चारों अपने खेत में काम कर रहे थे। तभी अचानक कहीं से एक जंगली जानवर (गीदड़ ) आकर उन सभी पर हमला कर दिया।जिसमें चारों बुरी तरह से घायल हो गये। बॉर्डर आउट पोस्ट शिकारपुर के कंपनी कमांडर को जब इस घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने बिना देर किए एक नर्सिंग सहायक के साथ बीएसएफ एम्बुलेंस को उक्त स्थान पर भेज दिया। पीडितो को प्राथमिक चिकित्सा देने के पश्चात उन्हें इलाज के लिए करीमपुर अस्पताल में भर्ती कराया मरीजों की हालत ठीक बताई जा रही है। गौरतलब है कि है ये वही गांव है जहां पर सांप दंश के लगातार मामले आ रहे थे जिनमें बीएसएफ में अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया था। मरीजों के परिजनों व गांव वालों ने सीमा सुरक्षा बल के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि अगर बीएसएफ ने सही समय पर मदद नहीं की होती तो कोई भी अनहोनी हो सकती थी। सुरेंद्र कुमार, कमांडिंग ऑफिसर, 86 बटालियन ने कहा कि हमारे जवान अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं।  किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में बीएसएफ के जवान, लोगो के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है।