संवेदनहीन शहर में फर्राटे से दौड़ती हैं मौत की लारी

कबाड ट्रकों से घरों में गिट्टी-बालू और सड़कों पर बांट रही मौत

परिवहन और पुलिस की मिली भगत से सड़कों पर दौड़ रही कबाड़ ट्रकें

न्‍यूज भारत, सिलीगुड़ी : रात के सन्‍नाटे में सड़कों पर गिट़्रटी, बालू और मिट्रटी लोड़ कर दौड़ती मौत की लारियों (ट्रक) से आए दिन हादसा होता रहता है। इन गाडि़यों से सरकार को जन और धन दोनों का नुकसान होता है। इसका ताजा बीते शुक्रवार की रात पूर्वोत्‍तर के चिकननेक यानि सिलीगुड़ी के इस्‍कान रोड पर हुआ। वहीं इस हादसे के बाद विडियो के फुटेज में संवेदनहीनता का ताजा उदाहरण देखने को मिला। इस्‍कान रोड पर दौड़ रही मौत बांट रही लारी ने एक होनहार युवक को ठोकर मार कर बुरी तरह से जख्‍मी कर दिया। हलांकि बाईक से अपने घर जा रहे युवक के पीछे एक चार पहिया वाहन भी था और समने से कई गाडि़यों का आवगमन भी था, परंतु अफसोस मौत की लारी ने जहां ठोकर मारकर फरार होने की कोशिश की शायद कड़के की इस ठंड़ में गुजर रहे लोगों ने भी उसे समय से अस्‍पताल पहुंचाने की जहमत नहीं उठाई। जिसके कारण हादसे के बाद काफी खून बह गया आज वह जीवन की जंग को मौत से जीतने के लिए लड़ रहा है।

 विवेक की फाइल फोटो व अस्‍पताल में घायल हालत में विवेक की तस्‍वीर

शहर में मौत बांट रही लारियों का सच

 सिलीगुड़ी में गिट्रटी, बालू, बजरी और मिट्टी ले जाने में तकरीबन 99 प्रतिशत सेना की कबाड़ ट्रकों को सस्‍ते दामों पर खरीद कर किया जाता है। कबाड़ के रूप में नीलाम ट्रकों को थोड़ा रंग रोगन कर परिवहन विभाग की अनुकंपा से उसे स्‍थानीय नंबर मिल जाता है। और फर्राटे से सड़कों पर दौड़ने लगती है, और एक बार कागजात बनने पर वर्षो सड़कों पर मौत बाटती रहती है। सबसे बड़ा सवाल पुलिस की र्टैफिक विभाग से बनता है, चौक-चौराहों पर खड़े ट्रैफिक पुलिस क्‍या कभी इन गाडि़यों के पेपर को चेक करते नजर नहीं आएंगे कारण जो भी हो.? उनकी नजर में सिर्फ बाहर से आने वाली गाडि़यों के सीटबेल्‍ट और थोडा गलत होने पर जुर्माने के साथ सुविधा शुल्‍क पर होती है। जबकि वास्‍तव में देखा जाय जो ठोकर मारने वाली ट्रक संख्‍या WB76-A8884 के नंबर प्‍लेट पर आगे पीछे इस तरह से लगा है कि WB76 को आसानी से पढ़ना मुश्किल है, क्‍या कभी ट्रैफिक पुलिस की नजर नहीं पडी.? वहीं दूसरी और उसका बाएं साईड का ही हेड लाइट जल रहा था, जिससे रात के अंधेरे में हादसों को दावत देना लाजमी है। घटना के समय का जो विडियो सामने आया है उससे साफ जाहिर होता है कि अपनी बाईक से विवेक दे जा रहे थे। उनके पीछे एक चार पहिया वाहन भी सामने आ रही ट्रक का एक हेडलाइट बायी और का जल रहा था। हादसे का प्रमुख वजह उसका एक लाईट बताया जा रहा है। ट्रक की ठोकर से विवेक सड़क पर गिर गया और काफी देर उनके बाइक का इंडिकेटर जलता नजर आ रहा है।

एक ही हेड लाइट पर सड़क पर दौड रही थी लारी

18-12 की रात शुक्रवार को बानेश्‍वरमोड एकतियासाल निवासी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उत्‍तर बंगाल मिडिया प्रभारी गौतम दे का 29 वर्षीय पुत्र विवेक दे प्रतिदिन की तरह अपने प्रधाननगर माग्रेट स्‍कूल के सामने फास्‍टफूड के रेस्‍टोरेंट कूलहॉट ( मिट्टी के बर्तन) से प्रतिदिन की तरह बंद कर वापस घर एकतियासाल जा रहा था। श्री दे जैसे ही सेवक रोड से मुड़कर इस्‍कान मंदिर रोड पर गए की सामने से रात के सन्‍नटे में मिट्रटी लदे ट्रक संख्‍या WB76-A8884 ने उन्‍हें सामने से ठोकर मार का बुरी तरह से जख्‍मी कर दिया। स्थानीय लोगों ने इस घटना की सूचना परिजनों को दी। हलांकि घायल श्री दे को काफी चोट सर और पैर में लगे होने के कारण वह अचेत थे। जिन्‍हे सेवक रोड स्थित एक निजी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। सर पर गंभीर चोट लगने के कारण उनकी हालत गंभीर होने के कारण शनिवार को उनकी ब्रेन सर्जरी की जहां वह वेंटिलेटर पर है। वहीं पैर में भी गंभीर चोटें आई है, जिसका इलाज उन्‍हें होश में आने के बाद किया जाएगा।