विधानसभा चुनावों की तैयारियों जुटी कांग्रेस, अधीर रंजन चौधरी को पश्चिम बंगाल में पार्टी की कमान सौंपी
न्यूज भारत, नई दिल्ली : बंगाल में चुनाव की तारिखों की घोषणा भले ही नहीं हुई पर राजनीतिक विसाद पर मंथन शुरू हो चुका है। इसक्रम में कांग्रेस ने बंगाल कद्दावर नेता सांसद अधीर रंजन चौधरी को पश्चिम बंगाल की कमान सौंप दी है। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी पर अपना भरोसा जताते हुए पश्चिम बंगाल इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। श्री चौधरी पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू की है। वहीं कांग्रेस की ओर से इसकी आधिकारिक घोषणा की गई है। मालूम हो कि हाल ही में पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सोमेन मित्रा के निधन से यह पद खाली हो गया था, इस पद के लिए श्री चौधरी को बेहतर समझा गया। इस बावत पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चौधरी को पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष तत्काल प्रभाव से नियुक्त किया है। वही इससे पहले भी लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी फरवरी 2014 से सितंबर 2018 तक पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं बंगाल में कांग्रेस के विस्तार को बढ़ाने के लिए कुछ दिन पहले बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब्दुल मन्नान ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से बंगाल प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष पद अधीर रंजन चौधरी को सौंपने का अनुरोध किया था।
वहीं बंगाल में कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में जो दावेदार माने जा रहे थे उसमें लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य, अब्दुल मन्नान, नेपाल भट्टाचार्य व पूर्व केंद्रीय मंत्री दीपा दासमुंशी के नाम शामिल था। श्री चौधरी बहरामपुर से लोकसभा सीट से सांसद हैं। वहीं उनके के लिए नई जिम्मेदारी भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पश्चिम बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। बंगाल में कांग्रेस के सामने अपनी प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती है जिसके लिए अधीर रंजन चौधरी मजबूती से लड़ सकते हैं। श्री चौधरी की बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हमेशा आर-पार की लड़ाई रहे है। बताते चलें कि अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सदन का उपाध्यक्ष के चुनाव का आग्रह किया था। उनका कहना है कि पहले ही एक साल बीत चुके हैं और उपाध्यक्ष नहीं चुना गया है। ऐसे में अब मानसून सत्र में उपाध्यक्ष जरूर चुन लिया जाना चाहिए। पिछले संसद के सत्रों में देखा गया है कि श्री चौधरी सरकार पर तीखे हमले बोलते हुए हाल ही में जीडीपी के नकारात्मक स्तर पर जाने को लेकर केंद्र पर निशाना साधा था।