सांसों की डोर को थमने नहीं देगा एएवाईएम : कल्‍याण चक्रवर्ती

बंगाल में अमेरिकन एकेडमी ऑफ योग एंड मेडिटेशन खोलेगा योगा सेंटर व अस्‍पताल

कोरोना महामारी की तीसरी लहर डेल्‍ट प्‍लस से निपटने में हर संभव मदद करेग एएवाईएम   

न्‍यूज भारत, सिलीगुड़ी : कोरोना संक्रमण को देखते हुए अमेरिकन एकेडमी ऑफ योग एंड मेडिटेशन (एएवाईएम) ने एक बंगाल मानव सेवा के लिए एक बेहतर योजना की शुरूआत की है। इसके माध्‍यम से लोगों को वर्तमान में योग क्रिया को अपनाने के साथ उसे कैसे करें इसकी जानकारी देगा। वहीं अमेरिकन एकेडमी ऑफ योग एंड मेडिटेशन उत्‍तर बंगाल के कई जगहों पर अस्‍पताल खोलने के साथ योगा सेंटर भी खोलने की योजना पर काम कर रहा है। उक्‍त बातें सोमवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्‍ट क्‍लब में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कलकता हाईकोर्ट के बरिष्‍ट अधिवक्‍ता सह एएवाईएम के कानूनी सलाहकार कल्‍याण कुमार चक्रवर्ती ने कही।

उन्‍होंने बताया कि अमेरिकन एकेडमी ऑफ योग एंड मेडिटेशन एक समाजसेवी संस्‍था है इसके अध्यक्ष डॉ इंद्रनील बसु ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के दौरान से वर्तमान में एक महीने तक चलने वाले वर्चुअल सम्मेलन, 'इंटरनेशनल योगकॉन यूएसए 2021' के माध्यम से (लेट इंडिया ब्रीद) की घोषणा की। श्री बसु से देश की सरकारों सहित कई संगठन, निजी अस्पतालों ने पूरे भारत में इसे लांच करने का अनुरोध किया है। इस बावत डॉ. इंद्रनील बसु रे ने कहा, "एकजुटता ही मानवता की सर्वोच्च आवश्यकता है। हम इसे मानवता को देखते हुए AAYM ने शुरू किया है। AAYM के सदस्य भारत के साथ बंगाल में अपने वादे को पूरा करने के लिए या तो एक संगठन के रूप में या व्यक्तिगत रूप से विविध आपदा राहत पहुंचाने का काम कर रहे हैं। AAYM कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए संस्‍था द्वारा दी जाने वाले वेंटिलेटर तीसरी लहर का मुकाबला करने में फायदेमंद होंगा। वहीं तीसरी लहर में डेल्टा प्लस एक बड़ी आबादी को संक्रमित कर सकता है। पीडीतों को यूनाइटेड हेल्थ के द्वारा सहयोग करने के लिए यूएसए में बोस्टन साइंटिफिक द्वारा निर्मित किये गए आईसीयू वेंटिलेटर जो गैर-आईसीयू उपयोग के लिए अधिक सरल हैं। उन्‍होंने बताया कि सांसों की संख्या को एक सरल तंत्र द्वारा संशोधित किया जा सकता है। इसके लिए मरीजों को इंटुबैट किया जाना चाहिए और वेंटिलेटर से जोड़ा जाना चाहिए और किसी भी वेंटिलेटर की तरह ऑक्सीजन की आपूर्ति से जुड़ा होना चाहिए। यह तब रोगियों के लिए एक साधारण दबाव का उपयोग करता है। जैसा कि वर्तमान COVID-19 तंत्र में प्रचलित है, दबाव में सांस देता है। इस प्रकार, महामारी के तहत ऑक्सीजन की डिलीवरी सुनिश्चित करता है।

वहीं इस संस्‍था ने अमेरिकन एकेडमी ऑफ योगा एंड मेडिटेशन ने 96 को-वेंट्स को पश्चिम बंगाल भेजा है। श्री कल्‍याण ने बातया कि कोरोना महामारी के दौर से पूरी मानवता एक दुर्दशा से गुजर रही है। अमेरिकन एकेडमी फॉर योग एंड मेडिटेशन, अमेरिका में एक गैर-लाभकारी योग और ध्यान संस्था, अपने राहत अभियान लेट इंडिया ब्रीद के हिस्से के रूप में, ने डॉ इंद्रनील बसु रे (अध्यक्ष, एएवाईएम) के नेतृत्व में बंगाल की मदद के लिए 96 कोवेंटिलेटर भेजे हैं। इसमें डॉ अमित चक्रवर्ती, प्रमुख, आपदा और राहत प्रबंधन और उपाध्यक्ष, गौरव सिंह, कार्यक्रम निदेशक, प्रीतिमय चक्रवर्ती, आपदा और राहत प्रबंधन, पश्चिम बंगाल, श्याम परांडे, सेवा भारत के अरुण कनकनी सेवा यूएसए हैं। इसमें मुख्‍य रूप से डॉ. इंद्रनील बासु रे, अध्यक्ष, एएवाईएम इंटरनेशनल, अमित चक्रवर्ती, उपाध्यक्ष, आपदा और राहत प्रबंधन, आयमी अंतरराष्ट्रीय गौरव सिंह, कार्यक्रम निदेशक, एएवाईएम इंटरनेशनल, प्रीतिमय चक्रवर्ती, निदेशक, आपदा और राहत प्रबंधन, पश्चिम बंगाल एडवोकेट कल्याण कुमार चक्रवर्ती, कानूनी सलाहकार और गंगा मिस्सी शामिल है।