त्रिशक्ति कोर का महान स्वर्णिम इतिहास रहा 1962,67,71 व 75 का युद्ध : रक्षामंत्री
न्यूज भारत, सिलीगुड़ी : विजयदशमी के पावन पर्व पर ड्रैगन की टेंशन और बढ़ने वाली है। सेना के जवानों का जोश हाई और उनके सिंहनाद की गूंज शनिवार को 33 त्रिशक्ति कोर सुकना (दार्जिलिंग) से एलएसी तक सुनाई दी। वहीं रविवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व सेना प्रमुख मनोज मुकंद नरवने 33 त्रिशक्ति कोर के जवानों के बीच विजयदशमी के पावन अवसर पर शस्त्र पूजा करेंगे इससे जवानों के जोश से चीन हमेशा खौफजदा रहेगा। राजनाथ सिंह व सेना प्रमुख नरवने ने सेना के पूर्वी क्षेत्र में वास्त्विक नियंत्रण रेखा के स्थिति की समीक्षा शनिवार को सुकना में त्रिशक्ति कोर की। क्योंकि सिक्किम सेक्टर में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी)की रखवाली के लिए 33 कोर सुकना सिलीगुड़ी स्थित मुख्यालय में भारतीय सेना की युद्ध तैयारियों की समीक्षा की।
वहीं दोपहर को बागडोरा से हेलीकाप्टयर रक्षा मंत्री व सेना प्रमुख 33 त्रिशक्ति कोर पहुंचे। श्री सिंह दार्जिलिंग व सिक्किम की दो दिवसीय दौरे पर हैं । देर शाम वह जवानों के बीच पहुंचकर सैन्य् ताकतों की समीक्षा की। मालूम हो कि लद्दाख की घटना के बाद सेना ने सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के सीमा के करीब 3500 किलोमीटर लंबी एलएसी पर सैनिकों और हथियारों की तैनाती को काफी बढ़ा दिया गया है। वहीं सेना के अधिकारियों ने रक्षा मंत्री और जनरल नरवने को सिक्किम सेक्टर के एलएसी के साथ-साथ सैनिकों और हथियारों की तैनाती के बारे में विस्तृत जानकारी दी। सेना के जवानों से बातचीत में रक्षा मंत्री ने विजयदशमी के अवसर उन्हेंे बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्र की सीमाओं को रक्षा करने में आपके समर्पण की सराहना जितनी की जाय कम है। आज आप जैसे बहादुर जवानों के कारण ही इस देश की सीमाएं सुरक्षित हैं, और पूरा देश को आप पर गर्व है। रक्षामंत्री ने त्रिशक्ति कोर के समृद्ध इतिहास के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि 33 त्रिशक्ति कोर का स्वर्णिम इतिहास रहा है। जो विशेष रूप से 1962,1967,1971 और 1975 के युद्ध में इस कोर ने अपनी वीरता का परचम लहराते हुए चालबाज चीन को मात दी हमें आप पर गर्व है। वहीं रक्षा मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट कर‘विजयदशमी के त्योहार के लिए आप और आपके परिवार को मेरी शुभकामनाएं देता हूं।‘ वहीं सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिंह दशहरे के अवसर पर रविवार की सुबह सिक्किम के शेरथांग क्षेत्र में शस्त्रपूजा (हथियारों की पूजा) करेंगे। इसके अलावा सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित बुनियादी ढांचा परियोजना का उद्घाटन करेंगे। सिंह बलों की तेज आवाजाही के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे के विकास पर जोर दे रहे हैं।