45 बीएन बीएसएफ व इंडियन रेड क्रॉस ने लगाया मुफ्त चिकित्सा शिविर
न्यूज भारत, सिलीगुड़ी : भारत-बंगलादेश की अंर्तराष्ट्रीय सीमा पर बसे गांवों को चिकित्सा सुविधा और सीवीक एक्शन कार्यक्रम वहां लोगों को बीएसएफ के प्रति बेहतर नजरिया बनाने में मदद मिलेगी। वहीं इस कार्यक्रम के माध्यम से हम अपने नेटवर्क और होने वाली तस्करी पर लगाम कसनें मे मदद मिलेगी। इसलिए वहां लोगों की सेवा के साथ उनके विकास को बीएसएफ अपना लक्ष्य माने हुए काम कर रही है। उक्त बातें तीनबीघा कम्युनिटी हॉल हल्दीबाड़ी जिला-कूचबिहार पश्चिम बंगाल में आयोजित चिकित्सा शिविर में जलपाईगुड़ी सेक्टर के उपमहानिरीक्षक संजय पंत ने कही। उन्होंने कहा कि हम सीमा क्षेत्र के युवाओं को जागरूक करने के साथ-साथ उनके विकास को लेकर हम पूरी तरह से तैयार है। वहीं समय-समय पर होने वाले सीवीक एक्शन कार्यक्रम के तहत युवाओं को बीएसएफ की योजनाओं और विकासोन्मुखी कार्यक्रम से युवाओं को जागरूक करने लिए निरंतर प्रयास चल रहा है।
जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर राष्ट्रीय संकट के समय, सीमा सुरक्षा बल फ्रंटियर मुख्यालय उत्तर बंगाल न केवल भारत-बांग्लादेश सीमा का प्रबंधन करने में लगा हुआ है। वहीं मुफ्त चिकित्सा शिविर इत्यादि का आयोजन करके सामाजिक कल्याण की दिशा में भी सीमा वासियों की हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। 01 अगस्त 2021 को 45 वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल तथा रेड क्रॉस सोसाइटी के द्वारा तीनबीघा कम्युनिटी हॉल हल्दीबाड़ी जिला-कूचबिहार पश्चिम बंगाल में एक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर के दौरान 45 वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट सुब्रत रॉय भी मौजूद थे। इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी और सीमा सुरक्षा बल के जनरल फिजिशियन हड्डी रोग विशेषज्ञ स्त्री रोग विशेषज्ञ और अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने सीमावर्ती गांवों और दूरदराज के क्षेत्रों के रोगियों की निःशुल्क जांच की तथा उन्हें दवाईया भी उपलब्ध कराई गई।
मालूम हो कि सीमान्त मुख्यालय उत्तर बंगाल के महानिरीक्षक रवि गांधी के नेतृत्व में सीमा सुरक्षा बल के जवान सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ सीमा वासियों की सेवा में भी हमेशा तत्पर रहते है। इस बार मुफ्त चिकित्सा शिविर इत्यादि का आयोजन करके सीमा सुरक्षा बल के जवान सीमा वासियों के साथ मजबूती से खड़े हैं तथा जरूरत पड़ने पर उन्हें हर हमेशा यथासंभव मदद करने को तैयार रहते हैं। भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के अलावा सीमा सुरक्षा बल के सीमा प्रहरी सीमावर्ती लोगों की सहायता करने के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा, दवाईयां, खाना तथा अन्य जरूरी सहायता सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत प्रदान करते रहते हैं।