337 प्लाॉट से बीएलआरओ ने देवीधर का नाम कटा

भू-माफियायों पर नकेल, बीएलआरओ की बड़ी कार्रवाई, खातीयन के प्लाट 337 से 33 डिसमील जमीन को हटाया
न्यूज भारत, सिलीगुड़ी :
डीपीएस फूलबाड़ी के सामने चतुरगाछ सिपाहीपाड़ा में संजय पाटोदिया की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर मानसिक प्रताड़ना का मामला पिछले चार वर्षों चल रहा था।  इस मामले में   खातीयन के एलआर प्लाट संख्या 337 में कुल जमीन 1.32 एकड़ (132 डिसमील) को रिकार्ड करते हुए लास्ट में 165 डिसमील कर दिया। जिसमें 33 डिसमील अधिक जमीन सबसे अंत में देवीधार रॉय के नाम से किया गया था। हलांकि मामले को संज्ञान में लेते हुए बीएलआरओ ने इस संदर्भ में मिस केस संख्या 1605/BLLRO/ RAJ/20-20 शुरू किया। दोनों पक्षों की उपस्थिति में 10-09-20 को सुनवाइ करते हुए बड़ी कार्रवाइ करते हुए कम्पूटर से 337 प्लाट से खातीयन नंबर 3755 में 33 डिसिमल देवीधार रॉय के नाम से रिकार्ड दिनांक 21-9-20 को डिलीट कर दिया। हलांकि वादी को अभी तक आर्डर की प्रतिलिपी नहीं मिली है। लेकिन बीएलआरओ की इस कार्रवाइ से भू-माफिया में हड़कप है। बाताते चलें कि इस मामले को न्यूज भारत ने दिनांक 5-9-20 को बडी प्रमुखाता से उठाया था। अब 33 डिसमील जमीन कहा से किसको को मिलेगी इस पर भी विराम लग गया। खबर का असर यह रहा कि कम्प यूटर से बीएलआरओ ने 337 नंबर की जमीन को हटाते हुए पीडि़त को न्यामय देने के क्रम में अहम फैसला लिया है। सवाल यह है कि पुलिस प्रशासन किस तरह से अवैध कब्जार हटाने में क्या कार्रवाई करता है, यह भी सवाल है।    
मालूम हो कि इस क्षेत्र में कई कंपनियों भी जमीन के कारोबार से जुड़ी है। दूसरी तरफ चतुरगाछ सिपाहीपाड़ा में संजय पाटोदिया की जमीन पर अवैध कब्जे के मानसिक प्रताड़ना का मामला पिछले चार वर्षों से चल रहा है। आज वह तंग आकर उक्त मामले को लेकर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव समेत विभिन्न अधि‍कारियों को समय-समय पर सूचना पत्र दिया था। इनके मामले को लेकर विभिन्न  प्रकार के मामले भी कोर्ट चल रहें है।  श्री पाटोदिया ने समय-समय पर विभिन्न  पत्रों के माध्याम से स्थारनीय पुलिस प्रशासन समेत बीएलआरओ, डीएलआरओ समेत संबंधित अधिकारियों को पत्र भी सौंपा है परंतु इस मामले में हमेशा इन्हे निराशा हाथ लगी। हद तो तब हो गई जब एक जब एलआर प्लाट संख्या 337 में कुल जमीन 1.32 एकड़ (132 डिसमील) को रिकार्ड करते हुए लास्ट 165 डिसमील कर दिया। बताते चलें कि अगर असल में प्रशासन इन भू-माफियायों पर नकेल कसे तो उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी में औद्योगिक विकास की प्रबल संभावना है। लेकिन भूमि विभाग की मिली भगत के कारण हर आदमी परेशान है। एक बात यह भी सत्य है अगर आप कितनी भी जमीन की जांच करके भी ले लेकिन कोर्इ ना कोर्इ जमीन का वारिश निकल ही आत  है। 10 के स्टंप दिखाकर अपना मलिकाना हक जताने लगता है। अगर मामला लेन-देन से सुधरा तो ठीक है नहीं कोर्ट के चक्कर शुरू हो जाता है।

 उपरोक्त दो खातीयन में पहले दिवाकर साह के नाम के बाद देवीधार रॉय का नाम था परंतु, कम्पूटर के स्क्रीन शाट से देवीधार रॉय के नाम दर्ज 33 डिसमील व नाम 21-9-20 से हटा दिया गया है।