गुरुंग के साथ समझौते का सवाल ही नहीं : विनय तमांग
बिमल गुरुंग भगोड़ा कानून अपना काम करेगी : अनिक थापा
न्यूज भारत, कोलकाता : बिहार चुनाओं के बीच बंगाल में चुनावी तैयारियों को लेकर घमासान धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगात है। अपने फायदे नुकसान को देखते हुए नेता पाला बदलने और अपनी जमीन तलाशने की जुगात में जुट गए। पश्चिम बंगाल के ताजा घटनाक्रम में पहाड़ के नेता बिमल गुरुंग और रोशन गिरी भी तीन साल निर्वासित जीवन से मुक्ति पाने का प्रयास करीब-करीब विफल साबित हो रहा है। अचानक कोलकाता में प्रकट होकर भाजपा से नाता तोड़ने की घोषणा के बाद दार्जिलिंग की हसीन वादियों में अचानक गर्माहट पैदा हो गई। एक तरफ कुर्सी जाने के डर से विनय तमांग गुट लामबंद हुआ, तो दूसरी ओर बिमल समर्थक नेता की वापसी पर जश्न की तौयारियों में जुट गए। लेकिन पहाड़ की हलचल के तापमान को नापते हुए सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विनय तमांग को कोलकता में बुलाकर कर बैठक की। बैठक के बाद विनय तमांग व अनिक थापा की पत्रकार वार्ता में बाडी लैंग्वज से पता चला की वह अपनी जमीन खिसकने से बचा लिए।
बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए विनय तमांग ने कहा कि सीएम के साथ बैठक के परिणाम पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने साफ कर दिया कि गोरखा नेता विमल गुरुंग के साथ किसी भी तरह के समझौते का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि सीएम के साथ पहाड़ के विकाश और शांति बहाली पर चर्चा हुई। लेकिन बिमल गुरुंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम बिमल के साथ किसी भी प्रकार का प्रशासनिक और राजनीतिक मंच को साझा नहीं कर रहे। तमांग बिमल के दार्जिलिंग में वापसी का विरोध करते हुए साफ कहा कि दार्जिलिंग के लोग उन्हें वापस नहीं चाहते हैं। क्योकि उनके आने के बाद पहाड़ फिर से अशांत हो ऐसा हम नहीं चाहते। श्री तमांग ने साफ कहा कि जिसपर यूएपीए के सहित लगभग 140 मामले दर्ज हैं। उनके साथ हमारा कोई संबंध कैसे हो सकता है?'
इस बैठक में जीटीए अध्यक्ष अनिल थापा भी सीएम के हुई बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि पहाड़ की धरती हमारी मां है हम किसी भी हाल में अपनी मां का सौदा नहीं होने देगें। क्योंकि वर्ष 2017 से हम तृणमूल के सहयोगी हैं। इसका बाद से ही पहाड़ में शांति है, इसलिए हम पहाड़ को फिर से अशांत नहीं देखना चाहते हैं। वहीं अब पहाड़ से विमल गुरुंग अध्याय बंद हो चुका। उन्होंने जोर देकर कहा कि बैठक में बिमल गुरुंग से संबंधित किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। गुरुंग के प्रति अपने तेवर सख्त दिखाते हुए श्री थापा ने कहा कि वह एक भगोड़ा है और कानून अपना काम करेगा। उल्लेखनीय है कि ममता ने गोजमुमो नेता तमांग और थापा के साथ 1 घंटे तक नवान्न में बंद दरवाजे में बैठक की।
मालूम हो कि जब से गोजमुमो सुप्रिमों बिमल गुरुंग ने तृणमूल में आने की घोषणा की तभी से पहाड़ का माहौल गरम हो गया है। स्वागत और विरोध के बीच आंदोलन शुरू होने की संभावना को देखते हुए लोग सहमें थे। लेकिन मंगलवार को नवन्ना की बैठक के बाद ममता बनर्जी ने पहाड़ को शांत रखने की कोशिश तो की पर बिमल को लाने की प्रमुख रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) की संस्था को लेकर उनकी पार्टी के अंदर ही विरोध के स्वर फूटने उसे कैसे सभांलेगी यह वक्त बताएगा।