जीवन जलता मधुमास है.....

महिला काव्‍य मंच की 19वीं काव्‍य गोष्‍ठी संपन्‍न

न्‍यूज भारत, सि‍लीगुड़ी : महिला काव्य मंच, सिलीगुड़ी इकाई की बुधवार को 19वीं महिला काव्य गोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन किरण अग्रवाल जी के मोहक संचालन में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। काव्‍य की रसधारा में गोते लगा रहे लोगों को जब अंजु डोकानियां ने अपनी कविता को सुनाया तो काव्‍य की बयार मन में बह चली। ‘जीवन जलता मधुमास है, मृगमरीचिका सा आभास है। इच्छाओं पे विराम नही, अविरल चलती जल त्रास है। बीते कब आठ पहर जाने, ये काल निशा संत्रास है।‘ वहीं जब अमरावती गुप्‍ता की रचना ‘ बेतहाशा भाग रहा दुनिया की दौड़ में, अपनी जरूरतों से परेशान आदमी। बनावटी शौकों को बहुत दे रहा तवज्जो, आज की दुनिया का ये नादान आदमी। हक़ीक़तों से भागता रहता है बार बार, झूठी ख़्वाहिशों का जबरदस्त शिकार आदमी। गलत मनसूबों को अपने दिल में पाल कर, गिरता जा रहा बुलंदियों से लगातार आदमी। ने लोगों की बाहबाही लूटी। जबकि संचालन कर रही किरण अग्रवाल की काव्‍य रसधारा से जुड़ी ' सामने वाली एक स्त्री, घर से निकलती नही है। सब कहते हैं, अवसाद से भरी है।  यह रचना ने  लोगों के मन में जीवन की पुरानी यादों को तरो ताजा कर दिया।

कार्यक्रम की शुरूआत में दीप प्रज्वलन भारती बिहानी ने और सरस्वती वंदना बबिता कँवल जी ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में हैदरावाद की श्रीमती सरिता सुराना जी ने बहुत ही सुन्दर-सुन्दर कविताओं से गोष्ठी को बसंती बनाया। सोनी केडिया जी की अध्यक्षता बहुत सराहनीय रही। काव्य गंगा अमरावती गुप्ता, निशा गुप्ता, भारती बिहानी, प्रियंका जायसवाल, रूबी प्रसाद, कनकलता झा, संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया, ऋतु गर्ग, अनीता तिवारी, वीणा चौधरी, सुनीता कुमारी प्रसाद, संगीता भारद्वाज, अँजू डोकानिया, सोनी केडिया, मनीषा सिंह के संग अनवरत बहा। अर्चना शर्मा जी और डॉ वंदना गुप्ता जी ने आरम्भ से अंत तक मंच के सभी सदस्याओं की हौसला को बनाएं रखा। अंत में अमरावती गुप्ता जी ने धन्यवाद ज्ञापन कर गोष्ठी का समापन किया ।