करीब डेढ़ साल के भीतर दार्जिलिंग के पांच जिलाधिकारी बदले गए
न्यूज भारत, सिलीगुड़ीः उत्तर बंगाल में जिस तरह से प्रशासनिक अधिकारियों के तबदाले हो रहा है, उससे ममता सरकार में प्रशासनिक छमता कमी नजर आ रही है। राज्य में प्रशासन ठीक ढंग से चलाना अब ममता सरकार के बस में नहीं रहा। जिस जिले में नौकरशाही की समय सीमा तीन वर्ष होती है, वही ममता राज में नौकरशाह डेढ़ वर्ष में पांच बार बदले जाते हैं, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण मेरे लोकसभा दार्जिलिंग का है। वहीं बंगाल के भी आंकड़े मोटा-मोटी यही नजर आ रहा है। उक्त बातें दार्जिलिंग के सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 29 जून 2019 को संजय बंसल को दार्जिलिंग के जिलाधिकारी के रूप में पदास्थापित करने के बाद से ही स्थानंनतरण का सिलसिला शुरू हुआ। उसके बाद दो दिन के बाद ही बंसल को हटाकर उनके जगह पर दीप प्रिया पी को दिया गया। जो केवल 11 महीने के कार्यकाल के बाद उन्हें भी अप्रैल 2020 में जिले के बाहर रास्ता दिखा दिया गया। उनकी जगह पूनमबल्लम एस को लाया गया, जो मात्र 6 के बाद ही जिले से स्थानांतरण कर उनकी जगह अब शशांक सेठी को प्रतिस्थापित किया गया है। श्री बिष्ट ने बताया कि नौकरशाह जो अक्सर लोक प्रशासन क्षेत्र के से होते हैं और उन्हें कम से कम 3 साल का एक सुनिश्चित कार्यकाल होना चाहिए। ताकि वह जिले की स्थिति को समझकर आम जनता को जिन सेवाओं की गारंटी और संविधान परख कर सेवा दे सके। वहीं प्रत्येक अधिकारी को अपने पद के क्षेत्र और दायरे को जानने के लिए समय की आवश्यकता होती है। इससे पहले कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में सक्षम हों और लोगों की सेवा करें। अल्प कार्यकाल से लेकर कुछ महीनों तक पदपर रहने से प्रशासन की गुणवत्ता को नुकसान पहुंता है। उन्होंने कहा कि टीएमसी की संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा नहीं करने पर स्थानांतरण करना किसी भी राज्य या जिले के प्रशासन के लिए ठीक नहीं है। इसलिए मेरी आम जनात से अपील है कि सरकार के इस गलत फैसले के विरोध करने की आवश्यकता है और इसे बंद करना चाहिए।
और महंगा पड़ा डीम को राज्यपाल से मिलना
न्यूज भारत, सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग के जिला मजिस्ट्रेट एस पोन्नम्बलम का सोमवार को राजभवन में बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ मुलाकात करना महंगा साबित हुआ। राज्यपाल से मिलने के कुछ घंटों बाद उनका स्थानांतरण कर दिया गया। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी को संयुक्त सचिव के रूप में भूमि और भूमि सुधार विभाग में स्थानांतरित किया गया है। वहीं पोन्नम्बलम की जगह शशांक सेठी को दार्जिलिंग का नया जिलाधिकारी बनाया जाएगा। जो वर्तमान में पश्चिम बंगाल राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक के रूप में तैनात हैं। मालूम हो कि 2012 के बंगाल कैडर के अधिकारी पोन्नमलबलम को इस साल अप्रैल में दार्जिलिंग डीएम नियुक्त किया गया था। वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल धनखड़ एक महीने की यात्रा पर रविवार को दार्जिलिंग पहुंचे। राज्यपाल के पहुंचने पर दार्जिलिंग के डीएम एस. पोन्नमलबलम, पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष निम्बालकर और सिलीगुड़ी के पुलिस आयुक्त सीपी त्रिपुरारी ने सोमवार को राजभवन में जगदीप धनखड़ से मुलाकात की।