छह फर्जी कंपनी व फर्जी बिल बनाकर करता था सीजीएसटी कर की चोरी
भुनेश्वर, बंगाल में कोलकाता, आसनसोल, दुर्गापुर मालदा व सिलीगुड़ी में थी फर्म
एक वर्ष से आनलाइन हो रही थी जांच, नोटिस देकर सिलीगुडी पूछताछ के लिए बुलाया
न्यूज भारत,सिलीगुड़ी: सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) छह फर्जी कंपनी बनाकर और फर्जी बिल के आधार पर जीएसटी चोरी के बड़े मामले का पर्दाफाश सीजीएसटी निदेशक सिलीगुड़ी ने किया है। करीब एक वर्ष गहन जांच के बाद कोलकाता साउथ दमदम, दलियादरी के रहने वाले एक बड़े व्यापारी 53 वर्षीय व्यापारी प्रमोद कुमार बेरीवाल को पहले नोटिस देकर पूछताछ के लिए सिलीगुड़ी बुलाया गया। पंजाबीपाड़ा स्थित सीजीएसटी निदेशक कार्यालय पूछताछ में सीजीएसटी टीम को जब सही जवाब नहीं दे सके। जारी जांच की सत्यतता से इंकर नहीं करने पर विभाग ने उसे तुरंत अधिनियम 132 के तहत कार्यवाही करते गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। हलांकि आरोपी ने अपने बचाव के लिए कोलाकता से अधिवक्ताओं की बड़ी टीमए हवाई जहाज से सिलीगुड़ी कोर्ट पहुंची थी वकीलों कोई दलीलें नहीं चली।
जुर्माने के साथ 50 करोड से अधिक होगा टैक्स
फर्जी वाडे के इस मामले में व्यापारी प्रमोद बेरीवाल के खिलाफ कुल 31करोड़ 60 लाख 27 हजार 641 रुपया सीजीएसटी चोरी कर आरोप है। वहीं जुर्माने के बाद यह करीब 50 करोड़ तक पहुंचता है। बुधवार को सिलीगुड़ी एसडीएम कोर्ट में पेशी के बाद आरोपी को जमानत नहीं दी गई और कोर्ट ने आरोपी को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
प्रमोद के सहयोगियों भी सीजीएसटी के रडार पर
वहीं दूसरी ओर सीजीएसटी विजिलेंस टीम की बंगाल में पहली इस बड़ी कार्रवाई से व्यापार जगत में खलबली मची हुई। वहीं प्रमोद से कारोबार करने वाले व्यापारियों की भी आनलाइन मानीटरिंग की जा रही है। जिसको लेकर आयरन व सिमेंट व्यापार से जुड़े लोगों में चर्चा तेज हो गई है। इस मामले की जानकारी देते हुए सीजीएसटी विजिलेंस विंग के अधिवक्ता रतन कुमार बनिक ने बताया कि आरोपी व्यापारी साउथ दमदम का निवासी है। वह फर्जी तरीके से बंगाल में पाँच व उड़ीसा में एक कुल छह कंपनी खोलकर फर्जी बिल के सहारे सरकार को टैक्स का चूना लगा रहा था। आरोपी प्रमोद ने अपने कंपनियों का पता सिलीगुड़ी, मालदा, आसानसोल, दुर्गापुर व उड़ीस के भुनेश्वर में दिखाय है।
पांच करोड़ से उपर के मामले में गिरफ्तारी का प्रावधान
सीजीएसटी के अधिवक्ता श्री बनिक ने बताया कि वर्ष 2017 में डायरेक्टरेट ऑफ विजिलेंस जीएसटी का उत्तर बंगाल में एक कार्यालय खुला और जो सिक्किम व उत्तर बंगाल के मामले को देखता है। जबकि नियमानुसार अधिनियम 132 के तहत 5 करोड़ तक टैक्स नहीं जमा करने वाले को गिरफ्तार करने का पावरसीजीएसटी के पास है। वहीं टैक्स चोरी करने वाले व्यापारी को पहले कोलकाता में नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुधवार को बुलाया गया था। उचित तथ्य जीएसटी टीम के सामने नहीं दे पाने के कारण उनको गिरफ्तार किया गया है।
प्रमोद की फर्जी कंपनियों की फेहरिस्त
सीजीएसटी विजिलेंस की टीम फर्जी बिल और फर्जी कंपनी के खिलाफ सूची बनाकर जांच में जुटी हुई थी। इस दौरान विभाग के सामने श्री गणेश आयरन, श्री श्याम आयरन, रामपुरिया ट्रेडिंग कंपनी समेत अन्य कई फर्जी कंपनी खोलकर फर्जी बिल के सहारे बिना माल खरीद-बिक्री के ही इनपुट क्रेडिट ले रहा था। लेकिन प्रमोद ने एक भी रूपया सीजीएसटी के टैक्स का 2017 से जमा नहीं किया। आरोपी की कंपनियां सिलीगुड़ी, मालदा, आसनसोल, दुर्गापुर व उड़ीसा के भुवनेश्वर सहित अन्य क्षेत्रों में धड़ल्ले से अपना काम कर इनपुट क्रेडिट लेकर सरकार को चूना लगा रही है। हलांकि आरोपी ने आयरन और सीमेंट की आपूर्ति कर बिल्डरों के नाम पर इसने जीएसटी की चोरी की है। जबकि सीमेंट में 24 फीसदी तो आयरन में 18 फीसदी जीएसटी है।