साधना की शख्शियत-47
एक वर्ष से रैप सांग पर खुद ही कर रहा प्रयास, रैप सिंगर रफ्तार को बताया आईकाँन
पवन शुक्ल, सिलीगुड़ी
किसी को उसकी मंजिल की तरफ ले जाने का जब नशा चढ़ जाय, तो समझ लो कि मंजिल बुला रही है। संगीत, नृत्य या प्रतियोगि परीक्षा का हो अगर किसी युवा को नशा हो गया तो, वह मंजिल पर कदम रखकर ही चैन की सांस लेता है। पूर्वोत्तर के चिकननेक कहे जाने वाले शहर सिलीगुड़ी में एक 13 वर्षीय प्रनब मंत्री को रैप का नशा इस कदर चढ़ा कि वह अकेले दम पर एक मुकाम की राह पर चल पड़ा। हलांकि प्रनब अभी आठवीं कक्षा का छात्र है पर परिवार में दूर-दूर तक कोई संगीत या रैप सांग के बारे में नहीं जानता है। गत एक वर्ष से अपने रैप सांग को खुद रिर्काड करके खाद यू-ट्यूब में शेयर कर रहा है। हलांकि अभी चाहने वालों की संख्या कम है, परंतु जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है उससे उसकी मंजिल दूर नहीं है। अपने इस रैप सांग को लेकर प्रनब ने बताया कि हम किसी से अभी तक कुछ सीखा नही हूं। हम रैप सांग को देखकर मन में हुए कि कुछ करूं, शुरू कर दिया। प्रनब ने कहा कि करीब-करीब सभी रैन सिंगर को सुनता हूं परंतु मेरी सबसे अधिक रूचि रफ्तार में है, उसी को अपना आईकाँन मानता हूं। अपनी पढ़ाई को लेकर प्रनब ने बताया कि मैं पढ़ाई की तरफ भी ध्यान दे रहा हूं, लेकिन साथ में रैप सांग की तैयारी जारी रहेगी। मालूम हो कि शहर में प्रतिभा की कमी नहीं है। प्रतिभाएं स्वयं उभर रही है, बस जरूरत उन्हे निखारने की। हलांकि अगर देखाजाय तो मंच की कमी के साथ बहुत सी बाधाएं भी है लेकिन अपनी मंजिल का रास्ता चुनने वाले खुद बखुद रास्ता तय करते हैं। मालूम हो कि प्रनब के पिता नरेश मंत्री एक ब्यापारी है मां बीना मंत्री गृहणी पर प्रनब के इस रैप सांग को लेकर सभी सहयोग कर रहे हैं। व्यापारिक घराने में रैप सांग का कलाकार आने वाले दिनों में उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी कानाम रौशन कर सकता है, बस जरूरत है उसे सही रास्ते लेजाने की।