बगान श्रमकिों को मिली मुस्‍काराने की वजह

 श्रमिक बिल से पहाड़, तराई व डुवार्स के चाय बगान मजदूरों को मिलेगी बड़ी राहत: राजू बिष्‍ट

लोकसभा में भूम‍ि संसोधन बिल पास कर बगान मजदूरों को हक देने की मांग उठाई

न्‍यूज भारत, सिलीगुड़ी : आज लोकसभा में श्रमिकों बिल पास होने से जहां देश के असंगठीत मजदूरों को स्वतंत्रता के 73 वर्षों के बाद संसद में पेश किए गए चार श्रम विधेयकों के कारण, हमारे देश के श्रमिक अंततः मजदूरी सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा के हकदार होंगे। वहीं खासकर हमारे लोकसभा क्षेत्र दार्जिलिंग के अलावा तराई व डुवार्स के चाय बगानों के मजदूरों को मुस्‍काराने की वजह मिल गई। उक्‍त बातें दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्‍ट ने लोकसभा में धन्‍यवाद प्रस्‍ताव के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही। संसद में सांसद ने कहा क‍ि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्‍पना "सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन" के मंत्र को ये बिल पूरा करेगा। इस बिल का उद्देश्य श्रमिकों और उद्योग के हित में कई कानूनों को सरल करके 21 वीं सदी के श्रम सुधारों की शुरुआत करना है। इन विधेयकों से देश के संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के लगभग 50 करोड़ श्रमिकों को लाभ होगा, वहीं जो पहले केवल संगठित क्षेत्र के 10 करोड़ श्रमिकों के लिए उपलब्ध होगा। इन प्रावधानों का हमारे क्षेत्र में चाय बागान और सिनकोना बागान श्रमिकों के लिए दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।  श्री बिष्‍ट ने कहा क‍ि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे दार्जिलिंग, तराई व डुवार्स के चाय बागान श्रमिकों को अब उनके वेतन का 85% नकद में प्राप्त होगा, और बागान मालिकों को केवल 15% वेतन मिलेगा। वर्तमान में चाय बागान श्रमिकों की 50% मजदूरी में कटौती की जा रही है। लेकिन ये कानून चाय बागान श्रमिकों को 176 रुपये की वर्तमान दर से बहुत अधिक वेतन का हकदार बना देंगे। जैसा कि ये कानून बागान श्रमिकों को ईएसआईसी में शामिल होने के लिए प्रदान करते हैं, श्रमिक बीमा और बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के हकदार होंगे। उन्‍होंने कहा क‍ि ये कानून ब्रिटिश राज से श्रमिकों के चल रहे शोषण को खत्म करने के लिए बनाया गया था। अब देश भर में सभी श्रमिकों की सुरक्षा, सुरक्षा और समृद्धि में एक नई लहर आएगी। श्री बिष्‍ट ने लोकसभा में सरकार से वन रोपण अधिनियम (2006) जैसे चाय बागान और सिनकोना वृक्षारोपण श्रमिकों के पट्टों की गारंटी के लिए एक नया कानून, वन अधिकार अधिनियम (2006) लागू करने का अनुरोध किया है।

बिल सभी श्रमिकों के लिए निम्नलिखित गारंटी प्रदान करेगा

निश्चित न्यूनतम मजदूरी दर

  समय पर भुगतान

 पुरुष और महिला श्रमिकों के लिए समान समान वेतन

 सभी श्रमिकों की वार्षिक वार्षिक स्वास्थ्य जांच

 सभी प्रवासी श्रमिकों के लिए वार्षिक वार्षिक अवकाश भत्ता

 किराए पर भी सभी प्रवासी श्रमिकों के प्रवास के स्थान पर राशन प्राप्त करने का अधिकार

 संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए पेंशन

 न्यायाधिकरणों के माध्यम से श्रमिकों के मुद्दों का शीघ्र समाधान

 कर्मचारी बीमा कवरेज में वृद्धि और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) अस्पतालों में मुफ्त इलाज

 देश भर में समान मंजिल की मजदूरी दरें, और अन्य सुविधाए।