सो रही महिला को सांप ने काटा, बीएसएफ ने अस्पताल पहुंचाकर बचायी जान
पवन शुक्ल, सिलीगुड़ी/ कोलकता
देश के दुश्मनों और भारत-बंगलादेश की सीमा पर तस्करों से दो-दो हाथ करने के कारनामें में जुटी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अव्वल है। लेकिन भारत-बंगलादेश की सीमा पर बसे गांवों के आम लोगों की सुरक्षा और उनके हीतों का ख्याल रखने में भी बीएसएफ सीमा पर फ्रंटलाइन जवान के रूप में अपनी पहचान बनने वाले जवानों के चर्चे तो होते रहते हैं। लेकिन सीमा पर बसे गांवों पर एक पीडि़त महिला को सही समय पर अस्पताल पहुंचाकर मानवता की अनूठी मिशान पेश की है। वहीं बीएसएफ समय-समय पर अपने सीवीक एक्शन कार्यक्रम के तहत सीमाई क्षेतों के गांवों में समय-समय पर उनकी सहायता के लिए कार्यक्रम आयोजित करता रहता है। जिसके माध्यम से वहां युवाओं को रोजगार की जानकारी और उनके व्यक्तित्व के विकास की गाथा भी बीएसएफ लिख रही है।
दक्षिण बंगल फ्रंटियर ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 86 वीं बटालियन के जवानों ने ,जो की मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश की सीमा पर तैनात हैं। वहां 30 जुलाई, 2021 को शिकारपुर गांव की एक महिला सुप्रिया मंडल (उम्र 50 वर्ष) को रात में सोते समय लगभग 1.45 बजे एक जहरीले सांप ने काट लिया। इस घटना की जानकारी जब बीएसएफ के सीमा चौकी शिकारपुर के कंपनी कमांडर को मिली तो उन्होंने बिना देरी किये अपनी एम्बुलेंस एक नर्सिंग सहायक के साथ सुप्रिया मंडल के घर भेजी तथा सुप्रिया मंडल को उसके परिवार वालो के साथ इलाज के लिए करीमपुर अस्पताल में इलाज के लिए भिजवाया, मरीज की स्थिति ठीक बतायी जा रही है।
महिला के पति ने बीएसएफ के प्रति जताया आभार
सुप्रिया मंडल के पति नमाई मंडल ने सीमा सुरक्षा बल का आभार प्रकट किया और कहा अगर बीएसएफ सही समय पर सहायता नही करती तो सांप का जहर सुप्रिया मंडल के पूरे शरीर में फैल जाता और जिसके कारण उसकी मृत्यु भी हो सकती थी। वहीं अपने जवानों की इस कारनामें पर 86 बीएस बीएसएफ के कमांडिंग आफिसर सुरेन्द्र कुमार ने जवानों के इस मानवता भरे कार्य की सराहना की। श्री कुमार ने इस कार्य पर खुशी जताते हुए कहा कि सीमा सुरक्षा बल सीमा पर होने वाले अपराधों पर लगाम कसने में अव्वल है। वहीं पीडि़त मानवता की सेवा के साथ–साथ सीमा वासियों के हर सुख दुख में साथ रहती है जिससे सीमा सुरक्षा बल और आम जनता के बीच और मधुर संबंध स्थापित हो सकें।