फर्श से चाय का सफर, अर्श तक पहुंचा चायचुन

मार्च 2021 के बाद भारत में लांच होगें फ्रेंचाइजीः राजीव बैद

पहले किशनगंज रेलवे स्टेशन पर घूमकर चाय के पैकेट को बेचते थे

कोरोना संकट में इम्यूनिटी को बढ़ा देगा आर्युवेदा  बैलेंस व “योगा टी”

भारत के साथ विश्व बाजार में अपनी पैठ बना रहा है “चायचुन” के प्रोडक्ट

देश में 15 स्टोर्स, पूरे देश में खुलेगा “चायचुन”, रेलवे स्टेशन पर भी लगाया “टी बुटीक”

पवन शुक्ल, सिलीगुड़ी

कहते हैं चाय एक नशा है, अगर चाय पर चर्चा हो तो चाय नशा बन जाती है। चाय पीने का, पिलाने का या बेचने का अगर नशा है, तो मुकाम हासिल होता ही है। चाय के इसी नशे में डूबकर किशनगंज (बिहार) के युवा उद्यमी ने जीवन के सफर को रेलवे स्टेशन पर पैकेट की चाय बेचने के साथ शुरू की,  और आज भारत समेत दुनिया के कई देशों में अपने चाय के कारोबार को एक नया मुकाम दे रहा है। आज हम बात कर रहे करीब 175 किस्म के चाय बनाने वाले सिलीगुड़ी के युवा उद्यमी राजीव बैद की । हलांकि राजीव के चाय का सफर किशनगंज रेलवे स्टेशन से पैकेट की चाय बेचने से शुरू हुआ, आज भारत समेत दुनियां के  कर्इ देशों में “चायचुन” एक मल्टीनेशनल ब्रांड बनकर उभर रहा है। एक छोटी सी मुलाकत में राजीव बैद ने बताया कि वर्ष 1997 में मैं किशनगंज के रेलवे स्टेशन पर घूमकर चाय के पैकेट को बेचा करता था। करीब पांच वर्षों तक जीवन के संर्घष को बहुत ही इमानदारी से निभाया। वर्ष 2002 में जब किशनगंज में एपेक्स नाम की चाय की कंपनी खुली। तो उसमें मैं ब्रोकर बन गया और चाय कारोबार के सिलसिले में सिलीगुड़ी आन-जाना शुरू हुआ। किस्मत ने  मेहनत को देखते हुए करवट ली, और कंपनी के कारोबार में बेहतर इजाफा हुआ, जिससे  मालिक ने ब्रोकर से 25 प्रतिशत का पर्टनर बना लिया। वहीं से राजीव ने पीछे  मुड़कर नहीं देखा, और खड़ाकर दिया “चायचुन” का बाजार। अपने ब्रांड की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि आज भारत समेत दुनियां के कई देशों में चायचुन के बाजार को खड़ा कर दिया। आज चायचुन के स्टोर पर करीब 175 ब्रांड के चाय उपलब्ध है, जो सेहत के लिए काफी उन्नत हैं। वही चायचुन भारत के अलावा दुनिया के कई देशों में अपने कोरोबार को विस्तार दे रहा है।

इम्यूनिटी बूस्ट करेगा “आर्युवेदा  बैंलेंस” व “योगा टी”

कोरोना संकट के दौरान इम्यूनिटी बुस्ट करने की चर्चा करते हुए श्री बैद ने बताया कि अभी ग्रीन टी में आर्युवेदिक बैलेंस, योगा टी समेत 10 तरह की चाय है जो इम्यूनिटी बूस्ट करेगी। चायचुन के विस्तार की चर्चा करते हुए श्री राजीव ने बताया कि भारत में पहला चायचुन टी बुटिक आसनसोल रेलवे स्टेशन पर खोला है। वहां पर बनी चाय के साथ पैकेट की चाय भी चायचुन पर उपलब्ध है। इस टी बुटिक को लेकर रेलमंत्री ने भी प्रशन्नता जाहिर की है ।  वहीं भारत में अभी चायचुन के 15 मेगा स्टोर्स चल रहे है, विस्तार की योजना पर  कोरोना संकट से थोड़ी बाधा आ गई। बावजूद इसके मार्च 2021 के बाद पूरे देश में हम अपने फ्रेंचाइजी तैयार करेंगे जो चायचुन के बाजार को और विस्तार देंगे।

200 से 30,000 प्रतिकलो तक की चाय उपलब्ध

एवरग्रीन ग्रुप आँफ कंपनीज के मालिक राजीव बैद ने बताया कि आज अपनी आधुनिक फैक्ट्रियों के माध्यम से प्रतिवर्ष करीब 1 करोड़ 50 लाख किलो चाय का उत्पादन कर, चाय के व्यापार को एक नई दिशा दे रहा हूं। वहीं चायचुन के स्टोर पर 200 से लेकर 30,000  रुपये  किलो तक की चाय उपलब्ध है, जो स्वाद व सेहत दोनों के लिए बेहतर है।   

आत्मनिर्भर भारत पर भी जोर

वैसे तो चाय उत्पादन के क्षेत्र में भारत पूरी तरह से आत्मनिर्भर है, लेकिन निर्यात के मामले में थोड़ा कम है। श्री बैद ने बताया कि दुनिया की सबसे बेहतरीन चाय का उत्पादन उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग में होता है। हलांकि निर्यात भी भारत ही करता है, लेकिन क्वालिटी और पैकेटिंग सबसे अहम होता है। हम चायचुन ब्रांड को बेहतर अंर्तराष्ट्रीय बनाने की कोशिश में लगे है। पैकेजिंग को अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने  काम जारी है। हम प्रधानमंत्री के आह्वान को स्वीकार करते हुए निर्यात में भी  आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहे हैं।