मानव तस्करी से बंगाल से पंजाब बेचा गया था हलीमा बेगम को
अवैध रूप से सीमा पार करते बीएसएफ ने पकड़ा, सुनाई दर्द भरी दास्ता
रोजगार की तलाश में बंगलादेश से अवैध रूप से 15 साल पहले किया था प्रवेश
पवन शुक्ल, सिलीगुड़ी
मानव तस्करी के लिए देश में पश्चिम बंगाल एक एक हब माना जाता है। रोजगार की तलाश में जहां नेपाल के साथ दार्जिलिंग से मानव तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं। लेकिन पड़ोसी देश बंगलादेश से भी अवैध रूप से मानव तस्करी के लिए पश्चिम बंगाल के सीमाई क्षेत्र भी पीछे नहीं है। महिलाओं के मानव तस्करी का अधिकतर उद्देश्य रोजगार के बहाने देह व्यापार के कारोबार में बेच दिया जाता है। इसी प्रकार 13 जुलाई 21 को भारत-बंगलादेश की हीली सीमा पर एक 35 वर्षीय हलीमा बेगम को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के बाद हलीमा ने बताया कि 15 वर्ष पहले रोजगार की तलाश में बंगलादेश से भारत में प्रवेश किया। लेकिन रोजगार के नाम पर बेचा दिया गया और हलीमा बेगम से उसे शौकप्रीत बनाकर उसके जिस्म को रौंदते रहे। पहले जगह काम के लिए उसके शारीरिक शोषण की दांस्ता शुरु हुई। बेचने के बाद पहले 11 वर्ष जहां रही वहां मां भी बन गई, लेकिन परिवार का दर्द उसे सता रहा था। किसी तरह वहां से भागकर वह पंजाब के मानसा बस स्टैड पहुंची। वहां तकदीर ने उसका साथ नहीं दिया और फिर एक महिला दलाल ने उसे पंजाब के भंटिंडा निवासी तोता सिंह को बेंच दिया। वह उसे सहारा देने की बात कह घर ले गया और पत्नी बनाकर शारीरिक शोषण करता रहा। वहां से किसी तरह भागकर वह पश्चिम बंगाल के भारत-बंगलादेश के हिली सीमा को पार करते हुए गिरफ्तार हो गई। हलीमा का दर्द की दास्तां यही बंया कर रही कि बिकती रही हलीमा और लुटते रहे उसके जिस्म।
बीएसएस ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 13 जुलाई 2021 को 61 वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए हिली सीमा पर एक बांग्लादेशी महिला हलीमा बेगम (35 वर्ष) पुत्री अब्दुल हनीब निवासी गांव-हमर मदनपुर भोगदूमा, पोस्ट बीरगंज थाना बीरगंज जिला-दिनाजपुर (बांग्लादेष) को उस समय गिरफ्तार किया, वह अवैध रूप से भारत से बांग्लादेश में सीमा चौकी हिली के बिना बाड़ वाले क्षेत्र से अंर्तराष्ट्रिय सीमा पार करने की कोशिश कर रही थी। पूछताछ के दौरान उसने अपना दर्द बंया करते हुए कहा कि वह 15 साल पहले बिहार के समत नामक एक भारतीय दलाल की मदद से भारत आई थी। वह बांग्लादेश से मालदा सीमा के रास्ते भारत में दाखिल हुई और समत (टाउट) के साथ पंजाब के जिला मानसा चली गई। उसे दलाल ने 10000 रुपये लेकर सरजीत सिंह नामक एक आदमी को बेच दिया। सरजीत सिंह ने उसका शोषण किया और अपने घर में रखा। उसने बताया कि वह लगभग 11 साल तक सरजीत सिंह के साथ रही और एक बच्चे को जन्म दिया जिसका नाम अनसदीप सिंह है। वह सरजीत सिंह के घर से भाग निकली और मानसा बस स्टैंड के पास पहुंच गई। वहां उसकी मुलाकात एक अनजान महिला से हुई। अज्ञात महिला ने उसे तोता सिंह ग्राम-जोगिया केनसिंह, पोस्ट व थाना तेलमुंडी, जिला-भटिंडा (पंजाब) को बेच दिया। खरीदने के बाद तोता सिंह ने उसे पत्नी के रूप में अपने घर पर रखा और उसका नाम शौकप्रीत रखा। तोता सिंह ने भी उसका शारीरिक शोषण किया जिसके कारण वह उसके घर से भाग निकली। अंत में, वह पश्चिम बंगाल के हिली पहुँची और बांग्लादेश में अपने परिवार से मिलने के इरादे से अंतरराष्ट्रिय सीमा को पार करने की कोशिश में पकड़ी गई। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे बीएसएफ ने पुलिस थाना हिली को सौंप दिया गया।
वहीं दूसरी ओर सीमा सुरक्षा बल की 61वीं बटालियन ने एक संयुक्त अभियान में एक भारतीय तस्कर को उसकी कार में छिपाकर एमके डायल 467 बोतलें और फेंसेडिल बोतल 452 के साथ पकड़ा गया। ऑपरेशन सीमा क्षेत्र के साथ बीओपी हिली के एओआर में आयोजित किया गया था। मिली जानकारी के अनुसार बीएसएफ की गुप्त सूचना मिली की सीमा क्षेत्र से एक चार पहिया वाहन से फेंसेडिल समेत दवा को भारत से बंगलादेश की ओर भेजने की फिराक में है। सघन तलाशी अभियान में WB 62K-9917 एक कार दिखी जिसकी तलाशी के बाद उपरोक्त प्रतिबंधित दवा बरामद हुई। वहीं कार में 23 वर्षीय भारतीय तस्कर राजू मंडल पुत्र रेबती मंडल को गिरफ्तार कर कानूनी कार्यवाहीं के लिए पुलिस को सौंप दिया।