तन, मन सहयोग से सफलता के शिखर को छूना

रामनवमी पर विशेष:  एक आह्वान सभी देशवासियों से आओ !

पवन शुक्‍ल, सिलीगुड़ी

शौक और सपने एक हो, तो जीवन के राह में आने वाली सभी बाधाएं भी उसे पूरा करने से रोक नहीं सकती। व्‍यक्ति जब सपनों की दुनियां में खोता है, तो कुछ पल के लिए सपनें अधूरे होते हैं, परंतु लगन दिल है पूरे होने में समय तो लगता है,परंतु वे ख्‍वाब पूरे होते है। एक बात जरूर है कि जिंदगी कभी कभी इम्‍तहान भी लेती, परंतु लक्ष्‍य की प्राप्ति का संकल्‍प और दिल की टीस जब सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है, तो व्‍यक्ति पूरा जरूर करता है। हरियाणा की धरती पर बचपन बिताने वाली ‘’रितु गर्ग’’ के भी सपनों में बचपन से समाज सेवा व काव्‍य की रचनाओं के सपने हिलोरे मार रही थी। लेकिन पारिवारिक जिम्‍मेदारी बीच में रही थी। समय और हालात ने कुछ साथ दिया, लेकिन मन में काव्‍य की रचनाओं का लक्ष्‍य और सामाजिक कार्यो की परिकल्‍पनाएं पूरा करने के लक्ष्‍य को निरंतर पाने का प्रयास करती रही और सफलता मिली। वह अरसों बाद अपनी ‘’ साधना की शख्शियत’’ से पूरा करने के पथ पर अग्रसर हैं। मन की भावनाओं में इच्‍छाएं अनंनत होती है, गांव की गलियों में लड़कियों को सिर्फ पारिवारिक जिम्‍मेदारियों का एहसास की ही शिक्षा दी जाती है। परंतु मन की भावनाएं तो बचपन से काव्‍य रचना, शेरो शयरी, गजल और समाज सेवा की ओर निरंतर बढ़ रही है। उद्देश्य तन मन से सहयोग द्वारा सफलता के शिखर को छूना  है और आज उनकी पहली रचना ‘न्‍यूज भारत’ में राम नवमी पर विशेष प्रस्‍तुत है।  

एक आह्वान सभी देशवासियों से

आओ!

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम

 के जीवन से सीखें!

रामनवमी के अवसर पर

मर्यादा में रहकर कार्य करें!

आनंदमय सभी का जीवन हो

सभी के जीवन में सुख सम्पदा हो!

कुछ ऐसा कार्य करें हम सभी

मर्यादा भी भंग ना हो!

रामनवमी के उत्सव की

खुशियां भी हमें मनानी है!

सभी के जीवन रक्षा की

जिम्मेदारी भी हमें निभानी है!

जीवन की रक्षा भी हो

मर्यादा भी भंग ना हो!

रामनवमी की खुशियां भी

हमारे जीवन में कभी कम ना हो!

कोरोणा महामारी का संकट छाया

जनता का भी मन घबराया!

रामनवमी के शुभ अवसर पर

आओ सभी को बधाई दें!

हर घर जा कर हम सभी

लड्डू और मिठाई दें!

सत्य सनातन धर्म रक्षा के लिए

केसरिया हर घर पर लहराएं!

राजा के वचनों के लिए

 राम ने वनवास स्वीकार किया!

नंगे पांव चलकर 14 वर्षों तक

 जीवन का वनवास स्वीकार किया।

 कष्ट सहकर भी

दुष्टों का सर्वनाश किया।

हम सभी को भी

कुछ साल का बनवास मिला।

सभी को वचनों में रहकर

जीवन की रक्षा है करना।

आओ हम सभी यह सोचें

कुछ वर्षो का वनवास मिला!

जीवन रूपी बगिया को

महकाने का हमें समय मिला!

जीवन जीने की कला सीखे

भावनाओं पर काबू रखें!

आओ हम सभी मिलकर

 एकनया इतिहास रचे!

जब जीवन पर छाए काले बादल हों

तरकस में मर्यादा का तीर रख कर

संयम का बाण चलाए।

अपनी संस्कृति की रक्षा कर

भारत का मान बढ़ाएं।

ऋतु गर्ग

सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल