गोजमुमो प्रमुख गुरुंग ने एनडीए से तोड़ा नाता

दीदी की तारीफ , मोदी-शाह पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

न्यूज भारत, कोलकाता : करीब एक दशक तक भारतीय जनता पार्टी के साथ चोली दामन का साथ निभाने वाले गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग व रौशन गिरी ने पूजा पर अचानक कोलकता में प्रकट हो गए। वहीं गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर वर्ष 2017 में हुए हिंसक आंदोलन में कलिम्पोंग थाने पर हुआ ग्रेनेड हमला, दार्जिलिंग के चकबाजार क्षेत्र में हुए विस्फोट समेत कई मामलों में गैर कानूनी रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के मामलों में तीन वर्षों से वांछित और करीब 150 से अधिक मुकदमों के आरोपी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) के दो प्रमुख नेता बिमल गुरुंग और रौशन गिरि बुधवार को कोलकाता के एक पांच सितारा होटल में संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित करते हुए पीएम व गृहमंत्री पर वादाखिलाफी का आरोप लगया तो वहीं लगे हाथ तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के पक्ष में कसीदे पढ़ते हुए तृणमूल में जाने का एलान कर दिया। हलांकि  कई वर्षों से तलाश कर रही बंगाल पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने की जहमत नहीं उठाई।

श्री गुरुंग ने घोषणा की कि वे आगामी विधानसभा चुनाव तृणमूल के साथ मिलकर काम करेंगे और तृणमूल के साथ मिलकर भाजपा को हराएंगे। वहीं तीसरी बार ममता बनर्जी को सीएम बनाने की भी बात कही। गुरुंग के साथ रौशन गिरि के अलावे गोजमुमो के कई और नेता मौजूद थे।गुरुंग ने कहा कि भाजपा सरकार पहाड़ के लिए स्थायी राजनीतिक समाधान तलाशने में नाकाम रही है। वहीं केंद्र सरकार 11 गोरखा समुदायों को अनुसूचित जनजाति के तौर पर चिन्हित करने के अपने वादे को पूरा करने में नाकाम रही है। श्री गुरुंग ने कहा कि हम 2009 से ही राजग का हिस्सा रहे हैं। लेकिन उसने अनुसूचित जनजाति की सूची में 11 गोरखा समुदायों को शामिल नहीं किया। हम ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, इसलिए आज हम राजग छोड़ रहे हैं। वर्ष 2021 के चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि जो भी दल हमारी मांगों को पूरा करेगी हम उनका साथ देंगे। गुरंग ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पहाड़ छोड़ने के बाद वह तीन साल नई दिल्ली में रहे और दो माह पहले झारखंड चले गए थे। उन्होंने कहा कि अगर आज मैं गिरफ्तार हो गया तो कोई दिक्कत नहीं।