वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन में बढ़ी भोजपुरी की मिठास

अच्‍छे काम का एक ना एक दिन मिलता है इनाम : राकेश उपध्‍याय

‘’संगीत की मिठास से कोरोना संक्रमण के लाकडाउन में ‘स्‍वर गुंजन’ से लोगों को सोशल मिडिया के माध्‍यम से जोड़कर तनाव को कम किया। आपदा के इस दौर में लोगों के बीच जिस तरह से गीत-संगीत के स्‍वर से लोगों को जोड़ने के साथ उनके तनाव को कम करने के इस प्रयास की सराहना चारों तरफ हो रही है। संगीत एक ऐसी कला है जिसके मधुर स्‍वर-धुन से लोगों के अंर्तमन को एक सकून मिलता है। बस जरूरत है लोगों के दर्द को समझने और उन्‍हें संगीत के स्‍वर में उनके तनाव को कम करने की।‘’

पवन शुक्‍ल, सिलीगुडी

सुप्रसिद्ध लोक गायक राकेश उपाध्याय वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन द्वारा सम्मानित किया गया है। उत्‍तर प्रदेश के देवरिया जनपद के करौंदी (भलुअनी) के मूल निवासी राकेश उपाध्याय को विश्व की सम्मानित संस्था वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लन्दन द्वारा कोरोना संक्रमण काल में अपनी संस्‍था ‘स्‍वर गुंजन’ के माध्‍यम से लोगों को तनाव मुक्‍त करने के लिए सम्मानित किया गया है। मालूम हो कि राकेश को यह सम्मान वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु मिला है। भारत में जहाँ कोरोना से लोग अपनो को खो चुके तथा तनाव में जीने के लिये मजबूर हो रहे थे। वहीं स्वर गुंजन के अध्यक्ष राकेश उपाध्याय ने सोशल मीडिया के माध्यम से अभिव्यक्ति मंच द्वारा कला, संस्कृति, साहित्य चिकित्सा से जुड़े तमाम नवोदित एवं राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय लोगों की प्रस्तुति करा कर प्रभावित लोगों को मानसिक संजीवनी देने का काम कर रहे हैं। उनकी इन गतिविधियों को देखते हुए विश्व की यह प्रतिष्ठित संस्था ने ई मेल द्वारा सम्मान पत्र भेजकर मान बढ़ाया है । बताते चले कि पूर्वांचल की मिट्टी में पैदा इस लाल ने अपने पारंपरिक लोक गायन के माध्यम से दक्षिण अफ्रीका के डरबन,बैंकॉक, मस्कट (ओमान) और नीदरलैंड में अपनी शानदार प्रस्तुति से भारत का सम्मान बढ़ा चुके हैं। भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद (आई0सी0सी0आर0) के पैनल कलाकार एवं आकाशवाणी महानिदेशालय नई दिल्ली द्वारा "ए" श्रेणी प्राप्त गायक राकेश उपाध्याय ने यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मान मिलने पर प्रसन्नता जाहिर की है। उनका कहना है कि इंसान के अच्छे कार्यों का एक न एक दिन अवश्य मूल्यांकन होता है। इस प्रकार के सम्मान व्यक्ति और संस्था का मनोबल बढ़ाने का काम करते हैं,सम्मान मिलने पर राकेश ने वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स संस्था के प्रति आभार प्रकट किया है ।