न्यूज भारत, सिलीगुड़ी : लोकसभा में दार्जिलिंग सांसद राजू बिष्ठ ने तेनजिंग नोर्गे शेरपा के अदभूत और साहसीक कारनामें को देखते हुए सरकार से 'भारत रत्न' देने की मांग की। उन्होंने ने लोकसभा में अपने बयान के दौरान कहा कि 29 मई 1953 को जब तेनजिंग नोर्गे शेरपा और एडमंड हिलेरी माउंट एवरेस्ट की चोटी पर जब फतह हासिल की तो एक भारतीय ने इतिहास रचा दिया। अपने जुनून की दृढ़ता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत कर भारत व गोरखाओं का गौरव बढ़ाया। उनके इस अनोखे फतह को आज दुनिया भर के लोग सलाम करते है। संसद ने बताया कि "तेनजिंग नोर्गे शेरपा गोरखा पृष्ठभूमि से आने के बावजूद पूरी दुनिया के लिए आइकॉन बने है। उन्होंने इस असाधारण फतह को बहुत कठीन परिस्थितियों में पूरा किया है। वहीं उनके इस असाधारण पराक्रम सलाम करते हुए उन्हें भारत के अलावा कई देशों ने 1953 में जॉर्ज मेडल, विशेष ओलंपिक पदक, ईरान शाह मेडल, नेपाल तारा, यूएसएसआर स्पेशल मेडल, फ्रेंच स्पोर्ट्स स्पेशल मेडल और कई अन्य पदक से सम्मानित किया गया था। वहीं उन्हें 2000 में लाइफ मैगज़ीन द्वारा दुनिया के 10 सर्वश्रेष्ठ में उनका भी नाम है, वहीं उन्हें 1999 में टाइम पत्रिका द्वारा दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक घोषित किया गया था। इसके साथ ही नासा ने उसे प्लूटो के पहाड़ों में से एक का नामकरण करने के साथ "तेनजिंग माउंटेन" रखकर उन्हें सम्मानित किया है। जबकि भारत ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया है और उनके नाम पर सर्वोच्च साहसिक खेल पुरस्कार दिया है। हालांकि, उनके इस अनोखे करतब के लिए हम सर्वोच्च सम्मान के योग्य होने के बावजूद आज भी देश सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न नहीं मिली। हम मांग करते हैं देश के इस सर्वोच्च सम्मान से तेनजिंग नोर्गे शेरपा को दिया जाया। सांसद ने तेनजिंग नोर्गे शेरपा के बावत कहा कि हमारे संसदीय क्षेत्र दार्जिलिंग पहाड़ियों, तराई और डूअर्स के लोगों के बीच आज भी तेनजिंग नोर्गे शेरपा एक आईकॉन है और सम्मान मिलता है वहीं, हमारे देश के अलावा दुनिया भर के लोगों में शेरपा के इस साहसिक कदम की चर्चा का विषय है। इस लिए हम सरकार से मांग करते करते हैं की गोरखाओं के सम्मान के लिए भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित करके उन्हें और उनकी विरासत व गोरखाओं के सम्मान को सम्मानित करना होगा ।