“विनायकी” को इंसाफ

एक जानवर की जान इंसानों ने ली...!

हत्या पलक्क्ड़ में जांच मल्लापुरम में
जमीन-जेहाद के बाद विनायकी मामले में प्राथिमकी
अमानवीयता की कैसी चरम पराकाष्ठा की उम्मीद नहीं

पवन शुक्ल, सिलीगुड़ीः
संतान के दर्द का एहसास सिर्फ “मां” ही समझ सकती है...!शायद यही दर्द “विनायकी” का...! रहा होगा। पेट की आग बुझाने  “विनायकी” जब साइलेंट वैली से निकली तो क्या पता था, अब साइलेंट वैली नेशनल पार्क अब उसे नहीं देख पाएगी। देश के एक छोर बसे सबसे साक्षर राज्य केरला के इंसानों इतने अमानवीय कैसे हो सकते हैं...!? वहीं देश के एक छोटी सी घटना को लेकर अवार्ड वापसी, छीन के लेगें आजादी गैंग केरल की इस घटना पर जब एक जानवर की जान इंसानों ने ली तो चुप क्यों है...! इस राज्य में सरकार क्या कर रही है यह भी सबसे बड़ा सवाल उठता है। हत्या पलक्क्ड़ में जांच मल्लापुरम में क्यों, दूसरा सवाल एक न्यूज़ चैनल के खिलाफ.देश के सबसे संवेदनशील राज्य जम्मू कश्मीर के घोटाले की खबर पर मुकदमा केरल में क्यों ? उधर पूर्व केन्द्रीय मंत्री मेनिका गांधी ने जब इस घटना को उठाया तो उनपर भी प्राथमिकी दर्ज करा दी गई । कही केरल सरकार भी चीन के नक्शे कदम पर तो नहीं...!?  मालूम हो कि अपनी भावी संतान की बात सोच खून से सने हुए शरीर होने के बावजूद पूरे गाँव में इस उम्मीद में भटकने लगी कि उसे कहीं कुछ खाने को प्राप्त हो जाये पर इस अवस्था में होने के दौरान भी उसने किसी ग्रामीण को नुकसान नहीं पहुँचाया , ना किसी का बसेरा तोड़ा | अपनी व्यथा को कम करने के लिए चुपचाप नदी के बीचोंबीच चली जाती है और अपने प्राणांत तक वहीं निस्वास खड़ी रहती है | इस प्रकार उसके जीवन लीला का भयावह अंत हो जाता है।
उधर सबसे बड़ा सवाल यह है कि हत्या पलक्क्ड़ में जांच मल्लापुरम करने पर भी केरल सरकार की जांच पर सवालियां निशान खड़ा कर दिया।