चार दशक पहले शुरू तेल का खेल, अब डाटा से हुआ मेल

  रिलायंस का कायापलट, तेल के सफर से डेटा तक पहुंचे मुकेश अंबानी

जियो इंफोकॉम ने सारे नेटवर्क की छुट्टी कर दी, कई कंपनियां कतार में

पवन शुक्‍ल, सिलीगुड़ी : चार दशक पहले ही ‘आत्‍मनिर्भर’ भारत की कहानी देश उद्योगपति मुकेश अंबानी ने 1981 में शुरू कर दी। अपने पिता के उद्योग को चलाने में सहायता करनी शुरू की। रिलायंस में काम संभालने के बाद रिलायंस के पुराने वस्त्र उद्योग को पॉलिएस्टर फाइबर में बदला, फिर उसे पेट्रोकेमिकल में आगे बढाया। जिसमें वे 60 नयी विश्वस्तर की तकनीकी का प्रयोग करके रिलायंस की उत्पादन क्षमता 10 लाख टन प्रति वर्ष के आसपास पहुंचायाख्‍ जो अब करीब 1 करोड़ 20 लाख टन प्रतिवर्ष हो गयी। लेकिन मुकेश ने चार दशक बाद अपने अनुभवी योजनाओं के माध्‍यम से मुख्य कारोबार तेल और पेट्रोलियम से रिलांयस को अब डिजिटल दुनिया का बदाशाह बना दिया। जियो इंफोकॉम ने सारे नेटवर्क की छुट्टी कर दी, जियो प्लेटफॉर्म्स के प्‍लेटफार्म में आए दिन कोई बड़ी कंपनी निवेश की कतार में खड़ी हैं। भारत ही विश्‍वपटल पर मुकेश आज डिजिटल क्षेत्र में काफी बड़े नाम बन गया हैं। एक के बाद एक तमाम कंपनियां उनकी कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश कर रही हैं। मालूम हो कि 2012 में उन्होंने अपने एग्जिक्युटिव्स के साथ एक तिमाही की कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जिन चीजों के दम पर हम यहां तक आ गए हैं, भविष्य में उसके जरिए आगे नहीं जाया जा सकता। उन्हें तभी अंदाजा हो गया था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज सिर्फ क्रूड ऑयल और पेट्रोकेमिकल के मुख्य कारोबार से आगे नहीं बढ़ पाएगी और इनकी चमक को वक्त के साथ कम हो सकती है। जिसको बरकारा रखने के लिए उन्होंने डिजिटल वर्ल्ड की दुनियां में एंट्री की और अब तमाम बड़े-बड़े लोग उनसे हाथ मिला रहे हैं, और आत्‍मनिर्भर भारत की नींव को मजबूति देने में अहम योगदान कर रहे हैं।

डिजिटल डाटा ही 21वी सदी का तेल

मुकेश ने कहा था 'डिजिटल डेटा ही इस युग का नया तेल है.' इसके बाद वे करीब करीब 4 साल इसी आइडिया पर काम शुरू किया और 2016 में रिलायंस जियो लॉन्च कर दिया। इसके बाजार में आते ही जो डेटा पहले 100-150 रुपये प्रति जीबी हुआ करता था, वह लगभग फ्री हो गया। आज डेट की कीमत 5 रुपए प्रति जीबी से भी कम हो गई है। कंपनी के शानदार ऑफर्स का कमाल यह रहा कि कंपनी के पास फिलहाल 38.7 करोड़ 4 जी ग्राहक हैं।

ब्रॉडबैंड में भी कर दी क्रांति

रिलायंस जियो ने टेलिकॉम के क्षेत्र में बाजी मारने के बाद ब्रॉडबैंड के क्षेत्र में भी क्रांति कर दी। उसने जियो गिगाफाइबर लॉन्च किया, जिसके तहत बेहद सस्ता ब्रॉडबैंड मुहैया कराया। इसमें महज 700 रुपए प्रति महीने से 10,000 रुपए तक के प्लान लाया। साथ ही डीटीएच पर भी हमला बोल दिया और उसी ब्रॉडबैंड में एक सेट टॉप बॉक्स के जरिए टीवी की सुविधा भी दे दी।

रिटेल से घर-घर पहुंचने की कोशिश

अंबानी को ये भी समझ आ गया कि डाटा के बाद हर घर पहुंचने के लिए आधुनिक रिटेल कारोबार भी है, जो डाटा टेक्नोलॉजी से जुड़ा हुआ है। इसके तहत वे रिलायंस रिटेल (स्‍मार्ट) शुरू किया  और भारत के एमेजॉन/अलीबाबा बनने की कोशिश शुरू हुई। रिलायंस ने अपने स्टोर की संख्या 2,621 से बढ़ाकर 11,784 तक कर ली है। वहीं एक महत्वाकांक्षी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जियोमार्ट भी शुरू कर दिया है।

डेटा के क्षेत्र में दुनिया मान रही अंबानी का लोहा

पूरी दुनिया डेटा के क्षेत्र में आज मुकेश अंबानी का लोहा मान रही है। तभी तो जियो प्लेटफॉर्म्स में एक से एक दिग्गज निवेश कर रहे हैं। इनमें फेसबुक भी शामिल है, जिसने सबसे पहले और सबसे बड़ा निवेश करते हुए जियो प्लेटफॉर्म्स की करीब 10 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली। अब तक करीब 7 बड़ी कंपनियों की ओर से मुकेश अंबानी के जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश किया गया है।