गिरफ्तारी, बवाल, बेल, और जेल

नारद मामले में बंगाल के दो मंत्रियों समेत 4 नेता जमानत पर रिहा

देर रात को हाईकोर्ट पहुंची सीबीआई ने दोबारा पहुंचाया जेल

 

 कोरोना संक्रमण पर मिली वेल नारद स्टिंग आपरेशन मामले में सोमवार को बंगाल की सियासत पूरे दिन गर्म रही। सीबीआइ ने सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए बंगाल सरकार के दो मंत्रियों व एक विधायक समेत चार नेताओं को गिरफ्तार किया। जिसे विडियो कांफ्रेंसिंग से निचली अदालत में पेश किया जहां पर अदालत ने आरोपियों के उम्र का हवाला और कोरोना संक्रमण के कारण जमानत दे दी। लेकिन हाई कोर्ट पहुंची सीबीआई ने उनके आदेश को खारिज कर करके 19 तक स्‍थागित करते हुए जेल का आदेश दिया। जिसकी अगली सुनवाई 19 मई 21 को पुन: होगी।
 

 

 शाम लगभग 4:30 बजे वह कार्यालय से बाहर निकलीं। ममता ने आरोन लगाते हुए सवाल किया कि इसी मामले में भाजपा नेता मुकुल रॉय और सुवेंदु अधिकारी भी आरोपित हैं, पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई है। बिना कोई नोटिस दिए मेरी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर हुआ है।

ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, बंगाल

पवन शुक्‍ल, सिलीगुड़ी

कोरोना महामारी और ताउते तूफान से देश में तबही का संदेश दे रहा रहा था। तभी बंगाल की सियासत में ‘खेला हो गया’ केन्‍द्रीय अन्‍वेशण ब्‍यूरो (सीबीआई) ने नारद स्टिंग आपरेशन मामले में कार्यवाई करते हुए ममता बनर्जी सरकार के कद्दावर दो मंत्रियों व एक विधायक समेत चार नेताओं को गिरफ्तारी ने बंगाल में भूचाल खड़ कर दिया। तृणमूल नेताओं की गिरफ्तारी के बाद कोलकाता स्थित सीबीआई आफिस निजाम पैलेस पर मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पहुंच गई। ममता के पहुंचने की खबर प्रदेश में आग की तरह फैल गई। पूरे प्रदेश में भाजपा का विरोध, मोदी, अमित साह के पुतले फूंके गए। वहीं निजाम पैलेस पर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने प्रदेश की मुख्‍यमंत्री के सामने ही कोरोना नियमों की जमकर धज्‍जीयां उड़ी। निजाम पैलेस पर हालत यह रहा कि सीबीआई चारो आरोपियों को कोर्ट न ले जाकर विडियों कांफ्रेंसिंग से पेशी की और नीचली अदालत ने जमानत दे दी। जमानत के तुरंत बाद सालिसीटर जनरल ने मामले को कालकाता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और देर रात को हाईकोर्ट ने चारो की जमानत 19 मई 21 तक रद करते हुए जेल भेजने का आदेश दिया। सीबीआई ने देर रात मंत्री सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम व विधायक मदन मित्रा के साथ ही पूर्व मंत्री तथा कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी समेत चारों नेताओं को रात में ही प्रेसिडेंसी जेल भेज दिया गया और अब मामले की सुनवाई बुधवार को होगी।

बताते चलें कि नारद स्टिंग आपरेशन मामले में सोमवार को बंगाल की सियासत पूरे दिन गर्म रही। सीबीआइ ने सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए बंगाल सरकार के दो मंत्रियों व एक विधायक समेत चार नेताओं को गिरफ्तार किया तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भड़क गईं। विरोध जताते हुए वह अपने पुराने अंदाज में सीबीआइ कार्यालय में धरने पर बैठ गईं। इस दौरान जहां वह करीब छह घंटे तक कार्यालय में ही डटीं रहीं। वहीं उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ता पूर्ण लाकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सड़क पर उतर आए और जमकर कोलकाता समेत पूरे प्रदेश में विरोध-प्रर्दशन किया। इतना ही नहीं निजाम पैलेस पर भारी भीड़ ने जवानों पर पत्‍थरबाजी की जिसपर जवानों का हल्‍का बल प्रयोग करना पड़ा। उधर, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष ने सीबीआइ दफ्तर में ममता की ओर से धरना दिए जाने पर कानून तोडऩे का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कोतवाली थाने में केस दर्ज करा दिया।

नाटकिया मोड़, बवाल, बेल, और जेल

प्रदेश में हुए बवाल के बाद शाम सात बजे गिरफ्तार नेताओं को निचली अदालत  से जमानत मिल गई थी। लेकिन देर रात इस मामले में उस समय नाटकीय मोड़ आया गया।  सीबीआइ इसके खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची और अपना पक्ष रखा, जहां कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर स्थगनादेश लगाते हुए सभी नेताओं को जेल हिरासत में भेजने का निर्देश दिया। सीबीआइ की टीम सोमवार सुबह गिरफ्तारी के लिए मंत्री सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम व विधायक मदन मित्रा के साथ ही पूर्व मंत्री तथा कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी के घर पर पहुंची। सीबीआइ के साथ केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान थे। टीम उन्‍हें अपने साथ चारों को निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यलय ले आई। इसकी जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पुराने अंदाज में जांच एजेंसी के कार्यालय में जाकर बैठ गईं। उन्होंने वहां पहुंचते ही चुनौती देते हुए कहा कि सीबीआइ को मुझे भी गिरफ्तार करना होगा, वरना मैं यहां से नहीं निकलूंगी। शाम लगभग 4:30 बजे वह कार्यालय से बाहर निकलीं। ममता ने आरोन लगाते हुए सवाल किया कि इसी मामले में भाजपा नेता मुकुल रॉय और सुवेंदु अधिकारी भी आरोपित हैं, पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर मेरी पार्टी के नेताओं को बिना कोई नोटिस दिए गिरफ्तार कर लिया गया है।

हाई कोर्ट पहुंची सीबीआइ

सीबीआइ ने चारों आरोपितों को कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट स्थित नगर दायरा अदालत में वर्चुअल पेश किया, जहां से उन्हें शाम करीब सात बजे जमानत तो मिल गई। हालांकि सीबीआइ की ओर से सभी को प्रभावशाली बताकर जमानत का विरोध किया गया तथा रिमांड पर दिए जाने की मांग की गई, लेकिन कोर्ट ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया। उसके बाद रात में सीबीआइ हाई कोर्ट पहुंची, जहां कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर स्थगनादेश लगाते हुए चारों नेताओं को बुधवार तक जेल हिरासत में भेजने का निर्देश दिया।

कार्रवाई को लेकर अपनी-अपनी दलीलें

सूत्रों ने बताया है कि चारों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्यपाल की अनुमति की आवश्यकता थी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पिछले दिनों इसकी अनुमति दे दी थी। जबकि बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि सीबीआइ ने उनकी अनुमति के बिना ही यह कार्रवाई की और यह राज्यपाल के अनुमोदन को भी गैरकानूनी करार दिया।

मैथ्यू ने किया गिरफ्तारी का स्वागत

नारद स्टिंग आपरेशन करने वाले मैथ्यू सैमुअल ने चारों नेताओं की गिरफ्तारी का स्वागत किया है। लेकिन सुवेंदु अधिकारी तथा मुकुल रॉय को गिरफ्तार नहीं किए जाने पर सवाल उठाया है।

टीएमसी कार्यकर्ताओं ने सुरक्षाबलों को बनाया निशाना

पार्टी नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में टीएमसी के कार्यकर्ता भी पूर्ण लाकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सड़क पर उतर आए और कोलकाता सहित पूरे राज्य में सुबह से ही जमकर बवाल किया। कोलकाता स्थित सीबीआइ दफ्तर के बाहर केंद्रीय सुरक्षाबलों पर पत्थर व बोतलें फेंकते हुए बैरीकेड को तोड़ दिया। ऐसे में स्थिति को काबू करने के लिए केंद्रीय बल को लाठीचार्ज करना पड़ा ।

पत्थरबाजी पर राज्यपाल ने जताई चिंता

टीएमसी कार्यकर्ताओं की ओर से केन्‍द्रीय बल पर पत्थरबाजी किए जाने के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि सीबीआइ दफ्तर के बाहर पत्थरबाजी की गई, लेकिन कोलकाता पुलिस मूकदर्शक बनी रही।