दार्जिलिंग में आज भी अंग्रेजी हुकुमत जैसे हालात : प्रहलाद सिंह पटेल

बंगाल में कानून का राज नहीं, इसलिए दीदी का जाना तय

राज्य सरकार को सामाजिक सरोकार से कोई लेना देना नहीं

सांसद निधि तक नहीं खर्च कर पाते हैं तृणमूल के सांसद

न्‍यूज भारत, सिलीगुड़ी : पहाड़ों की रानी कही जाने वाले दार्जिलिंग में आज अंग्रेजों के हुकुमत के निशान देखने को मिल रहे हैं। जैसे क‍ि अंग्रेजों के समय से यहां कई प्रकार के टैक्स लिए जाते हैं। लेकिन सुविधाएं कुछ भी नहीं मिल पाती थी वही हालत आज भी दार्जिलिंग की वादियों में देखने को मिल रही है। जबकि आजादी के आज जितनी भी सरकारें बंगाल में आयी सभी ने यहां की जनता पर राज किया है। सुविधाओं के नाम पर ठेंगा दिखया है। सबसे अहम बात यह है कि बंगाल में आज भी कानून का राज नहीं है। चाय बगान श्रमिकों की जो समस्याएं आज 10 वर्षो से ज्यों की त्यों है। आजादी के पहले से रहने वाले चाय श्रमिकों को उनकी जमीन का पट्टा तक नहीं मिल पाया है। न्यूनतम मजदूरी को लेकर लंबे अरसे तक आंदोलन करने पर भी उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हुआ। उक्‍त बातें दार्जिलिंग दौरे पर आए केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल शनिवार को दार्जिलिंग में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सभी संगठनों से अलग-अलग बात करने के बाद पत्रकारों से वार्ता के दौरान कही। पत्रकार वार्ता में उनके साथ दार्जिलिंग के सांसद व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट मौजूद थे। उन्‍होंने कहा कि आज दार्जिलिंग की वादियां को देश-विदेश से आने वाले पर्यटक यहां के सौंर्दय को देखना चाहते हैं, इसके साथ ही यहां सास्कृतिक धरोहर को भी करीब से जानना चाहते हैं। लेकिन अफसोस आज तक यहां कोई बेहतर सुविधा नहीं मिली जिसके कारण पर्यटकों का आगमन कम होता है। इन सारी बातों को ध्यान में रखकर जब सांसद मद से समस्या के समाधान की बात की जा रही है तो पता चलता है कि बंगाल में विरोधी सांसद मद का पैसा भी यहा खर्च नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि बंगाल की जनता परिवर्तन चाहती है जो होकर रहेगा। जहा तक उनको रखो कि सपने को पूरा करने की बात है। भारतीय जनता पार्टी अपने संकल्प पत्र में किए गए वादों को हर हाल में पूरा करती आई है। यहा भी उनका सपना पूरा होगा।

श्री पटेल ने यहां के सामाजिक सरोकारों की चर्चा करते हुए कहा कि सास्कृतिक संगठनों फोक कलाकारों तथा पर्यटन क्षेत्र से बरसों से जुड़े लोगों से बातचीत करके पता चला कि दार्जिलिंग में सास्कृतिक गतिविधियों के संचालन के लिए कोई मंच नहीं है। कोई एकेडमी नहीं है जिसके माध्यम से यहा के कलाकार यहां की संस्कृति को विकसि‍त कर सके। भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं की पार्टी है इसलिए वह प्रत्येक कार्यकर्ता के मान सम्मान का ध्यान रखते हैं। प्रह्लाद सिंह पटेल बैठकों के पूर्व सुबह महाकाल मंदिर में पूजा अर्चना की और व वार मेमोरियल जाकर शहीदों को नमन किया। केंद्रीय पर्यटन मंत्री कल अंतिम दिन के दौरे में मेरी जाएंगे और वहा भी पर्यटक से जुड़ी समस्याओं को नजदीक से देखते हुए वहा के लोगों से बातचीत करेंगे।