भारत बदल रहा, दुनियां देख रही कई ऐतिहासिक फैसले मोदी के नेतृत्व में : राज्यपाल
मीडिया अपनी ताकत का सही इस्तेमाल करे, मुख्यमंत्री से सवाल करने की उर्जा दिखाए
पवन शुक्ल , सिलीगुड़ी
दार्जिलिंग की खूबसूरत वादियों में कंचनजंगा पर सूर्य पहली किरण से रंग सूर्ख दिखाई देता है। मखमली एहसास देने वाली पहाड़ों की रानी आजकल दार्जिलिंग की वादियों में सूरज की पहली किरण की रौशनी से जहां सूर्ख होने वाली वादियां, आजकल रानीतिक गर्मी से सूर्ख नजर आ रही है। एक तरफ गोजमुमों नेता विमल गुरुंग के तृणमूल में शामिल होने के बाद पहाड़ पर आने का ऐलान। तो दूसरी तरफ जीटीए की सत्ताे पर काबिज विनय तमांग की कुर्सी खतरे में पड़ती देख, दोनों लोगों के सर्मथकों के बीच स्वातगत और विरोध की लहर तेज होने लगी। वहीं दूसरी ओर बंगाल के राज्य पाल जयदीप धनखड़ का एक माह दार्जिलिंग प्रवास सत्तार के गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है।
अपने प्रवास के दौरान राज्यपाल शनिवार की शाम सिलीगुड़ी पहुंचे और रविवार को दार्जिलिग जाने से पहले सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत बदल रहा है, और पूरी दुनिया आज भारत की ओर देख रही है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व में पहली कतार के नेता के रूप में उभरे हैं और देश कभी यह क्या किसी ने सोचा था। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चालबाज चीन को कररा जवाब, तीन तलाक खत्म, कश्मीर धारा 370 खत्म होगा किसी के जहन में था ? वहीं सदिंयो पुराने राम मंदिर के ममाले को हल कर देश को एक नई उचांईयों की ओर ले जाने का प्रयास सराहनीय और सक्षम नेतृत्व की पहचान बनी । वही प्रधानमंत्री के इस प्रयास को पूरी दुनियां ने सराहा है। इसलिए दार्जिलिंग हिल्सा के स्थायी समाधान के संदर्भ में राज्यपाल ने कहा कि गोरखओं की स्थायी समस्या का समाधान बेहतर राजनैतिक विवेक और कुशल नेतृत्व से ही मिल सकता है। उन्होंने मीडिया से कहा कि मिडिया देश का चौथा स्तंयभ है, और इन्हे जनहित में काम करने की नसीहत देते हुए कहा कि मीडिया को सवाल करने की उर्जा राज्य की मुख्यमंत्री के सामने भी दिखानी चाहिए। वहीं मीडिया को अपनी ताकत का सही इस्तेमाल करने की हिदायत देते हुए, उन्होंने कहा राज्य में सवैधानिक प्रधान को ब्लैक आउट करने पर मीडिया चुप रहती है ? मीडिया को अपनी उर्जा व शक्ति का समाज के हित में व सही तरीके से इस्तेमाल करनी चाहिए। उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए उनके दार्जिलिंग में एक महीने के प्रवास को लेकर चल रहे तरह-तरह के कयासों पर लगाम लगाया। वहीं राज्यपाल ऐसे समय में दार्जिलिंग जा रहे है जब विमल गुरुंग एक बार फिर सामने आकर तृणमूल में शामिल होने की बात कही है। इस सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि दार्जिलिंग राजभवन में मेरा कार्यालय है वह पिछली बार दार्जिलिंग जाने को तैयार हुए तो थे, लेकिन मालदा स्टेशन को आग लगाए जाने की समस्या सामने आयी गई थी। इसलिए मुख्यमंत्री से संवाद करने के लिए कोलकाता लौटना पड़ा था, इसके अलावा कोई अलग रणनीति नहीं है। उन्होंने कहा दार्जिलिंग हिल्स की जनता की समस्याएं सूनने व उनका संवैधानिक समाधान निकालने के लिए दार्जिलिंग दौरे पर हैं। राज्य सरकार के साथ उनके विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र पर कब्जा हो गया है अधिकारी नतमस्तक है ऐसे में राज्यपाल कैसे चुप रह सकते हैं ? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की शपथ है कि वह संविधान के दायरे में रहकर लोगों की सेवा करेंगी, जबकि राज्यपाल की शपथ होती है कि वह संविधान की रक्षा व बचाने के लिए काम करेंगा। पत्रकारों से वार्ता के दौरान राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सबसे पहले दहशरा व दशैय उत्सव के लिये उत्तर बंगाल वासियों को बधाई देते हुये अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही कोविड वरियर्स की सराहना करते हुये राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर है, साथ ही राज्य सरकार द्वारा दिये गये तमाम जनहित व सहयोगी योजनाओं को राज्य में लागू नहीं करने को लेकर राज्य सरकार पर नाराज़गी जतायी। पत्रकारों से बातचीत के बाद राज्यपाल दार्जिलिंग के लिये रवाना हो गये।