आतंकियों का गढ़ बन रहा बंगालः राजू बिष्ट

नई दिल्ली गांधी प्रतिमा पर बंगाल के सांसदों ने टीएमसी के विरोध में धरना

न्यूज भारत, सिलीगुड़ीः बंगाल महान विचारकों, दार्शनिकों, शिक्षाविदों, कलाकारों, संगीतकारों की धरती है। यहां लोग भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को प्रेरित किया है। इनमें से राजा राममोहन राय, स्वामी विवेकानंद, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सत्यराज राय समेत तमाम लोगों ने बंगाल का नाम रौशन किया है। वहीं आज बंगाल पहले बामों के राज अब टीएमसी के राज बंगाल अपनी सांस्कृतिक विरासत को खोता जा रहा है। बंगाल के स्थायी विकास और आतंकवाद व घुसपैठ की रोकथाम के लिए गांधी प्रतिमा के समक्षा हमारे बंगाल के सांदद ने एक दिन का धरना रखा। उक्त बातें दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पहले सीपीआईएम और अब टीएमसी शासन में जनाता का काफी नुकसान हुआ है और बंगाल विकासवाद के रास्ते से भटककर  पश्चिम बंगाल को आतंकवाद के रूप में विकसीत हो रहा है। उन्होंने बताया कि रोहिंग्या और बांग्लादेश में अवैध घुसपैठियों को अपने वोट बैंक बढ़ाने के लिए सीमावर्ती जिलों में बसने की अनुमति दी जा रही है। इसने सीमा क्षेत्र में व्यापक जनसंख्या में काफी बदलाव हो गया है जबिक मूल आबादी को कमजोर करने का कुत्सीत प्रयास जारी है। यह समस्या सिर्फ बंगाल के लिए ही नहीं अपितु राष्ट्रीय सुरक्षा को भी गंभीर खतरा है। वहीं टीएमसी नेताओं के घरों में बम बनाते समय विस्फोट की कई घटनाएं सर्वविदीत है। वहीं नकली नोट के रैकेट का करोबार बड़े पैमाने पर है, इसके अलावा ड्रग्स और कंट्राबड ट्रैफिकिंग और मानव तस्करी पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक हैं। वहीं अभी पश्चिम बंगाल में कई आईएसआई लिंक उजागर हुए हैं। जिससे पश्चिम बंगाल में सुरक्षित ठिकाना मानते हुए पनाह ले रहे हैं, जिसमें जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश के आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है, और कल एनआईए ने राज्य से अल कायदा के आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। यह सब बिना सत्तारूढ़ दल के बिना संभव नहीं होगा। वहीं टीएमसी सरकार में पुलिस राज को उजागर हुआ है, जिसमें  राजनीतिक विरोधियों की हत्या की, अत्याचार किया और उनके खिलाफ बोलने वालों को सताया जारहा है। इसलिए अब टीएमसी को  सत्ता में बने रहने का अधिकार खो दिया। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह अलोकतांत्रिक और अत्याचारी शासन पश्चिम बंगाल की पवित्र भूमि से उखाड़ फेंका जाए।