सुराजपुर विस्फोपट कांड की एनआईए जांच की मांग, मुआवजा भी मिले एक करोड़
गैड़बंग विवि की हालत दयनीय, शिक्षा के मंदीर में शिक्षकों व छात्रो का उत्पीपड़न
न्यूज भारत, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल के मालदा से सटे मुर्शिदाबाद के क्षेत्रों में लव जिहाद के मालले में तेजी से इजाफा हो रहा है। अगर सरकार ने इस पर कोई कानून नहीं बनाया तो आने वाले समय में यह खतरनाक स्तूर पर पहुंच जाएगा। जिससे एक खास आबादी तेजी से प्रभावित हो रही है इसे रोकना आवश्योक है। वहीं सुरजपुर में हुई विस्फो ट की घटना भी बहुत चिंता विषय है इस घटना की जांच जहां एनआईए से करायी जाय, तो वहीं पीडि़त परिवार को दी गई सहायता राशि को दो लाख से बढ़ा कर एक करोड़ की जाय। जिससे पीडि़त परिवार अपने जीवन का सुचारू रूप से चला सके। जबकि राज्यर की तृणमूल सरकार अपने वास्ताविक भूमिका से भटक गई है। उसके इस भटकाव के कारण शिक्षा का मंदिर गैड़बंग विवि शिक्षा के स्तंर में तेजी से गिरावट आई। यहां सरकार के इशारे पर शिक्षकों व छात्रो इस तरह प्रताडि़त करने के मामले सामने आ रहे है। जिसके कारण वहीं इस शिक्षा के मंदिर की हालत तृणमूल सरकार के कारण दयनीय हो गई है। उक्तव बातें दार्जिलिंग में राज्यृपाल से मिलने के बाद सिलीगुडी में पत्रकारों से वार्ता के दौरान भाजपा नेत्री श्रीरूपा मित्र चौधरी उर्फ निर्भया दीदी ने कही। उन्होंने बताया कि मालद और मुर्शिदाबाद में महिलाओं और छोटी बच्चियों के साथ लव जिहाद के माध्यलम से शोषण की भी बात समाने आ रही है। इस मामल में करीब छह सौके ऊपर लव जिहाद के केस दर्ज हुए हैं। इसके ऊपर किसी भी प्रकार का कानून नहीं है, इसी बात का फायदा उठाकर लव जिहाद के ऊपर एक अलग कानून बनने की बात रखी है, ताकि कार्रवाई करने के लिए कोई लीगल हथियार मिल सके । उन्होंने कहा कि कई वर्ष पहले एसिड अटैक विक्टिम के लिए भी किसी भी प्रकार का कानून नहीं था, परंतु अभी एसिड अटैक जैसे के लिए कई सारे कानून बनाए गए हैं। उसी प्रकार लव जिहाद के ऊपर भी कानून बनाया जाए। इस मुद्दे को को ले राज्यपाल के समक्ष रखा इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया है।
दार्जीलिंग में राज्यपाल से मिलकर सिलीगुड़ी में किया पत्रकार सम्मेलन
श्रीरूपा मित्र चौधरी उर्फ निर्भया दीदी सोमवार को राजभवन दार्जिलिंग में महामहिम राज्यपाल से मिलने के दौरान विभिन्न मुद्दे व राज्य की बदहाली के खिलाफ ज्ञापन भी सौंपा। राज्यपाल से मिलकर सिलीगुड़ी लौटी श्रीरूपा मित्र चौधरी ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि प्रमुख मांगों में सुजानपुर विस्फोट के पीड़ितौ के लिए मुआवजे में बढ़ाने की मांग भी शामिल है। इसको की राज्यपाल से विस्फोट कांड की एनआईए जांच की मांग की करते हुए राज्यपाल के सामने निर्भया दीदी ने मालदा गौड़बंग विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित मुद्दे को भी सामने रखा। उन्हों्ने कहा कि बंगाल में धान किसानों को एमएसपी के वितरण में भ्रष्टाचार और सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है जिसे रोका जाय। इन सभी मुद्दों को लेकर श्री रूपा मित्र चौधरी ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। श्री दीदी ने कहा कि दार्जिलिंग के सांसद राजू विष्ट इन सभी मुद्दों पर निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्होपने मालदा के सूजापुर में हुए विस्फोट के दौरान 6 लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है। जिसको लेकर श्री रूपा उर्फ निर्भया दीदी के मन में भी आशंका बनी हुई है। विस्फोट के दौरान कितने लोग मारे गए हैं इसकी जानकारी उन्हें सही रूप से प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने राज्यपाल के पास प्रत्येक मृतक व्यक्ति के लिए परिवार को 10000000 (एक करोड़) रुपए की नुकसान भरपाई की मांग की गई हैं। जबकि राज्य सरकार ने दो लाख क्षतिपूर्ति दिया है, उसकी संख्या बढ़ाकर एक करोड़ किया जाय। इसके साथ ही सूजापुर में हुए विस्फोट को लेकर एनआईए जांच के लिए भी मांग रखी, सूजापुर में जिस जगह में विस्फोट हुआ वहां श्री रूपा मित्र चौधरी को जाने की अनुमति नहीं मिली। उन्होंने कई फैक्ट्रियों में जकर जांच किया कि जिस मशीन से फैक्ट्रियों में काम होता है अगर वहां पर इस प्रकार की विस्फोट होना तो साधारण जनता और मालदा दक्षिण लोकसभा के तरफ से राज्यपाल को एनआईए की जांच के लिए सार्वजनिक मांग रखी है। श्री चौधरी के साथ मालदा के गौरवंग विश्वविद्यालय के कुछ अध्यापक भी राज्यपाल के पास गए थे। साधारण जनता के मांग पर गौड़बंग विश्वविद्यालय की स्थापना की गई परंतु विश्वविद्यालय में हो रहे अत्याचारों के कारण यहां भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित ममाले से विवि की हालत दयनीय हो गई है। वहीं गौडबंग विश्वविद्यालय के अध्यापकों को जान से मार देने की धमकी और कई अध्यापकों को निलंबित किया गया यहां तक कि उन्हें यूनिवर्सिटी तक में घुसने नहीं दिया जाता है। गैर कानूनी कानूनी तरीके से उन्हें निलंबित किया जाता है अगर कोई भी छात्र अर्थ नैतिक दुर्गति के बारे में कहते हैं तो उन्हें भी युनिवर्सिटी से निलंबित कर दिया जाता है। डेढ़ लाख छात्र-छात्राओं अध्यापकों को बातों को ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सिटी में सही तरीके से शिक्षा प्राप्त हो मुद्दे को भी राज्यपाल को कहां गया। निलंबित हुए सभी अध्यापक व छात्रों को पुणे रूप से नकारने की भी बात कही।