अब मां के दूध का कर्ज दूसरी मां उतार सकेगी

रोटरी क्लब ऑफ तिनसुकिया ने असम में दूसरे मां मिल्‍क बैंक का शुभारंभ

न्‍यूज भारत, गुवाहाटी : फैशन की इस दौर में मां के दूध का कर्ज अब दूसरी मां के दूध में बदल सकता है। क्‍योंकि खानपान के बढ़ते प्रभाव के कारण अधिकतर महिलाओं में प्रसव के बाद दूध की कमी अक्‍सर देखा जा रहा है। इसी कमी को पूरा करने के लिए रोटरी क्लब ऑफ तिनसुकिया ने अपने ग्लोबल ग्रांट योजना के तहत अपर असाम के एक नर्सिंग होम में पूर्वोत्‍तर के दूसरे मानव मिल्क बैंक (मां का संग्रहीत दूध) का शुभारंभ कर नए वर्ष पर असाम के लोगों को समर्पित किया। यह मिल्क बैंक ऊपरी असम में अपनी तरह का पहला और उत्तर पूर्वी क्षेत्र में केवल दूसरा है। बतातें चलें कि प्रसाव के बाद जिन मां के पास अपने बच्‍चें के बाद स्तनपान कराने के बाद अतिरिक्त दूध है। तो वह इस बैंक में दान कर सकती हैं इसे पूरी तरह से हाइजीनिक स्थिति में दान करेंगी। इसके बाद दूध को लगे मशीन से पास्चुरीकृत किया जाएगा। वहीं जरूरत के अनुसार दूध बैंक प्रीटरम शिशुओं और बीमार माताओं के लिए फायदेमंद होगा जो अपने बच्चों को स्तनपान नहीं करा सकते हैं। यह मिल्क बैंक जब पूरी तरह कार्य करने लगेगा तो इसकी सेवा 24 घंटे उपलब्ध होगी। इस मिल्क बैंक का उद्घाटन समारोह में जिला 3240 के रोटरी जिला गवर्नर शुभाशीष चटर्जी,अध्‍यक्ष मनोज गोयल,डीइजी डॉ. एमएस कोंवर, मिल्क बैंक पीडीसी के अध्यक्ष डॉ. केडी और अन्य प्रतिष्ठित रोटेरियन और पैरामेडिक्स के साथ मौजूद थे।